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Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🧘♂️ *“21/6/2022”*🧎🏻♂️ ✨ *“मंगलवार”*🌟 जब भी हम “योग” करते है तो प्रारंभ में हमारे “शरीर की मांसपेशियों” में खिंचाव होता है पहले वे “टुटती” है फिर उनका “पुनः-निर्माण” होता है, “और श्रेष्ठ” “और शक्तिशाली” मांसपेशियां हमें प्राप्त होती है, “शरीर” में एक अलग “स्फूर्ति” का अनुभव होता है, अर्थात जो “योग” है वो “सृजन का विज्ञान” है, इस “जीवन” में यदि कुछ “टूट” जाए या “छुट” जाए,तो “निराश” मत होइए, “पुनः निर्माण” करने का “प्रयास” किजिए,इसलिए “जीवन” में स्मरण रखिएगा यदि आप “निर्माण” करना चाहते है,“सृजन” करना चाहते है, तो इस “निर्माण” के लिए “टूटने का ज्ञान” अवश्य है, “टूटने का अर्थ” “बिखरना” नहीं बल्कि “पुनः निर्माण” करना है, इसलिए “जीवन” में कभी टूटे नहीं, हरदम “मजबूत” बने रहिए... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🧘♂️ *“21/6/2022”*🧎🏻♂️ 📖 *“मंगलवार”*🌟 #“योग 🧘♂️” #“मांसपेशियां”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🧘♂️ *“21/6/2022”*🧎🏻♂️ 📖 *“मंगलवार”*🌟 #“योग 🧘♂️” #“मांसपेशियां” #Thoughts #“प्रयास” #“प्रसन्नता” #“पुनः #“निराश” #“जय #“टूटना” #“निर्माण”
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📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“18/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“सोमवार”*📙 *“जीवन” में आप चाहे कितने भी “प्रयास” कर लो,* *कुछ न कुछ ऐसा “अवश्य” होगा,* *जो आपको कभी नहीं मिलेगा और इसके कारण स्वयं को “हीन” समझ लेना,* *“अनुचित” है* *हो सकता है आपके पास वो “गुण” हो जो “संसार” में किसी के पास न हो,* *तो इस “गुण” को समझिए,उसे “बढ़ाईए” और उसे “सहेझ” कर रखिए,* *स्मरण रखिए इस “संसार” में प्रत्येक “व्यक्ति” “विशेष” होता है और “संसार” में सभी को “सबकुछ” नहीं मिलता,* *जो “पाना” होता है अपनी “मेहनत” और “तकदीर” से पाना होता है* *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“18/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“सोमवार”*📙 #“जीवन” #“प्रयास”
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📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“17/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“रविवार”*📙 एक बार “कुछ मेंडक” एक “खड़ी दीवार” पर चढ़ने लगे, धीरे-धीरे करके एक एक “मेंडक” नीचे गिरने लगा, अंत में एक ही “मेंडक” था जो “शिखर” तक पहुँच गया, जानते है वो क्यों जीता? क्योंकि वो “मेंडक” बहरा था, उसने किसी की “बातें” सुनी ही नहीं,उसने “ठान” लिया उसे “शिखर” पर पहुंचना है और पहुँच गया,। अब इसमे भी हमारे लिए अत्यन्त “महत्वपूर्ण सीख” है आपने “जीवन” में अपना “लक्ष्य” ठान लिया है तो “इधर उधर” किसी की “मत” सुनिए, केवल अपने “लक्ष्य” की ओर बढ़ते जाइए,क्योंकि “सफलता” आपको आपके “प्रयास” ही दिलाएंगे, “दुसरो की बातें” नहीं, इसलिए सदैव “जीवन” में “प्रयास” करते जाइए और अपने “लक्ष्य” की ओर बढ़ते जाइए, *“अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“17/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“रविवार”*📙 #“जीवन” #“लक्ष्य”
📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“17/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“रविवार”*📙 #“जीवन” #“लक्ष्य” #Thoughts #“प्रयास” #“सफलता” #“प्रसन्नता” #“तरक्की”
