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motivational_dba
पानी को नीचे उतरता देख किनारे पर घर मत बना लेना, मैं समुंदर हूँ वापिस जरूर आऊंगा ©motivational_dba #seashore #ghar #Samundar #kinare #Bapish #arunkushwah62 #arunkushwahveshi #Nojoto
Aurangzeb Khan
ए दरिया ए गम तू मुझे डुबोने की कोशिश ना किया कर मैंने तेरे ही थपेड़ों से तैरने का हुनर सीखा है ©Aurangzeb Khan #dariya -#e-#gam
Aurangzeb Khan
ए दरिया ए गम तू मुझे डुबोने की कोशिश ना किया कर मैं तेरे ही थपेड़ों से तैरने का हुनर सीखा है ©Aurangzeb Khan #dariya -#e-#gam
#Dariya -#e-#gam #Motivational
read morePoonam Kashyab
saanson ke kinare bade tanha the nojoto#Singer#Singing#nojoto2lines #Music #वीडियो
read moreItx_daksh
White mohobbat ka mahal fir kahan dowara bna...! tum suhagan bani..or mai deewana bna...!! 😌😌 ©Itx_daksh #love_shayari #dil #ka #Dariya #bah #hi #gya 😌😌
Monu domniya Vlog
White एक बूढ़ी मां की दर्द भरी कहानी यह कहानी है एक बूढ़ी महिला की, जिसका नाम धीरा था। धीरा अपने बेटे के साथ एक छोटे से गाँव में रहती थी। वह अपने बेटे को बहुत प्यार करती थी और उसकी ख़ुशियों का सबसे बड़ा स्रोत थी। धीरा का बेटा बहुत मेहनती था और उसने शहर में एक नौकरी पाई थी। वह घर के लिए पैसे भी लाता था, लेकिन उसके पास समय की कमी हो जाती थी। धीरा खुद अकेले रह जाती थी और उसका स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन कमजोर हो रहा था। एक दिन, धीरा को बहुत ज़ोरदार दर्द हुआ। उसके पूरे शरीर में तेज़ दर्द होने लगा और उसकी सांसें भी तेज़ हो गईं। धीरा आपातकालीन स्थिति में थी और उसके बेटे को घर से बाहर होने के कारण वह किसी सहायता के लिए भी नहीं जा सकती थी। धीरा का दर्द और बेचैनी देखकर गाँव के लोग उसकी मदद करने के लिए आए, लेकिन किसी को इसका समाधान नहीं मिला। वहां तक कि गाँव के वैद्य ने भी इसे नहीं ठीक कर सके। धीरा दिन रात दर्द में रोती और धीरा की हालत लगातार बिगड़ रही। रोज़ रात भर उसे नींद नहीं आती थी, और दर्द के चलते उसका दिनचर्या भी प्रभावित हो रहा था। धीरा बिल्कुल बेहाल हो गई थी और वह अपने बेटे को भी परेशान नहीं करना चाहती थी।एक बूढ़ी मां की दर्द भरी कहानी एक दिन, गाँव के एक जवान लड़के ने धीरा के घर की ओर देखा और उसे परेशान देखकर उसके पास गया। लड़के का नाम रामू था और उसका दिल धीरा के लिए तरस रहा था। उसने धीरा से पूछा, "दादीजी, आपको क्या हो रहा है? कैसे मदद कर सकता हूँ?" धीरा ने रामू की ओर देखते हुए उसे बताया, "बेटा, मेरे शरीर में बहुत दर्द हो रहा है। मैं रात भर सो नहीं पाती और इस दर्द से बहुत परेशान हूँ। कोई वैद्य या चिकित्सक भी मेरी मदद नहीं कर पा रहा है।" रामू ने धीरा की बात सुनकर दुःखी होकर सोचा और फिर बोला, "दादीजी, मैं आपको शहर के एक अच्छे अस्पताल ले जा सकता हूँ। वहां डॉक्टर आपकी देखभाल करेंगे और आपको ठीक करने की कोशिश करेंगे।" बूढ़ी मां की दुख भरी कहानी धीरा ने रामू की आवाज़ में उम्मीद देखी और धीरा के बेटे से मदद मांगते हुए रामू की सहायता स्वीकार कर ली। रामू ने तत्पश्चात एक अस्पताल में ताकत दिखाते हुए धीरा को पहुंचाया। अस्पताल में डॉक्टर ने धीरा की स्वास्थ्य स्थिति का