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@raw__writer
शब्दों का बस भाव चाहिए, अपनी हो या दूसरों की घाव चाहिए । बह सकूं पानी में, बस एक नाव चाहिए।। #कविता #भाव #नाव
सुरेन्द्र कुमार शर्मा
बैठे मन की डाल पर, पंछी बनकर भाव। नदी विचारों की बहे, ले कविता की नाव।। ✍©#सुरेन्द्र_कुमार_शर्मा बैठे मन की डाल पर, पंछी बनकर भाव। नदी विचारों की बहे, ले कविता की नाव।। ✍©#सुरेन्द्र_कुमार_शर्मा
🅂🄰🅃🄸🅂🄷
बस इतनी सी बात समंदर को खल गई एक काग़ज की नाव मुझ पर कैसे चल गई ...। # 𝒮𝒶𝓉𝒾𝓈𝒽✍ #काग़ज #की #नाव
Hyper Harry
वो बहती दरिया है हम कागज़ की नाव, भला उनमे ज्यादा देर कहा टिक पाते #कागज़ की नाव
Vikas Sharma Shivaaya'
जाता है सो जाण दे-तेरी दसा न जाइ। खेवटिया की नांव ज्यूं-घने मिलेंगे आइ। जो जाता है उसे जाने दो-तुम अपनी स्थिति को, दशा को न जाने दो,यदि तुम अपने स्वरूप में बने रहे तो केवट की नाव की तरह अनेक व्यक्ति आकर तुमसे मिलेंगे ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' केवट की नाव
Anju
नाव छीन कर ना बाँधो दोस्तों बाँधो न नाव इस गांव की है बाँधो न नाव इस ठाँव, पूछेगा सारा गाँव,दोस्तो। यह घाट वही जिस पर हँसकर, वह कभी नहाती थी धुँसकर। आँखें रह जाती थीं फँसकर, कँपते थे दोनों पाँव दोस्तों। वह हँसी बहुत कुछ कहती थी, फिर भी अपने में रहती थी, सबकी सुनती थी, सहती थी, देती थी सबके दाँव, दोस्तों। ना बाँधो इस नाव को दोस्तों ये नाव बचपन की निशानी है। माना कि ये कागज की है, फिर भी इसमें मेरी कहानी है दोस्तों। ना जाने पाओगे तुम, ये खो गई तो मेरी आँखों का दरिया, ना कोई रोक पायेगा ये शौक था कभी, आज मेरी परछाई है। ना बाँधो इस नाव को , तुम मेरे से छीन कर ये मेरी पहली पहचान है। माना बचपन की यादें हैं, पर अब ये मेरी पुरानी कहानी है। मेरे से छिन कर ना बाँधो इसे, दोस्तों ©Anju कागज की नाव
Sunil Nagar 'srgm'
भौंरा बन जाऊँगा फूल तुम तो बनो, पौध बढ़ जाएगी मूल तुम तो बनो, नाव जीवन की मेरी भरोसे तेरे, माँझी बन जाऊँगा कूल तुम बनो। srgm नाव जीवन की
Basant Raj
ना मै कभी रुका हूं, ना ही कभी थका था में तो समय,भला किसका टला हूं। ना मै कभी खुशी में हूं, ना ही कभी गम में था में तो समय ,भला किससे उलझा हूं। ना तू मुझ पर डाल दोष, ना ही तू कर मुझे बर्बाद में तो समय ,भला किसके पक्ष में खड़ा हूं। ना मै बदला भूत में, ना ही बदलता भविष्य में में तो समय, झूमता हूं बस वर्तमान की कश्ती में। #समय की नाव
सारिका (एक एहसास)😘
यूं ही नहीं चलती ज़िन्दगी़ की नाव चाकू दो नों घुमाने पड़ते है। सच को छुपाने के चक्कर में, काफी जूठ बतलाने पड़ते हैं। भले ही निकम्मा हो अगला, फ़र्क नही काम पड़े तो उसके भी पाओं दबाने पड़ते h। अब सच्चाई का मोल नहीं इस जग में जनाब, जो रिश्ते कभी बहुत करीब थे ना उन्हें भी (दूर के है)बताने पड़ते हैं आशिका #ज़िन्दगी की नाव