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*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“6/04/2022”📝* *📙“बुधवार”💫* हमारे जीवन में एक अत्यन्त “महत्वपूर्ण सीख” है यदि आपने “जीवन” में अपना “लक्ष्य” ठान लिया है तो “इधर उधर” किसी की “मत” सुनिए, केवल अपने “लक्ष्य” की ओर बढ़ते जाइए, क्योंकि “सफलता” आपको आपके “प्रयास” ही दिलाएंगे, “दुसरो की बातें” नहीं, क्योंकि “कुछ ही लोग” दुसरो की “तरक्की” और “सफलता” से “ईर्ष्या” करने लगते है और कोई न कोई “मार्ग” ढूंढते है उन्हें “रोकने” का, या “असफल” बनाने का, इसलिए सदैव “जीवन” में “प्रयास” करते जाइए और अपने “लक्ष्य” की ओर बढ़ते जाइए, *“अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“6/04/2022”📝* *📙“बुधवार”💫* #“जीवन” #“लक्ष्य”
*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“6/04/2022”📝* *📙“बुधवार”💫* #“जीवन” #“लक्ष्य” #Thoughts #“प्रयास” #“सफलता” #“प्रसन्नता” #“तरक्की”
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*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“30/03/2022”📝* *📙“बुधवार”🌟* “जीवन” में हमारे “माता-पिता” एक गुरू जैसे ही होते हैं “माता-पिता” को अपनी “संतान” को समय के अनुसार “श्रेष्ठ संस्कार” देने चाहिए, “माता-पिता” को कभी उनका “विधाता” नहीं बनना चाहिए, किंतु हर समय सदैव “प्रयास” करना चाहिए कि वह अपने “बच्चों” को “उचित दिशा” दिखा पाए, कभी “कोमलता” से तो कभी “प्रेम” से,तो कभी “कठोरता” से उनकी “जीवन” को और “व्यक्तित्व” को आकार देना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार “मिट्टी का मटका” एक बार पकने के बाद उसका “आकार” नहीं बदला जा सकता ठीक उसी तरह “आयु बढ़ने” के पश्चात “संतान” के “संस्कारों” को नहीं बदला जा सकता, इसलिए अपनी संतान को समय के अनुरूप “ढालना” सिखाइए और उन्हें “जीवन की कठिनाइयों” और “चुनौतियों” सामना करना सिखाइए... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* ©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“30/03/2022”📝* *📙“बुधवार”🌟* #“माता-पिता” #“गुरू”
*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“30/03/2022”📝* *📙“बुधवार”🌟* #“माता-पिता” #“गुरू” #Thoughts #“प्रयास” #“जीवन #“श्रेष्ठ #“उचित #“संस्कार” #“चुनौतियों”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“10/2/2022”*📚 🖋️*“गुरुवार”* 🌟 सोचिए कोई “पक्षी” अपनी “पहली उड़ान” भरने से पहले ये सोचे कि नहीं... नहीं...यदि मैं “गिर गया तो”, मुझे “चोट लग” गई तो, यदि “भय के कारण” वो “प्रारंभ” ही न करे,“प्रयास” ही न करे, तो कभी “उड़ना सीख” पाएगा...कदापि नहीं, यही हमें “सीखना” है “प्रारंभ करना”, “भय” लगता है जब हम “प्रारंभ” करते है, किंतु ये नहीं करोगे तो कभी “जीवन” में आगे नहीं बढ़ पाओगे, हो सकता है आप “प्रारंभ” करने के पश्चात आप “गिर” जाओ या “बार-बार गिरो”, किंतु “निरंतर प्रयास” करोगे तो एक न एक दिन “यशस्वी(कामयाब)” अवश्य बनोगे, तो “प्रारंभ करना” सबसे अधिक “कठिन” है इससे भयभीत मत होइएगा, “प्रयास” और “प्रारंभ” करते रहिए *“अतुल शर्मा”* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“10/2/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 #“पक्षी” #“पहली उड़ान”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“10/1/2022”*📚 🖋️*“सोमवार”* 🌟 देखिए हर “स्त्री” को “स्वर्ण आभूषण” नहीं चाहिए,“महंगे वस्त्र” नहीं चाहिए,उसे चाहिए आपसे “सम्मान” सबके सामने भी और “एकांत” में भी,उसे चाहिए आपका “समय”, आपका “समर्पण” और थोड़ा सा “प्रयास” कि आप उन्हें जता पाए कि आपके “जीवन” में उनका “स्थान” है और “बराबरी का भाव” है, और एक बात ये कि “संबंध” में दोनों ओर से “प्रेम” होना भी आवश्यक है, तभी आप कह पाएंगे “यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता”... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“10/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 🌟 *#“स्त्री”* *#“स्वर्ण आभूषण”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“1/12/2021”*📚 🖋️*“बुधवार”* 🌟 आप “जीवन” में सदैव “प्रयास” में हैं कि आपको ये भी “पाना” है आपको वो भी पाना है,इन “वस्तुओं” की मुझे आवश्यकता है उन वस्तुओं की मुझे आवश्यकता है, आपने बहुत कुछ “पा” लिया, प्रश्न ये है कि आपको इन सबकी आवश्यकता भी है, इसका उत्तर आपके “अंतर्मन” में है, आपका “मन” जानता है कि आप की आवश्यकता क्या है ? उसमें “झांक” कर देखिए, “संतुष्टि” मनुष्य को आंनद देती है, जितना ही “संतुष्ट” “मनुष्य” होगा उतना ही अधिक “आंनद” उसके जीवन में होगा, अब आपको इस “बात” का “निर्णय” लेना है कि आपको “संतुष्टि” कब और कहां मिलेगी, ये “पूर्ण निष्ठा से कर्म” करने के पश्चात मिलेगी, इस “समाज” के “चक्कर” में “फंसकर” स्वयं को मत उलझाइए, अपने अंदर के “झूठे अहंकार” को बढ़ावा देने के लिए आप ऐसे “प्रयास” करते रहेंगे, तो “जीवन” कब जियेंगे... “रूक जाइए” और “शांत” हो जाइए, अपने “अंतर्मन” में “झांक” कर देखिए, ये “संतुष्टि” कहाँ है ? उस “संतुष्टि” को पा लिजिए ये “मन” सदैव “प्रसन्न” और “आनंदित” अवश्य रहेगा... *✍🏻“अतुल शर्मा* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“1/12/2021”*📚 🖋️ *“बुधवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“प्रयास”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“1/12/2021”*📚 🖋️ *“बुधवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“प्रयास”* #Thoughts #“आंनद” #“संतुष्टि” #“पूर्ण #“प्रसन्नता” #“अंतर्मन
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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘*“16/11/2021”*📝 ✨*“मंगलवार”*🌟 “मनुष्य” कभी कभी “समय पर नियंत्रण” पाने का “प्रयास” करता है, कभी कभी “समय के महत्व” को समझ नहीं पाता, सोचता है कि ये “कुछ पल” बीत जाए, इन्हें मैं “व्यतीत” कर दूं तो क्या “अंतर” पड़ जाएगा, आज का ये “पल” “भविष्य” के बड़े “बदलाव की नींव” है,आज का ये “पल” आपके “कल” को “निखार” सकता है, तो इन छोटे छोटे “क्षणों” को अनदेखा न करे, इनका पूरा “लाभ” उठाइए,अब यदि आप किसी की “सहायता”कर रहे है,किस कारण से रूके हुए है उचित है क्योकि आप किसी की “सहायता” करके उनके “जीवन” को और “अच्छा” बना रहे है,और “श्रेष्ठ” बना रहे है, ये “पुण्य”,ये “कर्म” लौट कर आपके पास आएगा और आपके लिए “अच्छा” ही करेगा,किंतु यदि आप “आलस्य” में रूके हुए है कुछ नहीं कर रहे है,“समय को व्यर्थ” कर रहे है,तो इस से केवल एक ही बात होगी, आपका “भविष्य संकट” में होगा और कुछ नहीं, इसलिए ये आवश्यक है कि कब रूकना है और क्यों रुकना है ? यदि आपके “रूकने का कारण” और “समय” अनुचित है तो आपका “भविष्य” कभी भी “उचित” नहीं हो सकता, इसलिए “समय का सम्मान” किजिए और उसका “पूर्ण उपयोग” किजिए... *“अतुल शर्मा”🖋️* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“16/11/2021”*📝 ✨ *“मंगलवार”*🌟 *#“मनुष्य”* *#“समय पर नियंत्रण”*
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📚*“सुविचार"*🖋️ 📘*“13/11/2021”* ✨*“शनिवार”*🌟 “महाभारत” के समय में “पांडवों” ने “परिश्रम” किया तो “खांडवप्रस्थ” को भी “इंद्रप्रस्थ” बना दिया,लेकिन “जुआ” खेला तो एक ही क्षण में “इन्द्रप्रस्थ” को भी ग्वा दिया,“परिश्रम” किया तो “रंक” से “राजा” बने,“जुआ” खेला तो एक क्षण में “राजा” से “रंक” बने, इससे “सीख” यही है कि “जुआ” कभी कभी आपका “मित्र” हो सकता है कभी कभी ये आपका “साथ” दे सकता है, किंतु “प्रयास” और “परिश्रम” जब एक साथ आते है तो ये सदैव आपके साथ ही रहते है, “प्रयास” किजिए “परिश्रम” भी किजिए तभी ये मन “प्रसन्न” और “आनंदित” भी अवश्य रहेगा, *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“13/11/2021”*📝 ✨ *“शनिवार”*🌟 *#“पांडव”* *#“खांडवप्रस्थ”*
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“13/11/2021”*📝 ✨ *“शनिवार”*🌟 *#“पांडव”* *#“खांडवप्रस्थ”* #“प्रयास” #“राजा” #“परिश्रम” #“इंद्रप्रस्थ” #“जुआ” #“रंक”
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