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Nitesh Prajapati
"ईद की मिठास" खुदा के घर से आज रहमत आई है, हमारे वास्ते ईद की मिठास लाई है। पूरा माह किया था इंतज़ार जिसका, वो सुहानी घड़ी आज आयी है। रोजेदार के लिए जन्नत जमीं पर आई है, हमारी सब्र और इबादत की ईदी आई है, खुदा ने ईद की मिठास भिजवाई है। पाक रमज़ान से हमको नवाजा है, रोजे रखने की तौफीक दे कर, हमारी सब्र आजमाई है, खजूर और रूह अफजा नसीब कर, अपनी रहमत बरसाई है। लैलतुल कद्र की रात नसीब हुई है, सारे गुनाह से बख्शीश नसीब हुई है, हर दुआ हमारी कुबूल हुई है, या रब! ईद की मिठास नसीब हुई है। अपनो के मिलन की घड़ी आई है, साथ हज़ार खुशियों का अवसर लाई है, रूह से निकली बस दुआ यही है, ईद की मिठास अल्हमदु लिल्लाह। रचना क्रमांक :-30 2/05/2022 #kkrईदकीमिठास #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkr2022 #कोराकाग़ज़ #kkrnitesh
Nitesh Prajapati
"रहमत का दिन" नूर-ए-रमजान का मौका है आया, साथ रहमत का दिन है लाया। सजदह भरी इबादत कर लो तुम, कुरआन की तिलावत कर लो तुम, देखो मगफिरत का आखरी असरा आया, साथ रहमत का दिन है लाया। वो सेहरी की रौनक पा लो तुम, वो बरकत भरे इफ्तार कर लो तुम, सदका-जकात का बड़ा मौका आया, साथ रहमत का दिन है लाया। हर गुनाह की माफ़ी मांग लो तुम, एक हजार माह की रातों से बेहतर, शब-ए-कद्र की रात है आई, साथ रहमत का दिन है लाई। भर लो जोली नेकियों से तुम, रमज़ान चला जा रहा है, अगले साल वो फिर आएगा, पर अगले साल तुम होगे या नहीं, ये भी सवाल उठ रहा है। हर दुआ कुबूल हो हर किसी की, ये भी दुआ मांग लो तुम, फरिश्ते भी बोल उठेंगे बस यही, रहमत का दिन...आमीन...आमीन। रचना क्रमांक :-29 01/05/2022 #kkrरहमतकादिन #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkr2022 #कोराकाग़ज़ #kkrnitesh
Nitesh Prajapati
"आते जाते" कुछ ऐसे भी लोग होते है जिंदगी में, जो आते जाते रहते है हर घड़ी, हर पहर में, उन आते जाते रिश्तों की परवाह न करना तुम, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में डटे रहना तुम। मेरी कलम मुझसे कहती है बस यही, जिंदगी है तेरी इसे जी ले जी भर के, ये लोग, ये रिश्ते-नाते, आते जाते ही रहेंगे, तेरा लेखन ही तेरा साथ निभाएगा, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी। जब तू न होगा इस दुनिया में, तेरी सोच तो रहेगी इसी दुनिया में, जिंदगी आती है, और चली जाती है, तेरे विचार, तेरा मत,तेरा ये कौशल्य, तेरी हर गज़ल में मोहर होगी तेरे नाम की। किसी की वज़ह से तु कभी उदास न होना, कोई मारे ताना अगर, तो अनसुना कर देना, कुछ तो लोग कहेंगे,लोगो का काम है कहना, ये आते जाते ताने को अपनी हिम्मत तु बनाना, खुश रहना हर पल,और सबको साथ में तु हसाना। आते जाते रहेंगे पल, इस पल को समेट लेना, खुशी के पल संभालना, और ग़म को तु भूल जाना, आते जाते रहेंगे कुछ लोग, लोगो को तु पहेचानना, कुछ होगे सच्चे और अच्छे, कुछ बुराई में डूबे हुए, खुद को न बदलना कभी, बस लोगो की सोच बदलना। रचना क्रमांक :-28 30/04/2022 #kkrआतेजाते #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkr2022 #कोराकाग़ज़ #kkrnitesh
Nitesh Prajapati
