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Anand Raj Anand
पहला सुख निरोगी काया ! दुसरा सुख घर में हों माया !! आज हर घर में कोई बिमार है, बढ़ते प्रदूषण खाघान्न व फल-सब्जीयो में कीटनाशकों व रसायनों का प्रयोग, फास्ट-फूड संस्कृति,नकली खाद्य पदार्थों से हर घर में बच्चे जवान-बूढ़े, सभी बीमार हो रहे हैं! यह चिंता का विषय है। पर अब आप बेफिक्र हो जाएं।। कई बर्षो की रिसर्च के बाद दुनिया भर से अनेकों प्रकार के फल व जड़ी-बूटियों से एक बेहद चमत्कारी फूड सप्लीमेंट से तैयार किया गया है जो न केवल हमारे शरीर में जमा विषैले तत्वों को बाहर निकालता है,बल्कि शरीर की एक-एक कोशिकाओं को भी पोषण देता है। हर प्रकार के बीमारी के इलाज में यह फूड सप्लीमेंट कारगर साबित हुआ है 20साल पुरानी बीमारियों को भी जड़ से समाप्त कर रहा है। 80%बीमारिया मात्र एक महीने में ही ठीक हो जाती हैं। बाकी सभी बीमारियां 4से6 महीने में जड़ से खत्म हो जाती हैं। बीमारियों के लिए यह एक जादुई चमत्कार हैं होनी को छोड़कर अब किसी भी प्रकार के रोगो पर विजय प्राप्त निश्चित है । परहेज पर जीना भी कोई जीना है अब परहेज पर जीना कैंसिल। महारोगों जैसे:-कैंसर, लकवा,शुगर,BP,हार्ट -अटैक ,दमा, गैस्टिक,लिवर, बवासीर,पथरी,अल्सर, सोरायसिस, बंझापन, जांडिस (पिलीया) , मोटापा, कमजोरी, यादाश्त की कमी, पागलपन,आदी महिलाओं की अनेकों गंभीर बिमारियों, इत्यादि जैसी बीमारियों का सफल इलाज।
keshar kashyap
इतनी आसान नहीं है ये जिन्दगी की दौड़, कई ठोकरें, कई चुनौतियां अनेकों संघर्षो से भरा कहीं प्यार,तो कहीं नफ़रत कोई अपने तो कोई पराए अनेकों मोह माया का बंधन फिर भी कितनी प्यारी है यह जिंदगी। कितनी प्यारी है यह जिंदगी
आलोक कुमार
रास्ते क्या कभी आपने यह भी सोचा है कि हम सभी के रास्ते अलग-अलग क्यों हैं? बस यूँ ही चलते-चलते मुझे कुछ इस विषय पर समझ हुई कि इसके पीछे अनेकों कारण हो सकते हैं, लेकिन इन अनेकों कारणों में से एक ही कारण सभी कारणों का मूल है- वन नेशन वन कार्ड हो सकती है, वन रैंक वन पेंशन हो सकती है, वन आई.ए.ए.डी वन सिस्टम आदि जैसी योजना चलाकर सरदार पटेल की सोच "एक भारत श्रेष्ठ भारत" को साकार करने की कोशिशें बदस्तूर जारी है. तो क्यों नहीं समान नागरिक संहिता को लागू करते हुए भी यह कोशिशें की जाय. शायद तभी "एक भारत श्रेष्ठ भारत" की योजना सफल एवं सकेन्द्रित होते हुए भारत के सभी नागरिकों को एक गोले के अंदर लाएगी.
