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Dishu Prashar

"मेरी आवाज़ "

समाज से दूर करो इन दुराचारियों को

अब और सहा नहीं जाता 

मिट्टी में मिला दो इन जिस्म के व्यापारियों को ।

क्यों देर करते हो इतनी 

समझा दो कोई इन अधिकारियों को,

अब सिर्फ एक ही मांग है हमारी 

सिर्फ फांसी दो इन बलात्कारियों को ।।

@Dishu Prashar #आक्रोशित_मन #देशप्रेम #देशकीबेटी 

#Stoprape

Pancham@मैं_तो_लिखूँगा.

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Puja Kumari✍️

"एक माँ का डर- बेटी तुम मत जाना" आख़िर कब तक डर कर जीना होगा!! हम बेटियां जानना चाहती हैं?? #शर्मनाक_ज़िन्दगी #शर्मशार_दुनियां #आक्रोशित_मन N #कविता #nojotovideo

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Sujeet Dwivedi

#Pulwama#killings Time for Action.. Definite & Deafening..Shut down #high #Commissions मेरे अंदर का जवान और कवि दोनों आहत भी हैं और आक्रोश

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 #Pulwama#killings  Time for Action.. Definite & Deafening..Shut down #High #Commissions 
मेरे अंदर का जवान और कवि दोनों आहत भी हैं और आक्रोश

kunwar Surendra

मैं ढूंढता रहा एक ठिकाना जहाँ बैठ कर लिख सकू एक सकूं भरी कविता मैं झील किनारे गया वहां लिखी कविता शांत लगी फिर बाजार में गया वहाँ जो लिखी क #Poetry #Life #poem #nojotohindi #kunwarsurendra

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मैं ढूंढता रहा एक ठिकाना
जहाँ बैठ कर 
लिख सकू एक सकूं भरी कविता
मैं झील किनारे गया
वहां लिखी कविता शांत लगी
फिर बाजार में गया
वहाँ जो लिखी कविता तो
वो मुझे व्यापार लगी
भीड़ वाली आक्रोशित थी
सफर वाली व्याकुल
समाज में सांसारिकता दिखी
मंदिर में परेशान त्रस्त दुनिया दिखी
मरघट में जाकर 
जमीन पर आखिरी सांस लिखी
वो सकूं वाली कविता आखिरी लिखी
Kunwarsurendra मैं ढूंढता रहा एक ठिकाना
जहाँ बैठ कर 
लिख सकू एक सकूं भरी कविता
मैं झील किनारे गया
वहां लिखी कविता शांत लगी
फिर बाजार में गया
वहाँ जो लिखी क

आशुतोष आर्य "हिन्दुस्तानी"

#एक_सुंदर_रचना_आपके_साथ_साझा_कर_रही_हूँ #अवश्य_पढ़े #राजनीति राजनीति का रंग निराला। जनता का हो रहा दीवाला। आक्रोशित लोगों में ज्वाला। कोई नह #जयसियाराम #वन्दे_मातरम

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#एक_सुंदर_रचना_आपके_साथ_साझा_कर_रही_हूँ #अवश्य_पढ़े
#राजनीति

राजनीति का रंग निराला।
जनता का हो रहा दीवाला।
आक्रोशित लोगों में ज्वाला।
कोई नह

Triveni Shukla

!! फिर काली का हो अवतार !! बढ़ते कलियुग की छाया में पाया असुरों ने फिर आकार, फिर काली का हो अवतार फिर काली का हो अवतार! सत्यभूमि अब बनी मरु #devotion #navratri #yqbaba #philosophy #yqdidi #yqhindi #aestheticthoughts

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बढ़ते कलियुग की छाया में 
पाया असुरों ने फिर आकार, 
फिर काली का हो अवतार 
फिर काली का हो अवतार! 

सत्यभूमि अब बनी मरुस्थल 
झूठ की बढ़ रही पैदावार, 
फिर काली का हो अवतार 
फिर काली का हो अवतार! 

विकराल रूप इस महिषासुर से 
नहीं पा रहा कोई पार, 
फिर काली का हो अवतार 
फिर काली का हो अवतार! 

बूँद बूँद अब रक्तबीज की 
मचा रही है हाहाकार, 
फिर काली का हो अवतार 
फिर काली का हो अवतार! 

शोषित जन का आक्रोशित मन 
अब करे निरंतर यही पुकार, 
फिर काली का हो अवतार 
फिर काली का हो अवतार!  !! फिर काली का हो अवतार !!

बढ़ते कलियुग की छाया में
पाया असुरों ने फिर आकार,
फिर काली का हो अवतार
फिर काली का हो अवतार!

सत्यभूमि अब बनी मरु

एक इबादत

# स्वीकार Shayra Kom Ankita Patel vikram barnwal Deepak Raj Patalwansi #भले ही बोलियों और भाषाओं में दूर का नाता है लेकिन जिस प्रकार सभी

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कलयुग में खून का रिश्ता भी अब मजबूत नही,सात फेरों -दिल के बंधन भी नाजुक हो उठे चले है,

शुक्र है हम साहित्य वालों का....बोली ,भाषा से जोड़ नाता,एक अनोखा परिवार का निर्माण कियें है...!! # स्वीकार 
Shayra Kom 
Ankita Patel 
vikram barnwal 
Deepak Raj Patalwansi
#भले ही बोलियों और भाषाओं में दूर का नाता है लेकिन जिस प्रकार सभी

रजनीश "स्वच्छंद"

जलती चिताएं।।। जलती हुई चिताओं पर जब राजनीत गरमायेगी। देश के युवा कृत्यों पर हर एक बाला शरमायेगी। भाई पिता चाचा ताऊ, रिश्ते मृत्यु को पाएं #kavita #कविता #nojotophoto

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 जलती चिताएं।।।

जलती हुई चिताओं पर जब राजनीत गरमायेगी।
देश के युवा कृत्यों पर हर एक बाला शरमायेगी।

भाई पिता चाचा ताऊ,
रिश्ते मृत्यु को पाएं

अनुज

बलात्कार, शब्दकोश में क्यों है, सरकारें पूछती यूं, जनता आक्रोश में क्यों है, मगर वाजिब सवाल है, बेवजह मचा बवाल है, अब तुम ही बताओ, अपराधी कौ #Poetry #Life #Reality #Hindi #poem #urdu

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बलात्कार 
शब्दकोश में क्यों...
(कृपया अनुशीर्षक पढ़ें)

©अनुज बलात्कार,
शब्दकोश में क्यों है,
सरकारें पूछती यूं,
जनता आक्रोश में क्यों है,
मगर वाजिब सवाल है,
बेवजह मचा बवाल है,
अब तुम ही बताओ,
अपराधी कौ
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