"पैग़ाम-ए-मोहब्बत" पैग़ाम-ए-मोहब्बत फ़ैलाने निकला हूंँ, मेरे शब्दों से आज हर एक दिल में, के ना खेलना कभी किसी दिल से अपनी खुशी के लिए, करनी है मोहब्बत तो करना एक सच्चे जज़्बात के साथ। इज्ज़त करना उस शख़्स की के, जिसने तुझ पर विश्वास करके तुझे अपनाया, कभी देना ना दगा उसको, चाहे मिले तुझे कोई उससे भी ज्यादा खूबसूरत। पैग़ाम-ए-मोहब्बत फ़ैलाने निकला हूंँ, मेरे शब्दों से भाईचारे का आज समाज में, के आपसी अहंकार को मिटाके, सदा रहो घुल मिल के इस आसमान के नीचे। खाली हाथ आए थे खाली हाथ ही जाएंगे, तो फिर क्यू गुरूर करना यहांँ पैसों का, आखिर में तो तुझे एक इंसान ही, काम आएगा चिता तक पहुंचने के लिए। पैग़ाम-ए-मोहब्बत लिख रहा हूँ आज दुनिया के नाम, अगर एक भी इंसान इसे पढ़कर समझ गया, कि सही मायने में मोहब्बत क्या है तो, मेरी लेखनी सार्थक हुई ऐसा मानूंगा। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-27 29/04/2022 #kkrपैग़ामएमोहब्बत #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkr2022 #कोराकाग़ज़ #kkrnitesh
Nitesh Prajapati
"तुम मेरे हो" मेरे चेहरे पे जो तुम मुस्कान देख रहे हो, मेरी आँखों का ये ख़ुमार देख रहे हो, में तुम्हारी हो गई पिया, अब तुम मेरे हो। मेरे दिल का ये जो हाल देख रहे हो, मेरी धड़कन की आवाज़ सुन रहे हो, मेरी हर खुशी तेरे नाम पिया, अब तुम मेरे हो। दोस्ती का हक तुम जता रहे हो, मेरी ग़लतियां मुझे बता रहे हो, अपने होने का एहसास दिला रहे हो, मैं पागल प्रेमी तुम्हारी पिया, अब तुम मेरे हो। मेरी चाहत का जो रंग बन रहे हो, प्यार का गुलाल ऐसे लगा रहे हो, मैं तेरे ही रंग में रंग गई पिया, अब तुम मेरे हो। मेरे ख़्यालों में तुम ऐसे आ रहे हो, हर लफ्ज़ बनकर मेरी गज़ल बना रहे हो, मेरी कलम ने भी ये मान लिया, अब तुम मेरे हो। मुझसे दूर जाने का जो बहाना बना रहे हो, हकीक़त में तो मेरे बारे में ही सोच रहे हो, मेरी ख़ातिर तुम मेरे ना हुए, फिर भी मैंने ये मान लिया, सनम तुम मेरे हो। मेरी रूह से भी ज्यादा तुम मेरे हो, मेरी साँसों से भी ज्यादा तुम मेरे हो, मेरी धड़कन भी ये गाने लगी है, तुम मेरे हो सुन लो पिया, अब तुम मेरे हो। रचना क्रमांक :-26 28/04/2022 #kkrतुममेरेहो #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkr2022 #कोराकाग़ज़ #kkrnitesh
Nitesh Prajapati
"हुस्न की मलिका" है तू मेरे लिए मेरी मन्नत का फल, ईश्वरीय आशीर्वाद का फ़लसफ़ा है तू, कायनात का सबसे नायाब तोहफ़ा है तू, कहूँ मेरे अल्फ़ाज़ में तो, है तू मेरे लिए हुस्न की मलिका। देर से ही मिली मुझे पर, जेसी मन में छवि बनाई थी मैंने, वैसे ही मिली मुझे मोहतरमा मेरी, ना देखी उसने मेरी शान-ओ-शौकत, ना ही देखी कभी मेरी धन दोलत, देखा तो सिर्फ उसने मेरा नादान दिल। पहली नज़र में जब देखा था उसे, लगा जैसे परी उतर आई है आज आसमान से, चुपके चुपके देखा था उसको बहुत उस दिन, मुझे क्या पता था तब की अब तो, यह नज़ारा सारी जिंदगी देखने को मिलेगा। क़ायनात की लकीरों ने मिला दी हमारी क़िस्मत, और पुरी कर दी मांगी थी जो मैंने मन्नत, आज हम साथ है खुशी से मेरे आशियाने में, जी रहे हैं एक दूसरों को समझकर हमेंशा, और बांट रहे हैं एक दूसरे का दुःख दर्द। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-25 27/04/2022 #kkrहुस्नकीमलिका #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkr2022 #कोराकाग़ज़ #kkrnitesh
Nitesh Prajapati