Shubham Singh
चूम कर रख ली मैंने ,तेरी यादों की किताब..!! अनेकों राज छुपे हैं इसमें, छुपे है अनेकों अहसास..!! #साहिबा
Hemant Rai
कागज़ क्या तुमने कभी जानने कि कोशिश की है, कि, क्या है काग़ज़ का दर्द:- कि, कैसे दिन - रात, सुबह-शाम, हफ्तों-महीने, सालो-साल, अनेकों शब्दों को अपने भीतर समेटे रहता है ये, काग़ज़। कि, कैसे किसी हीर रांझा, लैला मजनू, रोमियो जूलियट, रूपी अनेकों प्यार करने वालों कि दास्तां को अपने अंदर दफ्न किए रहता है ये, काग़ज़। कभी प्रेमी जोड़ों की गरमाती, गुफ्तगू की वार्तालाप, तो कभी बिस्तर पड़ी बिमार मां के दवाइयों का पर्चा बनता है ये, काग़ज़। किसी शायर की नशीली पंक्तियों तो, किसी क्रांतिकारी लेखक के आक्रोश भरी लेखनी में भी शांति बनाए रखता है यह काग़ज़। किसी गरम मिज़ाजी लेखक की तपिश, तो किसी शमशान में दफ्न ठंडी लाश का मुआयना तक अपने भीतर दफ्न किए रहता है ये, काग़ज़। किसी युद्ध में महामारी कि तरह फैलती हुई जानलेवा लड़ाई का प्रमाण बनता है तो, वहीं इतिहास को अपने में समेट भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन बनता है ये, काग़ज़। कभी किसी किसान कि कर्ज़ा माफी की अर्जी बनता है, तो, कभी दहेज़ के लिए जलाई गई बेटी के बाप की अर्जी बनता है। कभी बनता है ये ज्ञान की पाठशाला, तो कभी रखता है भीतर सबकी जीवनी, गांधी, कलाम और मलाला। कभी बनता है हर, कविकार के शब्दों की माला, जैसे हरिवंश राय, महादेवी वर्मा और निराला। -हेमंत राय। काग़ज़ में क़ैद हैं हमारे दर्द के क़िस्से। #काग़ज़ #collab क्या तुमने कभी जानने कि कोशिश की है, कि, क्या है काग़ज़ का दर्द:- कि, कैसे दिन - रात, सुबह-शाम, हफ्तों-महीने, सालो-साल, अनेकों शब्दों को अपने भीतर समेटे रहता है ये, काग़ज़। कि, कैसे किसी हीर रांझा, लैला मजनू, रोमियो जूलियट, रूपी अनेकों प्यार करने वालों कि दास्तां को अपने अंदर दफ्न किए रहता है ये, काग़ज़। कभी प्रेमी जोड़ों की गरमाती, गुफ्तगू की वार्तालाप, तो कभी बिस्तर पड़ी बिमार मां के दवाइयों का पर्चा बनता है ये, काग़ज़।
Kunwar Reetik Raj Singh Chundawat
मेवाड़ केसरी , हिंदुआ सूरज , मेवाड़ रत्न महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया को शत शत नमन ।। कहा जाता है कि 7 फ़ीट 5 इंच के प्रभावी कद के महाराणा प्रताप 80 किलो का भाला, 208 किलो की तलवारें एवं 72 किलो का कवच शरीर पर लाद कर युद्धभूमि में उतरते थे। शत्रुओं के बीच आतंक व्याप्त होना स्वाभाविक ही था। इसके अलावा महाराणा प्रताप की वीरता, युद्ध कौशल और युद्धनीति में पारंगत होना एक प्रसिद्ध तथ्य था। इन्ही अनेकों कारणों से महाराणा प्रताप भारतवर्ष के कुछ अतिविशिष्ट राजाओं में गिने जाते हैं जिन्होंने अकबर जैसे महान बादशाह और उसकी असंख्य सेना से लोहा लिया, और अनेकों बार शत्रु के दांत खट्टे किये। वे अपनी निर्भीकता, जुझारूपन, और अपनी प्रजा के प्रति भक्ति के लिए आज भी इन दुर्लभ गुणों के उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में याद किये जाते हैं। महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर इस महावीर को मेरा नमन। ⚔️🌞⚔️ #NojotoQuote Reetik♥️ #maharana_prtap
Mahendra Sharma
