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Best vaseemakhthar Shayari, Status, Quotes, Stories

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Vaseem Akhthar

सोचा ना था इतना दूर आऊंगा, आप सभी का इतना प्यार पाऊंगा। माना ना-मुमकिन है सब को लुभाना, कोशिश करूंगा अपनों के दिल में बस जाऊंगा। अब लगता है ये तो बस शुरू'आत है, अभी और आगे जाने की आस है। Thanku so much each and everyone from bottom of my Heart 💖 for ur Love, Support, Appreciation and Encouragement. #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #thankyou #yqfamily #vaseemakhthar

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& much important
lots of Love 
from u guyz🥰

(Read my feelings
in caption too) सोचा ना था इतना दूर आऊंगा,
आप सभी का इतना प्यार पाऊंगा।
माना ना-मुमकिन है सब को लुभाना,
कोशिश करूंगा अपनों के दिल में बस जाऊंगा।
अब लगता है ये तो बस शुरू'आत है,
अभी और आगे जाने की आस है।

Thanku so much each and everyone from bottom of my Heart 💖 for ur Love, Support, Appreciation and Encouragement.

Vaseem Akhthar

06 नुमद-ए-सुख़न= शा'इरी का हुनर प्रकट होना बशर= इंसान, आदमी ज़र्ब= चोट, वार क़िस्सा-ए-इश्क़-ए-अख़्तर= अख़्तर के इश्क़ की कहानी दार-ओ-रसन= सूली, फांसी ------------------------------ #killing #looks #Hot love #vaseemakhthar #ownthought #urdupoetry #urdushayari

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मेरे    अंदर    उसकी     ऐसी     लगन    हुई।
धीरे   धीरे    मुझ   में,   नुमद-ए-सुख़न   हुई।।

मिलती   थी  मुस्कुरा  के,   हर  बशर   से  वो,
ये  देख   मेरे  अंदर,   कुछ   तो   चुभन   हुई।

कमसिन कली सी  थी वो, नज़ाकत भरी  हुई,
अब  धीरे  धीरे   क़ातिल,   शो'ला  बदन  हुई।

फिर   दिल  पे    मेरे  उसने ,  ऐसी   ज़र्ब   दी,
दिल  का  क़तल  हुआ,  मोहब्बत  दफ़न  हुई।

इतना  कुछ  हुआ  भी, लेकिन  न  कुछ  हुआ,
क़िस्सा-ए-इश्क़-ए-अख़्तर, दार-ओ-रसन हुई। 06
नुमद-ए-सुख़न= शा'इरी का हुनर प्रकट होना
बशर= इंसान, आदमी
ज़र्ब= चोट, वार
क़िस्सा-ए-इश्क़-ए-अख़्तर= अख़्तर के इश्क़ की कहानी
दार-ओ-रसन= सूली, फांसी
------------------------------
#killing #looks #hot #love #vaseemakhthar #ownthought #urdupoetry #urdushayari

Vaseem Akhthar

05 रुख़्सार= गाल गेसु= सर के दोनो तरफ़ के घने बाल ज़ुलमात= वो अंधेरी जगह जहां आब-ए-हयात मिलता है नग़मात= गीत सौग़ात= तोहफ़ा #beautifu #lovel #Emotions #romance #erotic #urdupoetry #vaseemakhthar #ownthought

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लबों ने  उसके  रुख़्सार से  जब की  मुलाक़ात।
आशिक़ी  में   बुलंद  हुए   कुछ   और  दरजात।।

उलझ कर गेसुओं में फिर से नहीं सुलझना मुझे,
क़ैद   करलूं   थाम   कर,   गुज़रते   ये  लम्हात।

सर-सराहट हाथो की  अब  बदन में  चढने लगी,
लगा ज़ुतमात में  पी लिया, मैंने  आब-ए-हयात।

आँखों में  डाले  आँख  और  हाथों में डाले हाथ,
सदा यूं ही गुनगुनाते रहें,  मोहब्बत  के  नग़मात।

रखा सीने पे सर  उसके,  तो  एहसास तब हुआ,
बदल   रहे   हैं   होले  होले,   मेरे   ये   जज़्बात।

सौग़ात   लेकर  आई   है   वस्ल   की   ये   रात,
इक-दूजे  के   पहलू  में,  यूंही  गुज़रें   दिन-रात। 05
रुख़्सार= गाल
गेसु= सर के दोनो तरफ़ के घने बाल
ज़ुलमात= वो अंधेरी जगह जहां आब-ए-हयात मिलता है
नग़मात= गीत
सौग़ात= तोहफ़ा