परीक्षण किया और विशेषज्ञों की सलाह ली। उन्होंने धीरा को कुछ जांचें कराने के लिए कहा और रोगी बने हुए उनका सम्मान किया। धीरा की आंखों में आंसू थे, क्योंकि वह खुद नहीं सोच सकती थी कि कभी भी उसे इतना सम्मान मिलेगा। उसे एक सुखद अनुभव हो रहा था, जो उसे लंबे समय से नहीं मिला था। डॉक्टरों ने धीरा को ठीक ठहराने के लिए उपयुक्त दवाओं की सलाह दी और रेगुलर चेकअप के लिए उसे अस्पताल में रखा गया। धीरा के बेटे ने अपनी मां का ख्याल रखने का वादा किया और रोज़ उसके पास आकर उसका ध्यान रखने लगा। धीरा का स्वास्थ्य धीरे-धीरे सुधरने लगा और उसका दर्द कम होने लगा। धीरा को खुशी हुई कि उसका बेटा उसके लिए इतनी देखभाल कर रहा था और उसका स्वास्थ्य सुधार रहा थाबूढ़ी मां की दुख भरी कहानी सुनाओ धीरा ने अस्पताल में अपने आसपास के लोगों से भी दोस्ती की। उन्होंने अपनी मदद के लिए उनकी सहायता को स्वीकार किया और अपने दर्द की कहानी सभी के साथ साझा की। धीरा की कहानी सुनकर लोगों का दिल दुख गया और वे संगठित होकर उसकी मदद करने के लिए एकत्रित हुए। वे धीरा के घर पर आए और उसे स्वागत किया। समुदाय के लोगों ने अपने योग्यतानुसार रोज़गार प्रदान किया, उसके लिए खाने-पीने की व्यवस्था की और धीरा की देखभाल की। धीरा को यह अनुभव हुआ कि सच्ची मदद और समर्पण की शक्ति कितनी अद्भुत होती है। उसका दर्द न केवल कम हुआ, बल्कि उसकी आत्मा में नई ऊर्जा आई और उसने अपने जीवन का नया अध्याय शुरू किया। धीरा और उसके परिवार के लिए यह संघर्ष और सहायता की कहानी एक सबक से कम नहीं थी। इसके द्वारा उन्होंने अनुभव किया कि जब एक समुदाय मिलकर सहायता के लिए उठती है, तो हर मुश्किल आसान हो सकती है। इस घटना ने धीरा को विश्वास दिलाया कि जीवन के हर एक कठिनाई से निपटने के लिए सहयोग का आवास वही है जो समाज द्वारा प्रदान किया जाता है। धीरा ने इस अनुभव से एक सच्ची उम्मीद और सकारात्मकता का साथ पाया। वह अपने बेटे के साथ अब गाँव में नहीं रही, बल्कि समुदाय के बीच अपने नये घर में रहने लगी। वह अपने जीवन को फिर से सशक्त बनाने के लिए समाज के अन्य सदस्यों की मदद करने का निर्णय लिया। धीरा ने गाँव के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा कार्यक्रम चलाना शुरू किया और स्वयं वृद्धों की देखभाल करने में मदद करने लगी। उसने समाज में सभी को जोड़कर सामूहिक सेवा की शुरुआत की, जिससे लोगों में जागरूकता और सामाजिक उत्थान की भावना उत्पन्न होने लगी। धीरा की कहानी उदाहरण स्थापित करती है कि हमारी समाजशास्त्रीय उम्र में बूढ़े माताओं और पिताओं को भी मान्यता देनी चाहिए। उनका योगदान और उनकी अनुभव से भरी जीवन कहानियाँ हमें अद्वितीय सिख सकती हैं। धीरा की समाज सेवा ने आसपास के लोगों में एक सामाजिक बदलाव का संकेत दिया। धीरा अब एक समाज सेविका के रूप में प्रसिद्ध हो गई थी। उसकी सहायता से गाँव में शिक्षा का स्तर सुधारा गया, स्वास्थ्य सुविधाएँ बेहतर बनाई गईं और वृद्धाश्रमों में उच्च गुणवत्ता की देखभाल हुई। धीरा अपने नए जीवन का आनंद उठा रही थी। उसकी समाज में स्थानिकता और महत्व बढ़ गया था। वह न केवल अपने बेटे के लिए एक मार्गदर्शक बनी, बल्कि गाँव के हर व्यक्ति के लिए भी आदर्श बन गई। उसकी सामर्थ्य और सहानुभूति की कहानी अब गाँव के लोगों के दिलों में बस गई