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Shrauu
खुप माणसांची स्वप्ने या एका विचारामुळे अपूर्ण राहतात तो म्हणजे "लोक काय म्हणतील ?" ©Shrauu #“सत्य”
#“सत्य” #Poetry
read moreAtul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“19/3/2022”*📚 📘 *“शनिवार”*🌟 क्या आपने कभी दर्पण देखा हैं क्या हम में से ऐसा कौन हैं जिसने दर्पण नहीं देखा होगा ? सभी ने दर्पण देखा हैं,दर्पण में स्वयं का प्रतिबिंब भी देखा हैं किंतु किसी ने सोचा है कि उस दर्पण के पीछे क्या हैं ? उस प्रतिबिंब के पीछे क्या होगा ?* *होता कुछ ऐसा हैं कि कांच के धातु की परत चढाई जाती हैं जिस कारण से जब हम देखते हैं तो हमें अपना प्रतिबिंब दिखाई देता हैं अर्थात कांच को कुछ इस प्रकार कर दिया गया कि प्रकाश जिस ओर से जाता हैं उसी ओर पुनः लोटकर वापिस आता हैं,तभी वो दर्पण कहलाता है यहीं हैं जीवन एक सत्य भी यदि हम अपना पुरा ध्यान अपने लक्ष्य की ओर केंद्रित करते हैं, यहां वहां नहीं भटकते हैं तो न केवल हम अपना लक्ष्य प्राप्त करने में सफल होते हैं बल्कि हम दुसरों का मार्गदर्शन करने में भी सफल होते है, तो आप बनना चाहेंगे ऐसा व्यक्तित्व... चयन आपका है, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“19/3/2022”*📚 📘 *“शनिवार”*🌟 #“मनुष्य” #“दर्पण”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“18/3/2022”*📚 📘*“शुक्रवार”*🎈 “होली” के दिन “सारा देश” “रंगों” से खेलता है कभी देखिए किसी “चिंतित चेहरे” पर केवल “रंग का स्पर्श” पाकर “आनंदित” हो जाता है, “होली” पर हम क्या करते है “पुराने को भस्म” करते है और “नवधारण का स्वागत” करते हैं “चिंताओं को भस्म” कर “आशाओं का नया रंग” स्वयं पर चढ़ाते है एक “बात” मैं आपको बता दूं कि “दो रंग” एक साथ नहीं चढ़ सकते है,अब कौनसा “रंग” चढ़ाया जाए और कौनसा रंग “उतारा जाए”, यह समझना भी आवश्यक है आओ सभी “लालच का रंग” उतारकर “आनंद का रंग” चढ़ाते है “ईर्ष्या का रंग” उतारकर “प्रेम का रंग” चढ़ाते है,“अंधकार” पर “प्रकाश” का और “भ्रम” पर “सत्य” का रंग चढ़ाते है, आओ हम सब “प्रेम से” होली का यह त्यौहार मनाते है... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“18/3/2022”*📚 📘*“शुक्रवार”*🎈 #“होली” #“रंग”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“18/2/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 देखिए बात कि जाए “मित्रता” की, तो “मित्रता” “नमक की भांति” होनी चाहिए, “मधु” की भांति, जो आए समक्ष और “मीठी-मीठी” बातें करें,और बाद में इसे “कीड़े” न लगे,“नमक की भांति” होनी चाहिए, “सच्चे मित्र” तो वो है जो समय आने पर आपका “सत्य” आपके समक्ष ला सके, चाहे वो “कितना भी कठिन” क्यो न हो, आपके “दोष”,आपके “अवगुण”, आपकी “कमियां” आपको बता सकें, ताकि आप उन्हें “सुनकर”, “स्वीकार” कर स्वयं को “सुधार सके”, यही “सच्ची मित्रता” है, कभी जीवन में आस-पास झांक कर देखिए कई सारे ऐसे “लोग”,ऐसे “मित्र” होते है जिन्हें देखकर लगता है कि इनकी “जीभ” तो “कड़वी” है, इनकी “वाणी” बड़ी कड़वी है, किंतु अधिकतर ऐसे लोग है इनका “मन” दखोगे तो इनमें कोई “मैल” नहीं होता, इनका “मन” अत्यंत “पवित्र” होता है, यदि आपके “जीवन” में कुछ ऐसे “लोग” है, ऐसे “मित्र” है तो उन्हें “सहेज” कर अवश्य रखिए... *“अतुल शर्मा”* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“18/2/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 #“मित्रता” #“नमक की भांति”
Atul Sharma
📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“4/10/2021”* ✨ *“सोमवार”* कभी “मनुष्य” “दर्पण” देखता है दर्पण मनुष्य को “सुंदर” नहीं दिखाता, “दर्पण” उसे “सत्य” दिखाता है जिससे “मनुष्य” “और सुंदर” बनने के लिए “प्रेरित” होता है, इसलिए “दर्पण” की आवश्यकता होती है “सत्य जानने” के लिए, “जीवन” में “निंदक”, “प्रशंसक” से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वो आपको आपकी “कमियां” दिखाता है, आपकी “भूल” दिखाता है, एक अवसर देता है “स्वयं” को “सुधारने” के लिए और “श्रेष्ठ बनाने” के लिए, जो एक “प्रशंसक” नहीं कर पाता, इसलिए “जीवन” में जब भी “निंदा” होती है तो उसका “आंकलन” कीजिए, और यदि “स्वयं” को किसी