Find the Best yqbhaskar Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about yqbaba, haskar meaning in hindi, haskar sentence in hindi, haskar jo dekha mujhko, haskar,
S. Bhaskar
तुम्हारे मेरे दरमियान सब बाकी है, चेहरे किताब तहजीब बस एकाकी है, बस उम्मीद खुशियों की है सहारे पर, हमारा रिश्ता है रात के आखिरी किनारे पर। मुझमें तेरा अक्स मिलेगा निशान गवाही है, जो कोरे पन्नो में लिखी वो लहू स्याही है, सुबह होगी शाम होगी पहर चार पहर पर हमारा साथ होगा रात के आखिरी किनारे पर। तुम मुझमें खो कर जी लेना, मैं तुझको पाकर जी लूंगा, लिखेंगे नई कहानी उफनती लहरों पर, प्यार कायम रहेगा रात के आखिरी किनारे पर। इश्क क्या होता है हमने सीखा ही नही, रंजिशो का कोई सलीका ही नही, नोक झोंक तकरार इकरार तेरे इशारों पर, इबादत कायम रहेगा रात के आखिरी किनारे पर। #रातकाअफ़साना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbhaskar
S. Bhaskar
असो छठ करे जाईब हो। रूठल बाटे भाग, देख लागल बाटे आग, छठी मैया के हम्हू मनाइब हो, असो छठ करे जाईब हो। पियरी से भरल बाटे घटवा हो, कटवा ला तुहूं टिकटवा हो, की असो भास्कर के अरग चढ़ाईब हो, असो छठ करे जाईब हो। देख सूरज के लाली चढ़ल बा, गांव ज्वार से घटवा भरल बा, अबकी पनिया में डुबकी लगाइब हो, असो छठ करे जाईब हो। देख दउरा तनी का सजा ला, हाथे इखिया के बोझवा उठा ला, छठ वाला गितिया हम्हु गईब हो, असो छठ करे जाईब हो। छठ गीत #yqbhaskar
S. Bhaskar
तुम उसको पाओगे मुरझाए दिल का आकार पता कर पाओगे, फटे होंठों पे फिर से कैसे मुस्कुरा पाओगे, मन में नदियों का हज़ार पहरा है, पर वो समंदर से काफी गहरा है, कल कुछ छीटों ने समेट लिया था, फिर बेदाग कैसे खुद को ठहरा पाओगे, यूं तो बेदम है हरकत फिर फतेह कहां लहरा पाओगे, जो बीत गया है वक्त का दरिया, फिर कहां से तुम उसको पाओगे। तुम उसको पाओगे #yqbhaskar
S. Bhaskar
जिम्मेदारियों ने जिंदा रखा है ख्वाहिशों ने दफना दिया, जिम्मेदारियों ने जिंदा रखा है। एक वक्त करीब था जब बुलंद नसीब था, चेहरे पर लाली और लबों पर सलीब था, अब बोझ बनती बारिशों ने बेदम कर दिया, मन से मुर्दा है पर जिम्मेदारियों ने जिंदा रखा है, ललाट पर लपेटे लपटों में छुपा रखा है, क्या मजबूरी है जो जिह्वा ने चखा है, बस बेदम सा मन का गला रेत दिया, मन तो कफन में है पर जिम्मेदारियों ने जिंदा रखा है, जी में आता है की जीभर के कोसूं खुदा को, पर ठिठक जाता देख कर होती कुबूल दुआ को, एहसासों के ताबूत में आत्मा गिरवी रख दिया, ख्वाहिशों की कब्र में हूं पर जिम्मेदारियों ने जिंदा रखा है। अब न दोस्त बचे ना ही दिलबर का रहबर, बस कचोटता है खुद को मन बर्बर, चोट लेकर सारे मुर्दा हसी करार कर दिया, आजादी झूलता फंदों में पर जिम्मेदारियों ने जिंदा रखा है।— % & जिम्मेदारियों ने जिंदा रखा है #yqdidi #yqbaba #yqbhaskar #yqaestheticthoughts
S. Bhaskar
रात ख्वाब सब अधूरे है, मन के सवाल कहां पूरे है, तुम मिलो तो मांग लेंगे वक्त से, वो एक ठहरा हुआ पल। न उसमे कोई पाई हो ना ही परछाई हो, ना तेरी गम बढ़े ना दूजी पीर पराई हो, बस हमारे अल्फाज ही दुजे के जहनों में हो, बस इसी कशमकश में मिल जाए, वो एक ठहरा हुआ पल। ना तुम्हारे कोई गिले हो ना कोई बंदिशे हो, ना विचारों की कोई चलती रंजिशें हो, तुम कह कर देखो सब एक कर दूंगा, बस कहीं से मिल जाए फिर से, वो एक ठहरा हुआ पल।— % & #ठहराहुआपल #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbhaskar
S. Bhaskar
