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AKHIL

Follow more such stories on @Nojotoapp प्रिय माँ मैंने आज तक बहुत गलतियां की ,मैं 7 साल का रहा होऊंगा जब मैंने जीवन की पहली सबसे बड़ी गलती की थी तब आपने मुझे अपनी गोद मे छिपा कर बाबा की डांट से बचाया था और मैं वही जब 10 या 12 का रहा होऊंगा तब अपने बोला था मुन्नु जाओ बाजार से दीपक ले आओ तो मैंने पैसे खो दिए थे और दोस्तों के साथ खेलने लगा था ,तब भी आपने मेरी सारी गलती हँस कर टाल दी थी और मैं जब 15 का था तो मेरी सबसे बड़ी गलती थी दीदी के 5 रुपये जो मैंने चुपके से लेकर भइया के साथ खर्च कर दिए थे और भइ #Poetry #Love #Quote #Thoughts #Stories #writersofindia #wordporn #writersofinstagram #quoteoftheday #wordsofwisdom #qotd #igwriters #poetrycommunity #wordgasm #storytelling #nojotoapp #shayaris #poetsofindia #igpoets #indianwriters #igwriterclub #writeraofindia

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Dear pillow thnk u so much 
 you are always with me when i cry... Follow more such stories on @Nojotoapp प्रिय माँ मैंने आज तक बहुत गलतियां की ,मैं 7 साल का रहा होऊंगा जब मैंने जीवन की पहली सबसे बड़ी गलती की थी तब आपने मुझे अपनी गोद मे छिपा कर बाबा की डांट से बचाया था और मैं वही जब 10 या 12 का रहा होऊंगा तब अपने बोला था मुन्नु जाओ बाजार से दीपक ले आओ तो मैंने पैसे खो दिए थे और दोस्तों के साथ खेलने लगा था ,तब भी आपने मेरी सारी गलती हँस कर टाल दी थी और मैं जब 15 का था तो मेरी सबसे बड़ी गलती थी दीदी के 5 रुपये जो मैंने चुपके से लेकर भइया के साथ खर्च कर दिए थे और भइ

AKHIL

प्रिय माँ मैंने आज तक बहुत गलतियां की ,मैं 7 साल का रहा होऊंगा जब मैंने जीवन की पहली सबसे बड़ी गलती की थी तब आपने मुझे अपनी गोद मे छिपा कर बाबा की डांट से बचाया था और मैं वही जब 10 या 12 का रहा होऊंगा तब अपने बोला था मुन्नु जाओ बाजार से दीपक ले आओ तो मैंने पैसे खो दिए थे और दोस्तों के साथ खेलने लगा था ,तब भी आपने मेरी सारी गलती हँस कर टाल दी थी और मैं जब 15 का था तो मेरी सबसे बड़ी गलती थी

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प्रिय माँ
   मैंने आज तक बहुत गलतियां की ,मैं 7 साल का रहा होऊंगा 
जब मैंने जीवन की पहली सबसे बड़ी गलती की थी
 तब आपने मुझे अपनी गोद मे छिपा कर बाबा की डांट से बचाया था  
और मैं वही जब 10 या 12 का रहा होऊंगा 
तब अपने बोला था मुन्नु  जाओ बाजार से दीपक ले आओ तो मैंने पैसे खो दिए थे 
और  दोस्तों के साथ खेलने लगा था ,तब भी आपने मेरी सारी गलती हँस कर टाल दी थी
और मैं जब 15 का था तो मेरी सबसे बड़ी गलती थी
 दीदी के 5 रुपये जो मैंने चुपके से लेकर  भइया के साथ  खर्च कर दिए थे
 और भइया को भी नही बताया था
 कि ये पैसे मैंने चोरी किये है
 तब दीदी के रोने पर बाबा ने चमड़े की बेल्ट से बहुत पिटाई लगाई थी 
फिर आपने आकर मुझे अपने आँचल में छुपा लिया और बाबा से झगड़ा कर लिया मेरे लिए।
फिर मुझे आपने बाहर पढ़ने के लिए भेजा मैंने वहाँ भी कई गलतियां की और आपने सब कुछ माफ कर दिया।
माँ आज मुझे आपकी बहुत याद आती है 
और मन करता है सब कुछ छोड़ कर आपके आँचल में छुप जाऊ।
फिर याद आता है जीवन का वो दौर जिसमें सबको एक न एक दिन माँ से दूर होना ही पड़ता है।
माँ  मैंने हमेशा आपको भगवान से ज्यादा चाहा है,
  माँ  कभी मुझसे दूर ना होना  
                                           आपका छोटा  सा 
                                                  मुन्नू  प्रिय माँ
   मैंने आज तक बहुत गलतियां की ,मैं 7 साल का रहा होऊंगा 
जब मैंने जीवन की पहली सबसे बड़ी गलती की थी
 तब आपने मुझे अपनी गोद मे छिपा कर बाबा की डांट से बचाया था  
और मैं वही जब 10 या 12 का रहा होऊंगा 
तब अपने बोला था मुन्नु  जाओ बाजार से दीपक ले आओ तो मैंने पैसे खो दिए थे 
और  दोस्तों के साथ खेलने लगा था ,तब भी आपने मेरी सारी गलती हँस कर टाल दी थी
और मैं जब 15 का था तो मेरी सबसे बड़ी गलती थी