#beautifu #lovel #emotions #romance #erotic #urdupoetry #vaseemakhthar #ownthought

Vaseem Akhthar

04 बशारत= ख़ुशख़बरी वक़ार= इज़्ज़त, शान ज़ाहरी= बाहरी बातिनी= भीतरी ग़ैज़= गुस्सा, क्रोध ---------------------- Sabiha siddiqui #yqbaba #yqdidi #urdupoetry #Betiyaan #YQBhaiJaan #ownthought #urdushayeri #vaseemakhthar

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जिनकी  आमद  से  घर  कर  जाती  हैं  ख़ुशियाँ,
वो  प्यार  की  मूरत  बने  घर  आती  हैं  बेटियाँ।

आक़ा का फ़रमान है,  पक्का  उसका मक़ाम है,
अपने साथ जन्नत की  बशारत लाती हैं प्यारियाँ।

घर में  सरगम से  मधुर,  बजने  लगते  हैं जो सुर,
मीठी  इनकी  बोलियाँ,  छन  छनाती  हैं  चूड़ियाँ।

बेटे गर हों चराग़  तो  बेटियाँ  भि कुछ  कम  नहीं
लिए आँखों  में  वक़ार  वो  सजाती  हैं  पगड़ियाँ।


घर-आँगन को छोड़ कर  जब  चली  वो जाती हैं,
जैसे चमन को छोड़ कर चली जाती हैं तितलियाँ।

ज़ाहरी  नज़ाकत  भी  है, बातिनी  ताक़त  भी  है,
ग़ैज़ पे  जो आगईं,  मिटा  के  रखती  हैं  हस्तियाँ। 04
बशारत= ख़ुशख़बरी
वक़ार= इज़्ज़त, शान
ज़ाहरी= बाहरी
बातिनी= भीतरी
ग़ैज़= गुस्सा, क्रोध
----------------------
Sabiha siddiqui

Vaseem Akhthar

03 तीरगी= अंधेरा ख़ाना-बदोश= जिसका कोई ठिकाना ना हो, इधर उधर फिरने वाला। life #urdupoetry #urdushayeri #vaseemakhthar #ownthought #YQBhaiJaan #yqdidi #yqbaba Nirmala Indulkar🇮🇳 soniya Ranawat Poonam Nain shadab Rahbar Santwana Patro

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जिंदगी में  ग़मों का  अलग  ही  फ़साना  होता है
भूख का वार  प्यार के  ख़ंजर से नुकीला होता है

तन्हाई  में   रो  लेते   हैं   मोहब्ब्त   करने   वाले
उस से  पूछो  जो  भीड़  में भी  अकेला  होता है

जिसके  हाथों में हो  जहााँ, पर हो अपनों से दूर
वो  शख़्स  मुकम्मल  होके  भी   अधूरा  होता है

तीरगी से लड़ते, पहुंच भी जाएं गर उजालों तक
चलते चलते  राह-ए-जवानी से  बुढ़ापा  होता है

ख़ाना-बदोशयों  में  कट  रही  यूं  ही  उम्र हमारी
जहां इक शाख़ दिख जाए, वहीं पे बसेरा होता है

अब  और  कितने  धक्के   खाता  रहेगा  अख़्तर
जिसे तू हक़ीक़ी समझता है, वो छलावा  होता है 03
तीरगी= अंधेरा
ख़ाना-बदोश= जिसका कोई ठिकाना ना हो, इधर उधर फिरने वाला।

#life #urdupoetry #urdushayeri #vaseemakhthar #ownthought #yqbhaijaan #yqdidi #yqbaba

Nirmala Indulkar🇮🇳 soniya Ranawat Poonam Nain shadab Rahbar Santwana Patro

Vaseem Akhthar

02 बदगुमानी= बुरा ख़्याल, शक शब-ए-वस्ल= मिलन की रात चकोर= आशिक़ 💎Md Shahid Raza💎 Mohd Rumman ★ Furkan Ansari Yamini Rathod #yqbaba #yqdidi #urdupoetry #yqbhaijan #urdushayari #ownthought #mindandheart #vaseemakhthar

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तन्हाई थी  चारों तरफ़  पर कुछ शोर  हो रहा था
दिल और दिमाग़ का झगड़ा, पुर-ज़ोर हो रहा था

