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Best गाँव_की_गलियों_में_rks Shayari, Status, Quotes, Stories

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DR. SANJU TRIPATHI

📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 के प्रतियोगिता :- 146 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।

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गाँव की गलियों में बीता है, मेरा अल्हड़ सा सारा बचपन।
रहता हूँ शहर में, पर बसता है आज भी गाँव में मेरा मन।

लहलहाती थी खेतों में धान की बाली, चहुँ ओर थी हरियाली।
मन को मोहती थी उषा की लाली, दिखती थी बस खुशहाली।

भूलता नहीं उन गलियों में खेलना और उस उम्र का भोलापन।
कैसे भूल जाऊँ मैं सोंधी मिट्टी की खुशबू और चूल्हे की रोटी।

 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏

💫Collab with रचना का सार..📖

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Writer1

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जवान सी मेरे गांव की गलियां, जहां हम सब मनाते थे रंगरलियां,
सोंधी सी, मीठी सी मदमस्त हवा, करे इच्छा जवां,
छेड़ती कुंवारियों का जब दुपट्टा, दिल था फिसल जाता,
सावन के महीने में झूले डाल बत्तीयाती थी सखियां,
सरसों के खेत में हुस्न खिलखिलाता था ,मुस्काता था,
जो बातें थी मेरे गांव की गलियों में, वह शहरों में कहां। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏

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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

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सदियाँ  बीत  गई पर, अब भी इन  गलियों की  पहचान है,
गाँव की गलियों  में मौजूद, आज भी बचपन के  निशान हैं।
इसी गाँव में  मेरी जन्म भूमि, जो घर जमीन  मेरी धरोहर है,
इसी गाँव के  पश्चिम में, खूबसूरत  फूस का  मेरा मकान है।
इन्हीं गलियों में  हम भागते थे, दौड़कर कहीं  छुप जाते थे,
इन गलियों का हर नक्शा, जेहन में आज भी विराजमान है। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏

💫Collab with रचना का सार..📖

🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों  को रचना का सार..📖 के प्रतियोगिता :- 146 में स्वागत करता है..🙏🙏

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