Rajan Jaiswal

You know what i mean😉 #OpenPoetry

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#OpenPoetry दिल तो बेचारा उसी चाय की दुकान पर टूट गया😞, 
जब हमने कहा भइया एक चाय देना और फिर पीछे से उसने भी कहा भइया एक मेरे लिए भी😟



                                                      —Mr.Jaiswal You know what i mean😉

akshat tripathi

#बचपन और मेला

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बचपन और मेला  बचपन और मेला
मिठाइयों और खिलौनों का ठेला
और जादूगर वाले भइया का खेला, 
गुब्बारे वाले भइया से 
सबसे बड़ा गुब्बारा लेने का फ़ैसला
और एक मिनट के अंदर गुब्बारे का फ़ूट कर
हमारे हाथों में आ जाना
बचपन में ये खेल हर शख्स ने होगा खेला..! #बचपन और मेला

तेज बहादुर मौर्य

💐💐💐पिताजी का 19वीं परिनिर्वाण दिवसपर विशेष💐💐💐

पिता जी का परिनिर्वाण दिनांक 11/07/1999 में दिन रविवार सुबह के 7 बजे हुआ था।
पिता जी के इस परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर कुछ मन में उपजे भाव एवं विचार जो मुझे हमेसा झकझोर दिया करते हैं।मैं जब भी सबके बीच में या अकेले खुशी के क्षण में रहता हूँ तो एकबार आपकी याद आती हैं कि काश आज आप भी इस खुशी के पल का साक्षी होते तो क्या बात होती।सचमुच में हमसभी भाग्यशाली हैं जो कि आप जैसे पिता मिले।जब आप इस बगिया को छोड़कर गए तो उस समय परिवार में 7 से 8 बच्चे पढ़ने वाले थे और आय का स्रोत बहुत ही कम पर सबके सहयोग(दो बहनों और बड़े भइया) के द्वारा हमसभी भाईयों और साथ ही साथ भांजे-भांजी का पठन-पाठन लगातार जारी रहा ।जीवन में उतार चढ़ाव आया लेकिन इस करवा में सहयोगी दल की संख्या बढ़ती चली गई।कुछ वर्षों के बाद इसी बगिया से कली खिलकर देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपना सुगंध बिखेरने लगे हैं।आपके द्वारा परिवार रूपी पेड़ उपज रहा है लेकिन छोटी छोटी मगर मोटी बातों के द्वारा इस बगिया के कुछ शाखाएं लचक रही हैं मगर हमे पूर्ण विश्वास है कि कभी भी इस बगिया से अलग नही होंगी।जीवन है उतार चढ़ाव आता रहता है।मुझे मलाल इस बात का है कि आज आप होते तो कुछ और होता।आप बहुत ही सात्विक विचारों के थे।आप हमेसा विनोदप्रिय बातों के द्वारा लोगो को प्रसन्न कर दिया करते थे।आप के जाने के बाद गाँव और क्षेत्र के लोग भले ही किसी जाति धर्म के हो वे बहुत याद करते थे।आपका उस टाइम एक नाती था जिसका नाम ऋषि (वर्तमान नाम विकाश) था उसको आप हमेसा प्रतिदिन टॉफी या विस्कीट दिया करते थे।और जब आप इस दुनिया से चल बसे तो उसे पता नही था क्योंकि उस टाइम शायद वो 1 साल का था।और वो अपनी मम्मी को लेकर जिद्द करते हुए पिताजी की कुटिया में जाकर नाना नाना बुलाकर टॉफी विस्कीट मांग कर सबको रुला देता था।ये प्रक्रिया शायद वो आपका नाती 10 दिन तक लगातार करता रहा कभी कभी तो वो अकेले जाकर नाना बुलाकर कुटिया में झांक झाँक कर रोया करता था। वो भावनात्मक पल जब भी सामने आता है तो आंखों में उदासी के आसू आ जाते हैं।जब आप परिवार को छोड़कर हमेसा के लिए गए तो उस समय पारिवारिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी।बड़े भइया जी ने दोनों दीदियों के सहयोग से परिवार रूपी बगिया के माली बनकर सींचना शुरू किया और सबको मार्गदर्शन करते हुए सर्वांगिण विकाश करने में शतप्रतिशत योगदान दिया। जिसका परिणाम आज देखने को मिलना शुरू हो गया है और भविष्य में भी इस बगिया के फूल देश के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छे अच्छे पदों पर सेवा करते दिखेंगे।मैं बहुत मिस करता हूँ पिता जी आपको को।पिता जी के पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन।आप हमेसा हम सभी के सासों, नसों ,खून  और हृदय में जीवित है।आप मेरे लिए हमेसा के लिए प्रेणास्रोत रहेंगे।

