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N S Yadav GoldMine

#Buddha_purnima {Bolo Ji Radhey Radhey} जीवन इतना गंभीर नही, जितना मन, और हम बना देते है, या हालात के कारण मान लेते है।। #विचार

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Sai Angel Shaayari

कोई भी मैरिज हो, शादी के बाद नवदंपति अलग रहें. लड़की तो अपने बाप का घर छोड़ती ही है, लड़का भी अपने बाप का घर छोड़े. अलग किराये के घर पर रहें, जब #Life

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कोई भी मैरिज हो, शादी के बाद नवदंपति अलग रहें. लड़की तो अपने बाप का घर छोड़ती ही है, लड़का भी अपने बाप का घर छोड़े. अलग किराये के घर पर रहें, जब तक दोनों अपनी कमाई से अपना घर नहीं बना लेते. जब किसी भी तरफ के मां बाप गंभीर बीमार पड़ें तो दोनों अपनी सुविधा व फुरसत के हिसाब से जाकर देखभाल कर दें. जब वे स्वस्थ हो जाएं तो दोनों अपने घर वापस आ जाएं. 24 घंटे व 365 दिन मां बाप के साथ रहना जरूरी नहीं.

©Sai Angel Shaayari कोई भी मैरिज हो, शादी के बाद नवदंपति अलग रहें. लड़की तो अपने बाप का घर छोड़ती ही है, लड़का भी अपने बाप का घर छोड़े. अलग किराये के घर पर रहें, जब

INDIA CORE NEWS

मैनपुरी में हुआ बड़ा सड़क हादसा चार लोगों की मौत ट्रैक्टर ट्राली में ट्रक ने मारी ने पीछे से टक्कर मौके पर तीन की मौत एक की अस्पताल में म #Video #New #SAD #viral #Trading #new_post #viral_video

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Cricket

RCB vs KKR गले लगकर कोहली- गंभीर ने की 'विराट' दुश्मनी खत्म #gautamgambhir #ViratKohli #IPL2024 #RCBVSKKR #hunarbaaz

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- जीवन के हर रंग से , कर ले तू पहचान । इच्छा यहाँ अनंत है , करती नित व्वयधान ।।१ जीवन के इस रंग से , होते क्यों  हैरान । त्याग नहीं जी #कविता

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दोहा :-
जीवन के हर रंग से , कर ले तू पहचान ।
इच्छा यहाँ अनंत है , करती नित व्वयधान ।।१
जीवन के इस रंग से , होते क्यों  हैरान ।
त्याग नहीं जीवन कभी , संग चले भगवान ।।२
संकट सम्मुख देखकर , हो जाता हैरान ।
छोड़ चले जीवन यहाँ , पल भर में इंसान ।।३
मुश्किल से मुश्किल घड़ी , हो जाती है दूर ।
थोड़ा बस संयम रखो , होते क्यों मजबूर ।।४
मत कर जीवन से कभी , तू अब ऐसी चाह ।
जो फिर कल दीवार बन , रोके तेरी राह ।।५
धर्य-रहित जीवन जियो ,  संकट जाओ भूल ।
दें गिरधर आशीष तो , सब बन जाएं फूल ।।६
सत्य सनातन धर्म के , होते मीठे बोल ।
बतलाते जीवन यहाँ , सुन लो है अनमोल ।।७
जीव-जन्तु मानव यहां , सब में भरा कलेश ।
मृत्युलोक का है यही , सबको ये संदेश ।।८
जाना सबको है उधर , रख ले धीरज आज ।
अभी तुम्हारे बिन वहाँ , रुका न कोई काज ।।९
जीवन के हर रंग में , कर्म रखोगे याद ।
ये ही जीवन से तुम्हें , कर देंगे आजाद ।।१०
ये जीवन संग्राम है , विजयी होते धीर ।
मीठी बोली प्रेम की , भरे घाव गंभीर ।। ११
१४/०३/२०२४      -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :-
जीवन के हर रंग से , कर ले तू पहचान ।
इच्छा यहाँ अनंत है , करती नित व्वयधान ।।१
जीवन के इस रंग से , होते क्यों  हैरान ।
त्याग नहीं जी
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