"दुनिया झूठ की" गिने चुने लोग मिलते हैं यहाँ सच के नुमाइंदे, बाकी तो जहांँ नजर डालो झूठे लोग ही मिलते हैं, दुनिया झूठ की है, झूठ ही है जैसे यहाँ सब का मंत्र, अपने स्वार्थ के लिए बोल देती है झूठ यहाँ हर एक की जुबान। दुनिया हो गई है आज दो मुखोटे वाली, अपना सच्चा चेहरा छुपा के दिखाते हैं यहाँ झूठा चेहरा, सच को दबा देता है यहांँ झूठ के तले, कितना गिर गया है आज इंसान के, बोलता है हर एक पल में झूठ ही झूठ। झूठ से मिलती है खुशियां और जो तुम चाहो, लेकिन सिर्फ कुछ वक़्त के लिए ही, अखिर मे सच सामने आ ही जाता है, और खो देता है वह इंसान जो झूठ से पाया था। दुनिया झूठ की है फिर भी सच जिंदा है आज भी, सच की बुनियाद से ही टिका है आज दुनिया का वज़ूद, अपवाद स्वरूप होता है ये झूठ, लेकिन सच तो हमेंशा ही अमर होता है। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-24 26/04/2022 #kkrदुनियाझूठकी #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkr2022 #कोराकाग़ज़ #kkrnitesh
Nitesh Prajapati
"पैसों का शोर" पैसों का शोर जारी है आज, इस फरेबी दुनिया में, दिल के रिश्तो के सामने भारी पड़ रहा है, पैसों वाला रिश्ता इस दुनिया में। पैसों का शोर बिगाड़ता हैं रिश्ता आपस में, कोई भाई भाई आपस में जायदाद के लिए झगड़ रहा है, कहाँ एक बेटा हिस्सा मांग रहा है अपने मांँ बाप से जायदाद में, और कहीं व्यवसाय में पाटनर झगड़ रहे पैसों के लिए। अरे पैसा तो है चंचल पानी जैसा ए इंसान, किसी के पास नहीं टिकता सदा के लिए, पैसा देखकर रिश्ता जोड़ोगे तो, थोड़े वक़्त में ही रिश्ता हाथो से खो बैठोगे। पैसों को क्यों अहमियत देता है इंसान, पैसों से सिर्फ चीजें खरीदी जा सकती है, खुशी और रिश्ते नहीं खरीदे जा सकते, पैसा तो आज है कल नहीं भी होगा, लेकिन एक सच्चा रिश्ता हमेशा ही साथ होगा। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-23 25/04/2022 #kkrपैसोंकाशोर #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkr2022 #कोराकाग़ज़ #kkrnitesh
Nitesh Prajapati
"ख़ुश हूंँ मैं" ख़ुश हूंँ मैं आज क्योंकि, वह खुश है बहुत अपनी जिंदगी में, भले ही वह मेरी ना हो पाई, लेकिन तेरी खुशी में ही मेरी खुशी छुपी है। प्यार का नाम उसे पाना ही नहीं है, प्यार तो है दो अंतरात्मा का मिलन, भले ही वह साथ में नहीं है, फिर भी उसे दिल से चाहना और, उसको खुश देखकर खुश होना ही सच्चा प्यार है। याद तो आती है तेरी भी बहुत, तराशता हूँ तुझे में हर एक वो जगह, जहाँ हम मुलाकात किया करते थे, शाम के वक़्त वहाँ अकेला बैठ कर चाय पीता हूंँ, और तुझे याद करके सुनहरे नग़्मे लिखता हूँ। किस्मत ही बड़ी सुहानी है मेरी, के हैं वह अभी भी मेरे शहर में ही, कभी कभी देख लेता हूँ चुपके से उसे, कभी कभी क़िस्मत मिलवा देती है सड़कों पर, लेकिन जब भी उसकी कोई खबर आती है तो, मेरे दिल को बहुत ही तसल्ली मिलती है। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-22 24/04/2022 #kkrख़ुशहूँमैं #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkr2022 #कोराकाग़ज़ #kkrnitesh
Nitesh Prajapati
"मौत का दिन" दुनिया की कोई दौलत न काम आयेगी, न काम आएगी कोई शोहरत, खुदा की बंदगी कर लो इंसान, मौत का दिन नजदीक है तुम्हारे। क्या दोगे जवाब तुम, उनके सारे सवालों का, तुम्हारे हर बुरे कर्मो का फ़ल बनकर, मौत का दिन एक दिन आएगा। कौन अपना कौन पराया, आखीरत के दिन कोई रिश्ता न काम आया, दुनियावी सफ़र का एक मोड़ ये भी आएगा, मौत का दिन कोई और मोड़ न लायेगा। जिंदगी एक खूबसूरत सफ़र है, मौत का दिन इसकी मंजिल, हर किसी को मंजिल तक पहुंचना होगा, किसी को देर से तो किसी को बहुत जल्द ही, इस मुकाम को हासिल करना ही होगा। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-21 23/04/2022 #kkrमौतकादिन #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkr2022 #कोराकाग़ज़ #kkrnitesh