रूप में “शिक्षा” दे सकते हैं तो अवश्य दीजिए,और एक महत्वपूर्ण बात अपने “दोषों” का “क्रोध” किसी पर भी मत दिखाईए... *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“4/10/2021”*📝 ✨ *“सोमवार”*🌟 #“मनुष्य” #“दर्पण”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“16/7/2021”*📚 ✨*“शुक्रवार”*🌟 “ज्ञान” वही जो “असत्य” से “सत्य” की ओर ले जाए, “प्रकाश” वही जो “अंधकार” से “ज्योति(रोशनी)” की ओर ले जाए, “जीवन” वही जो “मृत्यु” से “अमर्त्य” की ओर ले जाए, आप किसी “वृक्ष” को देखिए “अनेक वर्षों” तक “जीवन” जीता है क्यों ? क्योंकि वह “बांटना” जानता है, अपने “बीजों” को बांटता है इस “धरा” को देता है, वो “बीज” जो “अंकुर” बनते है एक नए “वृक्ष” को “जन्म” देते है केवल “बांटने” से एक “वृक्ष” “जीवनदान” दे पाता है, यदि कोई व्यक्ति “ज्ञान” बांटना सीख जाए,यदि “प्रकाश” किरणों को बांटना सीख जाए,कोई “व्यक्ति” जीवन में “सुख बांटना” सीख जाए,तो वो “मरके” भी कभी नहीं “मर” सकता, इस “बांटने का सुख” ही कुछ और है, तो आप भी इस “सुख” को “अनुभव” किजिए और “सदैव प्रसन्न” रहिए... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“16/7/2021”*📚 ✨ *“शुक्रवार”*🌟 #“ज्ञान” #“असत्य”
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“16/7/2021”*📚 ✨ *“शुक्रवार”*🌟 #“ज्ञान” #“असत्य” #Quotes #“जीवन” #“सुख” #“मृत्यु” #“सत्य” #“प्रसन्न” #“अंधकार” #“ज्योति #“अमर्त्य”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🧘♂️*“1/6/2021”* ✨*“मंगलवार”* कभी “मनुष्य” “दर्पण” देखता है दर्पण मनुष्य को “सुंदर” नहीं दिखाता, “दर्पण” उसे “सत्य” दिखाता है जिससे “मनुष्य” “और सुंदर” बनने के लिए “प्रेरित” होता है, इसलिए “दर्पण” की आवश्यकता होती है “सत्य जानने” के लिए, “जीवन” में “निंदक”, “प्रशंसक” से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वो आपको आपकी “कमियां” दिखाता है, आपकी “भूल” दिखाता है, एक अवसर देता है “स्वयं” को “सुधारने” के लिए और “श्रेष्ठ बनाने” के लिए, जो एक “प्रशंसक” नहीं कर पाता, इसलिए “जीवन” में जब भी “निंदा” होती है तो उसका “आंकलन” कीजिए, और यदि “स्वयं” को किसी रूप में “शिक्षा” दे सकते हैं तो अवश्य दीजिए... *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🧘♂️*“1/6/2021”*🧘♂️ ✨ *“मंगलवार”*🌟 #“मनुष्य” #“दर्पण”
Atul Sharma
*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“29/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“सोमवार”*✨📙 “होली” के दिन “सारा देश” रंगों से खेलता है, कभी देखिए एक “चिंतित मुख” पर केवल “रंग” का “स्पर्श पाकर” “आनंदित” हो जाता है, “होली” पर हम क्या करते है पुराने को “भस्म” करते है और “नवधारण” का “स्वागत” करते है “चिंताओं” को “भस्म” कर “आशाओं” का नया “रंग” स्वयं पर चढ़ाते है, एक बात मैं आपको बता दूँ कि “दो रंग” एक साथ नहीं चढ़ सकते है कौनसा “रंग” चढ़ाया जाए और कौनसा उतारा जाए, आओ “लोभ का रंग” उतार कर और “आनंद का रंग” चढ़ाते है,“ईर्ष्या का रंग” उतार कर और “प्रेम का रंग” चढ़ाते है,“अंधकार” पर “प्रकाश” का और “भ्रम” पर “सत्य” का रंग चढ़ाते है, आओं हम सब “प्रेम” से “होली” मनाते है ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“29/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“सोमवार”*✨📙 #“होली” #“रंग”
Atul Sharma
*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“18/3/2021”*🖋️ 📘✨*“गुरुवार”*✨📙 कई बार ऐसा होता है लोग हमारे “सत्य” को “अस्वीकार” करते है और “लोगों के झूठ” को “स्वीकार” कर लेते है, बड़ा “दुःख” होता है और कभी कभी तो “क्रोध” भी आता है इसका कारण है इस “सत्य” का “मूल्य” कई अधिक है इतना अधिक है कि बड़े से बड़ा “धनी” भी इसका “मूल्य” नहीं चुका पाता, और यदि बात की जाए “झूठ” की तो इसका मूल्य बहुत “छोटा” है बड़ी “सरलता” से ये झूठ “बिक” जाता है जीवन में “सत्य” केवल उन्हीं “लोगों” के पास आएगा जो “सत्य” को “खोजना” चाहते है अन्यथा अधिकतर लोग “झूठ” में ही खुश है... ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“18/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“गुरुवार”*✨📙 #“सत्य” #“अस्वीकार”