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Best बेटी_हूँ_तो_क्या Shayari, Status, Quotes, Stories

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अभिलाष सोनी

🌝प्रतियोगिता-82 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹" बेटी हूँ तो क्या...??"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I

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बेटी हूँ तो क्या..? तुम मेरा तिरस्कार करोगे।
देखना एक दिन तुम मुझे ही स्वीकार करोगे।

मैं तुम्हारे घर को खुशियों से भरने आई हूँ ।
बिना मेरे कैसे अपना आँगन गुलजार करोगे।

यकीन ना हो तो मेरे बिना ही जीने की सोचना।
बिना मेरे तुम खुद की ही जिंदगी बेज़ार करोगे। 🌝प्रतियोगिता-82 🌝
 
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌹" बेटी हूँ तो क्या...??"🌹

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I

DR. SANJU TRIPATHI

🌝प्रतियोगिता-82 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹" बेटी हूँ तो क्या...??"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I

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बेटी हूँ तो क्या हुआ? समस्त ब्रह्मांड की रचयिता, सृष्टिकर्ता मैं ही तो हूँ।
मां के शरीर का अंश मैं भी हूँ,मैं ही कुल के वंश को आगे बढ़ाने वाली हूँ।

बेटी हूँ तो क्या हुआ? मैं ही तो हर घर आंगन में उजियारा भरती रहती हूँ।
बेटी, मां, बहन और पत्नी का हर रूप मैं ही हूँ मैं सारे ही फर्ज निभाती हूँ।

बेटी हूँ तो क्या हुआ? परिवार का स्वाभिमान, दो कुलों की मान मर्यादा हूँ।
बेटों से कम नहीं मैं स्वयं में सर्व शक्तिशाली और अस्तित्व बनाने वाली हूँ।



 🌝प्रतियोगिता-82 🌝
 
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌹" बेटी हूँ तो क्या...??"🌹

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I

Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

🌝प्रतियोगिता-82 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹" बेटी हूँ तो क्या...??"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I

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एक रात परी  माँ का हृदय झकझोर, सपने में आकर करुण स्वर में  समझाती है,
तुम भी तो एक बेटी हो, बेटियाँ ही बेटों को जन्म देती, बेटियाँ ही  सृष्टि रचाती है।

माँ मुझे भी  जीना है  मुझे क्यों  भगाती हो, बेटी हूँ तो क्या  मेरी बली  चढ़ाती हो,
मैं भी  तो तेरे  कलेजे का  टुकड़ा हूँ माँ, मुझे दुनिया में  लाने से क्यों  घबराती हो।

बेटी ही माँ, बहन, पत्नी, बहू नर की शान है, हमारी बेटियाँ नारियों की पहचान हैं,
बेटी ही जन्म देती है  बेटों को जो बनता सुजान है, तुझे नमन सचमुच तू महान है। 🌝प्रतियोगिता-82 🌝
 
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌹" बेटी हूँ तो क्या...??"🌹

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I

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