#व्यवहार और रिश्ते..............!!!! पुनम की शादी के कुछ ही दिन हुए थे और आज कामवाली भी नहीं आई। पुनम बर्तन साफ कर रही थी। अचानक बर्तन साफ करते-करते शीशे की कप हाथ से छुट गया और कप फर्श पर गिर कर टुट गया। कप टुटते ही पुनम घबरा गई की अब सासु माँ मुझे खरी-खोटी सुनाऐंगी। साथ ही मेरे मम्मी पापा को कोसेंगीं। कप टुटने की आवाज सुनते ही सास दौड़कर आई और बोली बेटी क्या हुआ.....?? पुनम डरते हुए माँ ध्यान रखी थी पर पता नहीं कैसे कप हाथ से छूट गया और टुट गया। सास बोली बेटा चिन्ता मत कर कप ही तो टुटा है तुम्हें चोट तो नहीं आई। भले ही कप के कितने ही टुकड़े हो जायें पर तुम्हें तनिक भी खरोंच नहीं आनी चाहिए। तुमसे ज्यादा किमती ये कप नहीं है। और हाँ तुम्हें अभी ये सब करने की क्या जरूरत है....?? अभी तो तेरे हाथों के मेंहदी के रंग भी नहीं उतरे और ये सब करने लगी। बेटा अभी तुम राज के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताओ तभी तुम एक दुसरे को समझ सकोगे। इसी से तुम्हारे रिश्ते और जिवन की निव मजबूत होगी। सास ने बेटी को आवाज लगाई गुंजन ईधर आओ अपनी भाभी का ख्याल रखो। अभी तो नई-नई आई है। पुनम बेटा तुम मुझे भी अपना माँ समझना। हमें भी तुम्हारा दिल जीतना है, सास बनकर नहीं बल्कि माँ बनकर। ये सुनते ही पुनम की आँखें भर आई और सासु माँ का पैर छुकर बोली मैं कितनी सौभाग्यशाली हूँ कि एक माँ को छोड़ी तो दूसरी माँ मिल गई। आप तो मेरी माँ से भी ज्यादा प्यार और ममता रखती हैं। अगर घर में भी कप टुट जाता तो माँ भी दो चार बातें सुनाऐ बिना नहीं रहती। रात को मानो पुनम की आँखों से निंद गायब थी। उसको शाम की घटना याद आ रही थी। सास और बहु के रिश्ते के बारे में जो उसकी सोच थी उससे विपरीत सास का व्यवहार पाया। पुनम का भी कसुर नहीं था। उसने भी लोगों के मुंह से बुरी सास के बारे में ही अनेकों कहाँनीयाँ सुनी थी। फिर वो अपने अतीत में खो गई। उसे याद आया उसके इकलौते भाई आकाश की शादी हुई थी। भाभी के मेंहदी के रंग उतरने से पहले ही माँ ने भाभी के ऊपर घर के काम की पुरी जिम्मेदारी डाल दी और अपने ही नियम कानून के हिसाब से चलने पर विवश कर दी। मैंने भाभी को कभी खुली हवा में खुलकर हंसते नहीं देखा। फिर कुछ सालों बाद भाभी ने ये सब सहना छोड़ दिया। घर में हर रोज झगड़ा होने लगा। पुनम यही सब देखकर बड़ी हुई और एक अंजाना सा भय मन में लेकर ससुराल आई। पर आज की घटना ने उसका सोच बदल दिया। रात को निंद न आने की वजह सोची चलो माँ से बातें करते हैं। ईतनी रात को बेटी का फोन देखकर माँ घबराई और बोली बेटा सब कुछ ठीक तो है। कहीं किसी से कहा सुनी तो नहीं हुआ। पुनम ने कहा नहीं माँ। जानती हो माँ आज बर्तन साफ करते वक्त मेरे हाथ से कप गिर कर टुट गया। पुनम आगे कुछ कहती माँ बोल पड़ी तब तुम्हारी सास ने खरी खोटी सुनाई होगी। तुमने भी एक बड़ा सा जवाब दी की नहीं। बेटी किसी से डरना नहीं है। किसी के सामने झुकना नहीं। बीच में ही पुनम जोर चिल्लाई माँ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और उसने सारी घटना बताई। पुनम बोली माँ काश..!! तुम भी भाभी के साथ ऐसा ही व्यवहार करती तो तुम्हारे घर में भी खुशीयाँ और लक्ष्मी वास करती। तुमने तो बेचारी भाभी का जीना हराम कर रखा है। पुनम ने माँ को अनेकों गलतीयां याद दिलाई। माँ अपने बेटी की बातें स्तम्भद होकर सुन रही थी। मानो जैसे पुनम उनकी बेटी नहीं आज उनकी माँ हैं। इतना ही नहीं पुनम की माँ ने अपने किये गल्ती को स्वीकारी अपने बहु से माँफी मांगने और अच्छे व्यवहार करने का वादा भी किया और बोली यही मेरा पश्च्याताप होगा। बेटी सो जाओ रात बहुत हो गयी है। अच्छा माँ OK रखती हूँ प्रणाम.!!!!! एक इंसान के अच्छे व्यवहार से कई घर, कई जिन्दगीयां तबाह और बर्बाद होने से बच जाती हैं। रिश्ते Havaruni Dueby Deepika Dubey Divya Joshi Nidhi Dehru Navneet Sarada
Virendra Parmar Thakur
सादर प्रणाम , आपको और आपके सम्पूर्ण परिवार को प्रकाश-पर्व के पावन अवसर पर दीपावली , गोवर्धन-पूजा व भैय्या-दूज की अनेकों-अनेकों बधाईयां । ईश्वर आपके जीवन में सदा सुख-शांति बनाये रखे । इसी मंगल कामना के साथ आपको मेरे व मेरे परिवार की ओर से दीपावली पर्व की हार्दिक बधाईयाँ ।
Anil Siwach
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