थी। धीरा ने यह साबित कर दिया कि उम्र न केवल व्यक्ति के शरीर की स्थिति का प्रतीक है, बल्कि उसकी अनुभव से प्राप्त ज्ञान, समर्पण और दृढ़ता भी। बूढ़ी मां की दुख भरी कहानी सुनाओ धीरा ने अस्पताल में अपने आसपास के लोगों से भी दोस्ती की। उन्होंने अपनी मदद के लिए उनकी सहायता को स्वीकार किया और अपने दर्द की कहानी सभी के साथ साझा की। धीरा की कहानी सुनकर लोगों का दिल दुख गया और वे संगठित होकर उसकी मदद करने के लिए एकत्रित हुए। वे धीरा के घर पर आए और उसे स्वागत किया। समुदाय के लोगों ने अपने योग्यतानुसार रोज़गार प्रदान किया, उसके लिए खाने-पीने की व्यवस्था की और धीरा की देखभाल की। धीरा को यह अनुभव हुआ कि सच्ची मदद और समर्पण की शक्ति कितनी अद्भुत होती है। उसका दर्द न केवल कम हुआ, बल्कि उसकी आत्मा में नई ऊर्जा आई और उसने अपने जीवन का नया अध्याय शुरू किया। धीरा और उसके परिवार के लिए यह संघर्ष और सहायता की कहानी एक सबक से कम नहीं थी। इसके द्वारा उन्होंने अनुभव किया कि जब एक समुदाय मिलकर सहायता के लिए उठती है, तो हर मुश्किल आसान हो सकती है। इस घटना ने धीरा को विश्वास दिलाया कि जीवन के हर एक कठिनाई से निपटने के लिए सहयोग का आवास वही है जो समाज द्वारा प्रदान किया जाता है। धीरा ने इस अनुभव से एक सच्ची उम्मीद और सकारात्मकता का साथ पाया। वह अपने बेटे के साथ अब गाँव में नहीं रही, बल्कि समुदाय के बीच अपने नये घर में रहने लगी। वह अपने जीवन को फिर से सशक्त बनाने के लिए समाज के अन्य सदस्यों की मदद करने का निर्णय लिया। धीरा ने गाँव के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा कार्यक्रम चलाना शुरू किया और स्वयं वृद्धों की देखभाल करने में मदद करने लगी। उसने समाज में सभी को जोड़कर सामूहिक सेवा की शुरुआत की, जिससे लोगों में जागरूकता और सामाजिक उत्थान की भावना उत्पन्न होने लगी। धीरा की कहानी उदाहरण स्थापित करती है कि हमारी समाजशास्त्रीय उम्र में बूढ़े माताओं और पिताओं को भी मान्यता देनी चाहिए। उनका योगदान और उनकी अनुभव से भरी जीवन कहानियाँ हमें अद्वितीय सिख सकती हैं। धीरा की समाज सेवा ने आसपास के लोगों में एक सामाजिक बदलाव का संकेत दिया। धीरा अब एक समाज सेविका के रूप में प्रसिद्ध हो गई थी। उसकी सहायता से गाँव में शिक्षा का स्तर सुधारा गया, स्वास्थ्य सुविधाएँ बेहतर बनाई गईं और वृद्धाश्रमों में उच्च गुणवत्ता की देखभाल हुई। धीरा अपने नए जीवन का आनंद उठा रही थी। उसकी समाज में स्थानिकता और महत्व बढ़ गया था। वह न केवल अपने बेटे के लिए एक मार्गदर्शक बनी, बल्कि गाँव के हर व्यक्ति के लिए भी आदर्श बन गई। उसकी सामर्थ्य और सहानुभूति की कहानी अब गाँव के लोगों के दिलों में बस गई थी। धीरा ने यह साबित कर दिया कि उम्र न केवल व्यक्ति के शरीर की स्थिति का प्रतीक है, बल्कि उसकी अनुभव से प्राप्त ज्ञान, समर्पण और दृढ़ता भी। ©Monu domniya Vlog Ek
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read moreBeena Kumari
दरिया में तैरने का हुनर हर कोई जानता नहीं है क्यों डूब जाता है इंसान इस मर्म को हर कोई जानता नहीं है पानी ज्यादा हो या कम डूबने का कारण पानी नहीं है पानी में कैसे चलते हैं यह हुनर हर कोई जानता नहीं है ©Beena Kumari #Dariya#feelings#emotion#poem#beenagordhan