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Rimpi chaube
जिंदगी जाने कब ले करवट, कब ले जाने ये मुंह फेर।। तुम सबसे यारी रखो मित्रों, ना रखना तुम किसी से भी बैर।। छोटा सा तो हैं जीवन अपना, फिर कैसा शिकवा कैसी रंजिश। जीना खुलकर......तो पंख खोल, और कर ले जाकर..... खुले आसमान की सैर।। ©Rimpi chaube #खुले_आसमान_की_सैर ☁️🪂 जिंदगी जाने कब ले करवट, कब ले जाने ये मुंह फेर।। तुम सबसे यारी रखो मित्रों, ना रखना तुम किसी से भी बैर।। छोटा सा तो
ब्रJESH Chanद्रा
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Sangeeta Kalbhor
कागज पर उतर आओ ना.. लिखने बैठी हूँ मैं तुम्हें कागज पर उतर आओ ना नही सुझ रहा है कैसे लिखूँ तुम ही लिखने आओ ना..... लिख देना ओ सब बातें जो मैं तुमसे कहना चाहती हूँ हूँ दूर ही सही पर ऐ दिल मैं तुमसे दूर नही रह पाती हूँ लिख देना वो भी मुराद तुमसे कोई गिला शिकवा नही तुम हो प्रीत मेरी.... तुम्हें भूल पाना संभव ही नही देखो तुम ए भी लिख देना कोई अधिकार नही तुम पर तुम जहां में जहाँ भी रहो प्रेम करती रहूँगी तुम्ही पर..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor कागज पर उतर आओ ना.. लिखने बैठी हूँ मैं तुम्हें कागज पर उतर आओ ना नही सुझ रहा है कैसे लिखूँ तुम ही लिखने आओ ना..... लिख देना ओ सब बातें
Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** दरीचे *** " गिले-शिकवे तमाम रखेंगे , मुहब्बत के दरीचे तमाम रखेंगे , फिर तुझसे कैसे और क्या मिला जाये , बात जो भी फिर गिला - शिकवा का क्या किया जाये , यूं रोज़ आयेदिन तुमसे सामना होता ही रहेगा फिर किसी ना किसी बहाने , मुहब्बत की पुर-ख़ुलूस मुहब्बत ही रहेगा , दिल को दिलासा ना देते तो क्या देते , इस एवज में दिल को तुझे मुहब्बत करने से सुधार तो नहीं देते , यूं देखना भी फिर देखना ही हैं यूं तसव्वुर के ख्यालों से , फिर किसी और की तस्बीर लगा तो नहीं देते , जो है सो है फिर किसी और को पनाह तो नहीं देते , दिल फिर इस इल्म से गवारा क्या कर लें , तुझे छोड़ के फिर से इश्क़-मुहब्बत दुबारा कर लें . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** दरीचे *** " गिले-शिकवे तमाम रखेंगे , मुहब्बत के दरीचे तमाम रखेंगे , फिर तुझसे कैसे और क्या मिला जाये , बात जो भी फिर गिल
दीपा साहू "प्रकृति"
तुम्हें न पाकर भी मैनें पा लिया, ता'उम्र तुम्हें चाहने की ख़्वाहिश है, तुम्हें पाने की अब कोई ज़िद्द नहीं। तुम्हारा मेरी ज़िंदगी में आना ही खुशनसीबी थी मेरी। बस शुक्रिया रब का । मिलों न मिलों कोई शिकवा नहीं शिकायत नहीं। ©दीपा साहू "प्रकृति" #Prakriti_ #deepliner #tum #love #poem #poetry #shayri #best_friend तुम्हें न पाकर भी मैनें पा लिया, ता'उम्र तुम्हें चाहने की ख़्वाहिश है,