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Best yqhindipoem Shayari, Status, Quotes, Stories

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Rajeswari Rath

My anthology Tricolor of freedom, ममता, नारी शक्ति,wow, दोस्ती आदि पुस्तक flipkart amazon में available है। अगर आप में से कोई instreted है तो मुझसे contanct कीजिए,आप को certificate भी मिलेगा।🙏 #yqhindishayari #yqhindienglishquotes #yqhindipoem #yqenglishquotes

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Rajeswari My anthology
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Dr. Devbrat Pundhir

अंधेरों में दीप बन, आंधियों में आसरा बन, 
बारिश में वट वृक्ष बन, भीषण तपिश में वर्षा बन,
कड़ाके के ठंड में लिबास बन, ऐसे संभाला हम सबको, 
आर. बी. एस. परिवार का मुखिया बन, ऐसे युग पुरुष के चरणों में मेरा शत शत नमन।। #rajabalwantsinghji #yqbaba #yqdidi #yqhindipoem

Aparna Singh

फिर ऐसा क्या हुआ, जब हम बड़े हो गए ? #yqdidi #yqquotes #yqhindipoem Best YQ Hindi Quotes Aesthetic Thoughts Rest Zone

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कितने सच्चे थे जब हम बच्चे थे
अजनबियों की भीड़ में अकेले ही अच्छे थे

न दुनियादारी की चिंता, न जमाने का शोर था
मन शांत, न कुछ खोने-पाने का होड़ था

फिर ऐसा क्या हुआ, जब हम बड़े हो गए ?
जो अपनों के बीच में भी, हम हँसना भूल गए
 फिर ऐसा क्या हुआ, जब हम बड़े हो गए ?
#yqdidi #yqquotes #yqhindipoem Best YQ Hindi Quotes  Aesthetic Thoughts Rest Zone

Aparna Singh

वो शरारतें
वो बेतुकी बातें
वो मम्मी-पापा से किए गए बेबुनियाद फरियादें
वो नादानी में किए गए अंजानी हरकतें

याद आते हैं बहुत
हँसा जाते हैं बहुत
सचमुच,
वो बचपन याद आते हैं बहुत ।
 वो बचपन 😄
#yqdidi #yqhindipoem #yqhindi #बचपनकीयादें #hindiwriters #shortpoem

Anupama Jha

खुशियों से बस नहीं चलती है ज़िन्दगी  ज़िन्दा रहने के लिए चाहिए ग़मो का दौर भी! भाग भाग कर न जियो अपनी ज़िन्दगी खुशियों को पनपने के लिए चाहिये, एक ठौर भी #yqdidi #yqhindi #yqhindipoem #yqhindipoetry

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खुशियों से बस नहीं चलती है ज़िन्दगी,
 ज़िन्दा रहने के लिए चाहिए ग़मो का दौर भी।

भाग भाग कर न जियो अपनी ज़िन्दगी,
खुशियों को पनपने के लिए चाहिये, एक ठौर भी।

फेंकने से पहले, खाने को देख लो
लाखों  हैं जिन्हें मिलता नहीं, एक कौर भी।

चलती नहीँ ज़िंदगी, बस प्यार के सहारे
चाहिए जीने के लिए, ज़ुनून कुछ और भी।

क्या खोया ? क्या पाया, ज़िंदगी की शाम में,
करना कभी ,इन बातों पर गौर भी।
©-Anupama Jha


 खुशियों से बस नहीं चलती है ज़िन्दगी

 ज़िन्दा रहने के लिए चाहिए ग़मो का दौर भी!


भाग भाग कर न जियो अपनी ज़िन्दगी

खुशियों को पनपने के लिए चाहिये, एक ठौर भी

Anupama Jha

देख आते अरुणिमा को चाँदनी,हो रही आतुर छिटकने को रात से, लगती नाराज़ सी वो किसी बात से, कुछ कह रही धरा आओ सुने प्रात से ! #yqdidi #yqhindipoem #yqhindipoetry #yqpoems #yqlongform #yqhindisahitya #yqhindikavita

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शिथिल मौन अब भंगित होगा
कलरवों के नाद से
पादप दल मुस्काएँगे
पुष्पों के,अभिव्यंजित श्रृंगार से,
मकरंदों के लिए
तितलियों के अभिसार से।

(पूरी कविता अनुशीर्षक में)

 देख आते अरुणिमा को
चाँदनी,हो रही आतुर
छिटकने को रात से,
लगती नाराज़ सी
वो किसी बात से,
कुछ कह रही धरा
आओ सुने प्रात से !

Anupama Jha

मन का आँगन ,लीपे बैठी हूँ देहरी पर दीप जलाए बैठी हूँ। उम्मीद वाली जुगनुओं को आँखों में सजाए बैठी हूँ। उमस भरे दिवस के अवसान पर बावली हवाओं को संभाले बैठी हूँ। #yqdidi #yqhindipoem #गुलमोहर #अमलतास #yqhindipoetry

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मन का आँगन ,लीपे बैठी हूँ
देहरी पर दीप जलाए बैठी हूँ।

उम्मीद वाली जुगनुओं को
आँखों में सजाए बैठी हूँ।

उमस भरे दिवस के अवसान पर
बावली हवाओं को संभाले बैठी हूँ।

नेह सागर से कितने ही
यादों के सीप बटोरे बैठी हूँ।

आ जाओ अब कि मरु में
गुलमोहर,अमलतास के रंग लिए बैठी हूँ।
©Anupama Jha



 मन का आँगन ,लीपे बैठी हूँ
देहरी पर दीप जलाए बैठी हूँ।

उम्मीद वाली जुगनुओं को
आँखों में सजाए बैठी हूँ।

उमस भरे दिवस के अवसान पर
बावली हवाओं को संभाले बैठी हूँ।

Anupama Jha

स्त्रियाँ जब
सीख रही थी लिखना
ओ से ओखली
औ से औरत
तो दूर दूर तक 
कल्पना में नहीं था,उन्हें भान
इन दोनों के रिश्तों का!
आजीवन इनके साँठ गाँठ से 
चलती ज़िन्दगी का!
होता पता, तो पढ़ती
ओ से ओजस्वी
औ से औरत.....
©Anupama Jha


 #औरत  #ओखली  #ओजस्वी #yqdidi #yqhindi #yqhindipoem

Amitesh Mishra

वक़्त भी कीमती।
ख़्वाब भी क़ीमती।
वक़्त चुनु या ख़्वाब चुनु। 
वक़्त को लेकर ख़्वाब बुनु या।
ख़्वाब को लेकर वक़्त बुनु। 
या फिर मैं जाग उठु। 
लोगो के पीछे भाग उठु।
या तो मैं सो जाऊ। 
इन सबसे दूर हो जाऊ।
ये वक़्त तू न टिक पायेगा।
ख़्वाब से जो टकराएगा 
मिट्टी में तू मिल जाएगा।


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Amitesh Mishra

तुम शिखर पर हो। 
मेरी सुरुआत है।
बावजूद हममे तुममे कोई अंतर दिखाई नहीं पड़ रहा।
तुम अनंत हो।
मैं शून्य हू। 
बावजूद हममें तुममें कोई अंतर दिखाई पड़ रहा।
तुम विद्धवान हो। 
मै एक साधारण बालक। 
बावजूद हममे कोई अंतर दिखाई नही पड़ रहा।
तुम मानव हो। 
मैं भी मानव हूँ।
बावजूद अंतर सिर्फ इतना है। 
तुममें मानवता नही है।
       Amitesh



 








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