बैठ के शांत मन से निहारता, वो बच्चा मां के साए को संवारता, ममता की कुछ बूंद लिए सहमा सा, कुछ दूर खिड़की से ताकता, बस आंखों में उम्मीद लिए , वो बेजार दुनिया को है देखता। पत्थर के देव है माटी की मूरत, भस्म होती मायूस की सूरत, वो सिसकता हुआ नाम मां का पुकारता, वो मासूम चेहरा आंसुओं में फुफकारता, बस आंखों में उम्मीद लिए, वो हर स्त्री में मां को है देखता। दर पर देवी के नंगे पांव बैठा है, दिल तो दिल चेहरे पर घाव लिए बैठा है, थरथराते होठों से वो प्यार छानता है, बेखयाली में खुद के लिए मां मांगता है, बस आंखों में उम्मीद लिए, वो बस अपनी मां को ही देखता है।— % & नमस्कार लेखकों।😊 Collab करें हमारे इस #rzhindi पोस्ट पर और अपने शब्दों द्वारा अभिव्यक्ति कर मौका पाएं रेस्ट ज़ोन से एक ख़ास टेस्टीमोनियल पाने का! 🤩 सबसे बेहतरीन collabs को हमारे पेज पर साझा किया जाएगा इसलिए इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 समय सीमा : 17 जुलाई, दोपहर 12 बजे तक।
S. Bhaskar
मैं एक बेटी का पिता हूं सम्मान और गौरव की सीमा हूं, मां से ममता बस तेरे लिए छीना हूं, स्नेह संसार सब तुझपर वारा हूं, बस तेरे ही कहकहों से घिरा हूं, मैं एक बेटी का पिता हूं। तू लक्ष्मी का रूप दुर्गा स्वरूप है, तेरे किलकारी से शिकंद सब चुप है, पापा लब्ज़ को लब्जों में सुनना है, तेरे इशारों पर तेरे खुशियों को चुनना है, तुझसे तकरार और प्यार में भिड़ा हूं, मैं एक बेटी का पिता हूं। वो भास्कर की सुंदर प्रतिछाया का प्रतीक है, उसके मुस्कान का मन हृदय इतने मुरीद है, इक्षा का मान है ममता का सम्मान भी है, मुस्कुराती हुई पारी का सानिध्या नाम भी है, जिसकी स्वर्ण लब्जो से समेटता हीरा हूं, हां मैं एक बेटी का पिता हूं।— % & मैं एक बेटी का पिता हूं #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqaestheticthoughts #yqdiary #yqbhaskar #yqbhaijan
S. Bhaskar
रुकसत रात का रेशा बाकी है, कुछ सवाल दर्मियां बाकी है, सवालों के परत खोल तो दूं कभी, पर मेरे सवालों का हिसाब बाकी है, मेरी वफ़ा पर वफ़ा की रुसवाई चढ़ रही है, कुछ तो है की ग़लतफ़हमियाँ बढ़ रही हैं... मेरे मन में अब भी है वही कहानी, परियों से देश में राजकुमारी दीवानी, मुझे खबर है कि हम थोड़े मशरूफ है, थोड़ा तो यकीन रखी गैर नही तुम्हारे हितैषी है, यूं गुस्से से ही तो सारी बाजी बिखर रही है, कुछ तो है की ग़लतफ़हमियाँ बढ़ रही हैं... हम गर तुम्हारी सुनते है तो तुम हमारी भी सुनो, हमने काटें उठाए है तो तुम कंकर तो चुना, बेशक हम हसीन दुनिया का श्रेष्ठ निमार्ण करेंगे, तुम मुस्कुराते रहो हम निभाते रहेंगे, यूं ताना तानी से ही तो घड़ी बदल रही है, थम जाओ की ग़लतफ़हमियाँ बढ़ रही हैं...— % & ग़लतफ़हमियाँ बढ़ रही हैं... #ग़लतफ़हमियाँ #collab #yqdidi #yqbhaskar #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
S. Bhaskar
रही तलब की तरोवर तराशूं, कुछ नही तो मन भवर ही नापूं, बंद मुट्ठी की लकीरों से झगड़ा हो गया, खुल के जिए तो एक अरसा हो गया। अब बाजार यूं सजा है की दुनियां दीवानी है, चंद सिक्कों के खनक की बेखौफ रवानी है, मेरे कदम कदम पर रिश्ता तक बिक गया, मन से माने तो एक अरसा हो गया। तुम मुझे जानते होगे ये एहसास है मुझे, पर मेरी पहचान का इल्म मुझे खोजे, हां कभी खुद को झरोखों से देख मन भ्रमित हो गया, मेरी पहचान को पहचाने एक अरसा हो गया। मैं अब भी वही हूं जो पहले था कभी, मैं अभी भी किनारा ही हूं साहिल का सभी, पर कश्तियों को तो भंवर से ही इश्क हो गया, मेरी पतवार को थामे एक अरसा हो गया।— % & एक अरसा हो गया इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳 #rzएकअरसाहोगया #yqrestzone #collabwithrestzone #restzone #yqrz #yqdidi #yqbhaskar Collaborating with Rest Zone
S. Bhaskar
है रोशनी जिसके तिनकों पर, निशा की नींद छीटों भर, जिसकी चांदनी आजाद है, कैसे कहें की चांद को कैद कर। है माना अमावस घना रात्रि का, पर स्नेह है बराबर मातृ का, आगोश में बैठा है भास्कर बेखौफ होकर, कैसे कहें की चांद को कैद कर। तुम दीप जलाए फिरते हो संध्या पाते ही, शीतल कर दे छांव गगन पे छाते ही, तपिश दिन की मिट जाए उसके आने पर, कैसे कहें की चांद को कैद कर। थकान चूर हो जाए मात्र दर्शन से, कैसे निगाहे मिलाए महज दर्पण से, जिसके विग्रह लालिमा से लोट निशान है व्योम पर, कैसे कहें की चांद को कैद कर।— % & शुभरात्रि लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