मैं तो ख़ुद को उस से  आज़ाद ही  कर आया था
पर  कुछ  ना  कुछ  मेरे अंदर,  घंगोर  हो रहा था

जिस बदगुमानी  से  मैं, कतरा रहा था  अब तक
वो  धीमे  धीमे  दिल  का,   मेरे  चोर  हो रहा था

बेचैन  दिल  के  दर  पर,  दस्तक  हुई किसी की
उस  को  ही  सोच  नादाँ  दिल  मोर  हो रहा था

दिन के  किसी  पहर में,  अख़्तर  कहीं मगन था
शब-ए-वस्ल   सोच    चंदा,   चकोर  हो रहा था 02
बदगुमानी= बुरा ख़्याल, शक

शब-ए-वस्ल= मिलन की रात
चकोर= आशिक़
💎Md Shahid Raza💎
Mohd Rumman ★
Furkan Ansari
Yamini Rathod

Vaseem Akhthar

अपनी diary में कुछ ऐसे अल्फ़ाज़ से जुड़े हुए हार मिले जिन्हें मैंने बहोत महनत से बिना धागे के अटपटा पिरोया था। जिनको आप से share करने की ख़्वाहिश हो रही थी तो post कर रहा हूं। अगर पसंद ना आए तो बराए मेहरबानी सड़े हुए अंडे🥚 या टमाटर🍅 ना मारें।🙏😂🤭 और अगर पसंद आजाएं तो ज़रूर बताएं, इंशा अल्लाह ये सिलसिला कुछ दिन जारी रखूंगा।😊🤝💐🌹🍫🌺 याद करते रहने के लिए आप सभी का दिल से शुक्रिया🤗🍫🌹🌺 Sabiha siddiqui Aftab Ali Heena Jinnedi Shree ♏մհąʍʍąժ įɾƒąղ འąվҽҽղ🇮🇳 #Beauty #yqbaba #yqdidi #urdupoetry #yqbhaijan #urdushayari #ownthought #vaseemakhthar

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Some Fiddly writings from my Diary!

मुसव्विर की कोई तस्वीर जैसी हो।
महकी हवाओं की ख़ुशबू जैसी हो।।

चुरा न ले कोई इस गुलशन से तुमहें।
मुस्कुराते हुए बिलकुल, फुल जैसी हो।।

सियाह साड़ी पहने बाहर मत निकलना।
बादलों में लिपटे हुए, माहताब जैसी हो।।

फीके रंग भी मुझ को, लगने लगे हैं रंगीं।
फ़लक पर छाए हुए, शफ़क़-ज़ार जैसी हो।।

सहरा में कोई प्यासा, भटक रहा हो तन्हा।
उसके सर पे छाई अब्र-ए-बहार जैसी हो।। अपनी diary में कुछ ऐसे अल्फ़ाज़ से जुड़े हुए हार मिले जिन्हें मैंने बहोत महनत से बिना धागे के अटपटा पिरोया था। जिनको आप से share करने की ख़्वाहिश हो रही थी तो post कर रहा हूं। अगर पसंद ना आए तो बराए मेहरबानी सड़े हुए अंडे🥚 या टमाटर🍅 ना मारें।🙏😂🤭
और अगर पसंद आजाएं तो ज़रूर बताएं, इंशा अल्लाह ये सिलसिला कुछ दिन जारी रखूंगा।😊🤝💐🌹🍫🌺
याद करते रहने के लिए आप सभी का दिल से शुक्रिया🤗🍫🌹🌺
Sabiha siddiqui
Aftab Ali
Heena Jinnedi
Shree 
♏մհąʍʍąժ įɾƒąղ འąվҽҽղ🇮🇳

Vaseem Akhthar

2122 1122 1122 112/22 फ़ाइलातुन फ़'इ'लातुन फ़'इ'लातुन फ़'लान(फ़ालुन) -------------------------------------------------------- अलम-बर्क़-ख़िराम= बिजली की रफ़्तार की तरह बढ़ते हुए ग़म साग़र= cup of wine लबरेज़= overflow तवानाई= energy 'आरिज़= clouds on horizon #ghazal #yqdidi #urdupoetry #yqbhaijan #urdushayari #ownthought #ekgulnaar_lovequotes #vaseemakhthar

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ला फिर इक बार वही  बादा ओ जाम  ऐ  साक़ी 
थोड़े तो  कम  हों  अलम-बर्क़-ख़िराम  ऐ  साक़ी

