Find the Best मोरा Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutइतनी तो बस रे मोरा, इथे बस रे मोरा, मोरा रे मोरा कविता, 'नाच रे मोरा आंब्याच्या वनात कविता', थुई थुई नाचे मन मोरा lyrics,
RajeshKumar
**निम का पेंड**((गीत)) ******************* बड़ा निक लागे मोरा बाबा के गांव में। सब कोई गप करे निमिया के छांव में ।। सुबह शाम दुपहरिया में लागे बैठाका। बुढ़वा -जवनकन के लागेला ठहाका।। दुखवा सभे भूल जाला हंसिया के भाव में। बड़ा.................... ................।। निमिया पतैइया होला बड़ा रे उपयोगी। अगल-बगल सबका के रखे उ निरोगी।। देहिंया में होखे जब घाव, फोड़ा-फुंसी। निमिया पतैइया तुर लावेला 'तुलसी'।। कूट-काट के पतैइया चढावेला घाव में। बड़ा निक-----------------------।। जब भोजन के कड़वा दांते में फंस जाला। निमिया के सिंकवा से दंतवा खोदाला। निमिया के सब गुण छिपे पात और छाल में। गँऊंआ के लोगवा कूट-काट के लगावेला बाल में। निमिया के पेड़वा लगावे लोग पूजा के भाव में। बड़ा निक ................................।। चिरंयीं के चहकल निमिया पे सुने सब कोई। निमिया के दतुअन से सभे मुंह धोयी।। 'राजेश कुमार'के बिनती सुन ल तुहूँ सब कोई। अपने-अपने दुहरा पे निमवा के पेड़वा द बोई।। तबे सब कोई निरोग रही शहर और गांव में। बड़ा निक लागे मोरा बाबा के गांव में। सब कोई गप करे निमिया के छांव में।। Tr-RAJESH KUMAR
Parul Sharma
krishna vani मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ तोरी सांवली सूरत दरपन में देखूँ। जग सांवला हुआ रे। यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। तेरी बंसी की धुन गूँज रही पत्तन में, रज रज में पूरे गोकुल की सुधबुध गयी जबसे यादें छोड़ गया तू गोकुल में अब आ भी जारे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। पारुल शर्मा #NojotoQuote मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ तोरी सांवली सूरत दरपन में देखूँ। जग सांवला हुआ रे। यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे।
मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ तोरी सांवली सूरत दरपन में देखूँ। जग सांवला हुआ रे। यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे।
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मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ तोरी सांवली सूरत दरपन में देखूँ। जग सांवला हुआ रे। यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। तेरी बंसी की धुन गूँज रही पत्तन में, रज रज में पूरे गोकुल की सुधबुध गयी जबसे यादें छोड़ गया तू गोकुल में अब आ भी जारे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। पारुल शर्मा #Krishna गीत मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ
#Krishna गीत मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ
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