   आपका सबसे 
     छोटा बेटा---
  तेज बहादुर मौर्य
MA(Eng),M.Ed.(BHU),PGDHE(pursuing),CCC,NET, CTET, UP TET,

जय पिता जी ।
पिता जी अमर रहे।
👏👏👏👏👏
💐💐💐💐💐
😭😭😭😭😭
👏👏👏👏👏

Mayank Mishra

ये मेरे वयक्तिगत राय है।किसी को दुःख पंहुचा हो मेरी लेखनी से तो माफ़ करें।धन्यवाद Sunil Kumar Upadhyay Amit Kumar Dey Sangita Gupta Bharti Kumari Darpana Singh

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आज यहाँ पर धूम मची है,
देखो सत्ता के गलियारों में,
राण की भेदी बज चुकी है,
युद्ध चुनाब मैदानों में,
कोई यहाँ आलू से,
सीधा सोना है बनवाता,
कोई यहाँ पहन जनेऊ,
पंडित है बन जाता,
सत्ता के लालच ने देखो,
कैसी चाल चलाई,
बेटा यहाँ बाप से पूछे,
तू कौन है भाई,
एक कहे सत्ता है भइया,
एक कांटो का ताज,
पर मजबूरी में देखो भइया,
टूटी साईकिल पर हाथी सवार..!! ये मेरे वयक्तिगत राय है।किसी को दुःख पंहुचा हो मेरी लेखनी से तो माफ़ करें।धन्यवाद Sunil Kumar Upadhyay Amit Kumar Dey Sangita Gupta Bharti Kumari Darpana Singh

Shruti Aggarwal

#nojotostory #nojotohindi #Maan मान घर मेहमानों से भरा हुआ था...गाना बजाना, शोरगुल,हँसी ठिठोली के बाद भी मन बहुत उदास था...शुभ्रा मेरी ननद कम, सहेली ज़्यादा थी, उसकी शादी के बाद घर‌ कितना खाली खाली हो‌ जाएगा। चिंता का कारण एक और भी था-ननद की शादी में मेरे मायके से क्या आएगा, इसका सबको बड़ा इंतज़ार था,खासकर मेरे‌ पति नवीन की बुआजी यानि मेरी बुआ सास को.. "बहू के यहाँ से कोई आया क्या भाभी?" "जीजी,कल शादी है,आज शाम तक आ जाएंगे,आप काहे परेशान हो रही हैं.." माँजी टालने लगीं, "देखें तो क्या लाते ह

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maan



betiyan #nojotostory #nojotohindi #maan 

मान 
घर मेहमानों से भरा हुआ था...गाना बजाना, शोरगुल,हँसी ठिठोली के बाद भी मन बहुत उदास था...शुभ्रा मेरी ननद कम, सहेली ज़्यादा थी,  उसकी शादी के बाद घर‌ कितना खाली खाली हो‌ जाएगा। चिंता का कारण एक और भी  था-ननद की शादी में मेरे मायके से क्या आएगा, इसका सबको बड़ा इंतज़ार था,खासकर मेरे‌ पति नवीन की बुआजी यानि मेरी बुआ सास को..
"बहू के यहाँ से कोई आया क्या भाभी?"
"जीजी,कल शादी है,आज शाम तक आ जाएंगे,आप काहे परेशान हो रही हैं.." माँजी टालने लगीं,
"देखें तो क्या लाते ह


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