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abhisri095

ख़ास लोगों से ख़ास बातें... ख़ास दिन की ख़ास खबर ( ख़ास लोगो के संग ) दोस्तों सबसे पहले आप सभी को इस ख़ास दिन की खासम -ख़ास बधाई। आज के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए आप सभी का ध्यान उस बात पर केंद्रित करने का प्रयास करते है जो आपसे रूबरू है भी और नही । रीति-रिवाज़ के हिसाब से समय का पालन न करते हुए,

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ख़ास दिन की ख़ास खबर... #NojotoQuote ख़ास लोगों से ख़ास बातें...
ख़ास दिन की ख़ास खबर ( ख़ास लोगो के संग )

दोस्तों सबसे पहले आप सभी को इस ख़ास दिन की खासम -ख़ास बधाई।

आज के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए आप सभी का ध्यान उस बात पर केंद्रित करने का प्रयास करते है जो आपसे रूबरू है भी और नही ।

रीति-रिवाज़ के हिसाब से समय का पालन न करते हुए,

Lokendra vishwakarma

संगीत-वाध्ययंत्र वाद्य संगीत जो वाद्य चमड़े से खिंचे या मढ़े होते हैं उन्हें अवनद्ध वाद्य कहा जाता है। उदाहरण के लिए तबला, ढोलक, नगाड़ा, पखावज, खंजरी आदि को लिया जा सकता है। अवनद्ध वाद्यों का उपयोग संगीत में ताल देने के लिए किया जाता है। Photo #nojotophoto

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 संगीत-वाध्ययंत्र
वाद्य संगीत जो वाद्य चमड़े से खिंचे या मढ़े होते हैं उन्हें अवनद्ध वाद्य कहा जाता है। उदाहरण के लिए तबला, ढोलक, नगाड़ा, पखावज, खंजरी आदि को लिया जा सकता है।
अवनद्ध वाद्यों का उपयोग संगीत में ताल देने के लिए किया जाता है। #NojotoPhoto

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 6 – पूर्णकाम ‘तृष्णाक्षये स्वर्गपदं किमस्ति' 'देवाधिप की मुखश्री आज म्लान दीखती है!' सुरगुरु ने अमरों की अर्चा स्वीकार कर ली थी और महेन्द्र से अभिवादित होकर वे सिंहासन पर बैठ चुके थे। इन्द्र एवं अन्य देवताओं ने भी आसन ग्रहण कर लिया था। 'सुधर्मा सभा में आज चिन्ता की अरुचिकर गन्ध है।'

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8

।।श्री हरिः।।
6 – पूर्णकाम

‘तृष्णाक्षये स्वर्गपदं किमस्ति'

'देवाधिप की मुखश्री आज म्लान दीखती है!' सुरगुरु ने अमरों की अर्चा स्वीकार कर ली थी और महेन्द्र से अभिवादित होकर वे सिंहासन पर बैठ चुके थे। इन्द्र एवं अन्य देवताओं ने भी आसन ग्रहण कर लिया था। 'सुधर्मा सभा में आज चिन्ता की अरुचिकर गन्ध है।'


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