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deshbhakti wala

#कछुए इस ऐप पर पहली बार पोस्ट कर रहा है, मैं मजाक में देखता हूं कि अगर कोई अच्छा पोता है तो इस ऐप में कितने लोग हैं, मैं एक वीडियो बताऊंगा। #Rap

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mute video

deshbhakti wala

#कछुए इस ऐप पर पहली बार पोस्ट कर रहा है, मैं मजाक में देखता हूं कि अगर कोई अच्छा पोता है तो इस ऐप में कितने लोग हैं, मैं एक वीडियो बताऊंगा। #Rap

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Mukesh Poonia

#nojotohindi

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बीमारी खरगोश की तरह है और 
कछुए की तरह जाती है
जबकि पैसा कछुए की तरह 
आता है और खरगोश की
तरह जाता है।

- डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम #nojotohindi

Dileep Kumar

👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 1. जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना,क्योक़ि बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय बताती है। 2. किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस

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डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम की 
चन्द लाईनें जो हमे जीवन में हमेशा याद रखनी चाहिए। 
और हो सके तो उसे अमल भी करना चाहिये।
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👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 #NojotoQuote 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇
1. जिदंगी मे कभी भी किसी को
बेकार मत समझना,क्योक़ि
बंद पडी घडी भी दिन में 
दो बार सही समय बताती है।

2. किसी की बुराई तलाश करने
वाले इंसान की मिसाल उस

Shivank Shyamal

आलिंगन झुकी नज़रों से मैं उसकी ओर जा रहा था, उसकी आंखों में देखने की हिम्मत ना थी पर तब भी कछुए की चाल से चलते हुए उस की ओर बढ़ रहा था। मैं जानता था कि वो भी मुझे देख रही है पर शायद वैसे नहीं जैसे मैं उसे देख रहा था। मेरी झुकी नज़रें अब आहिस्ता आहिस्ता उठने लगी हैं और इसी के साथ अब उसकी नज़रें आहिस्ता आहिस्ता झुकने लगी है। कैसा प्रेम है ये? अंजाना सा, या बेगाना सा, पर प्रेम तो प्रेम होता है, चाहे एकतरफा हो यह दोनों तरफ से। पता नहीं कैसे वो मेरी कछुए जैसी चाल एकदम से खरगोश की दौड़ में बदल गई थ #yqbaba #Hug #happyhugday

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आलिंगन

Read under caption 👇 #NojotoQuote आलिंगन

झुकी नज़रों से मैं उसकी ओर जा रहा था, उसकी आंखों में देखने की हिम्मत ना थी पर तब भी कछुए की चाल से चलते हुए उस की ओर बढ़ रहा था। मैं जानता था कि वो भी मुझे देख रही है पर शायद वैसे नहीं जैसे मैं उसे देख रहा था।

मेरी झुकी नज़रें अब आहिस्ता आहिस्ता उठने लगी हैं और इसी के साथ अब उसकी नज़रें आहिस्ता आहिस्ता झुकने लगी है। कैसा प्रेम है ये? अंजाना सा, या बेगाना सा, पर प्रेम तो प्रेम होता है, चाहे एकतरफा हो यह दोनों तरफ से।

पता नहीं कैसे वो मेरी कछुए जैसी चाल एकदम से खरगोश की दौड़ में बदल गई थ

आर.के.चौहान

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बीमारी खरगोश की तरह आती है,
और कछुए की तरह जाती है,
लेकिन पैसा कछुए की तरह आता है,
और खरगोश की तरह जाता है।


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