मेरा    साग़र     हुआ     लबरेज़    तवानाई    से
लेकर 'आरिज़   पहुँचे   शम्स का फ़ाम  ऐ  साक़ी

जिस की  उम्मीद  में  गुज़री  है जो  ता-उम्र मिरी
आया महताब  नज़र  वो  लब-ए-बाम  ऐ  साक़ी

सब  हि  मदहोश  हैं   कोई   नहीं  शाइस्ता  यहाँ
किस को है  फ़र्क़-ए-हलाल और हराम  ऐ  साक़ी

वो अगर हाज़री दे रुख़्सत ए 'अख़्तर' के  ब'अद
अर्ज़   करना   मिरा   आख़ीर  सलाम  ऐ  साक़ी 2122 1122 1122 112/22
फ़ाइलातुन फ़'इ'लातुन फ़'इ'लातुन फ़'लान(फ़ालुन)
--------------------------------------------------------
अलम-बर्क़-ख़िराम= बिजली की रफ़्तार की तरह बढ़ते हुए ग़म
साग़र= cup of wine
लबरेज़= overflow
तवानाई= energy
'आरिज़= clouds on horizon

Vaseem Akhthar

اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَىٰ سَیِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَعَلَىٰ آلِهِ وَسَلِّمْ ---------------------------------------------- मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन 221 2121 1221 212 -------------------------------------- जाँ-सिताँ= जान लेना मज़हर-ए-ताबाँ= नूर का रौशन चेहरा गर्द-ए-पा= पैरों की धूल #yqdidi #urdupoetry #YQBhaiJaan #ownthought #Miladunnabi #vaseemakhthar #muhammedﷺ #tajdaaremadeenaﷺ

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اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَىٰ سَیِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَعَلَىٰ آلِهِ وَسَلِّمْ

अपनी ज़बाँ से शान-ए-नबी  क्या बयाँ  करें
क़दमों में उनके अपनी हि हम जाँ-सिताँ करें

आए हैं बनके  मज़हर-ए-ताबाँ  ख़ुदा के  वो
आक़ा की गर्द-ए-पा से तो  रौशन जहाँ  करें

पुर नूर  दिल हुआ  है   दुरूद-ओ-सलाम  से
दुन्या-ओ-आख़िरत को  यूँ ही  कामराँ   करें

शीरीं  ज़ुबान    नाम-ए-मुहम्मद  से  हो  गई
लब  भी  हैं  चूमें  नाम   अगरचे  बयाँ   करें

अख़्तर सजाओ  महफ़िल-ए-मीलाद बारहा
काँटे  हसद  के   तोड़   गुले  गुल्सिताँ   करें اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَىٰ سَیِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَعَلَىٰ آلِهِ وَسَلِّمْ
----------------------------------------------
मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन
221 2121 1221 212
--------------------------------------
जाँ-सिताँ= जान लेना
मज़हर-ए-ताबाँ= नूर का रौशन चेहरा
गर्द-ए-पा= पैरों की धूल

Vaseem Akhthar

221 2121 1221 212 मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन ------------------------------------- आसूदगी= सुकून, इतमिनान, ख़ुशी आतिश-ए-सय्याल= लावा तिश्ना= प्यासे अम्बर= आसमान तारीक= अंधेरा हो जाना, गुम हो जाना #ghazal #yqbaba #yqdidi #urdupoetry #yqbhaijan #ownthought #vaseemakhthar

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आसूदगी    को    ऐसे     बुलाना   पड़ा   मुझे
पर्दा   तुम्हारे   रुख़   से    हटाना   पड़ा   मुझे

जज़्बात-ओ-जोश आतिश-ए-सय्याल बन गए
तिश्ना   लबों  से  इनको   बुझाना   पड़ा   मुझे

दामन   में   उसके   चाँद  सितारे  सजाने  को
अम्बर को  भी  ज़मीं पे  झुकाना   पड़ा   मुझे

गुलशन  में  ये  महक  नहीं  ऐसे  हि  छा  गई
मुरझा  गई  कली  को   खिलाना   पड़ा   मुझे

अख़्तर  का  हौसला  कहीं  तारीक  पड़ गया
सूरज को  फिर से  सर पे सजाना  पड़ा   मुझे 221 2121 1221 212
मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन
-------------------------------------
आसूदगी= सुकून, इतमिनान, ख़ुशी
आतिश-ए-सय्याल= लावा
तिश्ना= प्यासे
अम्बर= आसमान
तारीक= अंधेरा हो जाना, गुम हो जाना
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