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Insprational Qoute

सुन लो आज का फ़रमान,
अधर्म नैतिकता से परे हैं,
धर्म का करो आह्वान,
तभी अधर्म पर जीत जाता धर्म का नाम। #धर्म #अधर्म #आह्वान

Juhi Grover

पृथ्वी,जल,अग्नि,वायु, नभ सब ज़िन्दगी का आह्वान, प्रकृति के पांचों मूल तत्व,भगवान् का अद्भुत वरदान। जीवन की हर ज़रूरत का प्रकृति ने मिटाया व्यवधान, मग़र प्रकृति के विनाश का भी मानव ही बना सामान। पृथ्वी रैन बसेरा है मानव, जानवर, जीव-जन्तु सबका, कर देता मानव ही दूषित, दबा प्लास्टिक ले रहा जान। #yqhindi #संरक्षण #निष्प्राण #bestyqhindiquotes #प्रकृति_के_पाँच_तत्व #भूमंडलीय_ऊष्मीकरण

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पृथ्वी,जल,अग्नि,वायु, नभ सब ज़िन्दगी का आह्वान, 
प्रकृति के पांचों मूल तत्व,भगवान् का अद्भुत वरदान।

जीवन की हर ज़रूरत का प्रकृति ने मिटाया व्यवधान,
मग़र प्रकृति के विनाश का भी मानव ही बना सामान।

पृथ्वी रैन बसेरा है मानव, जानवर, जीव-जन्तु सबका, 
कर देता मानव ही दूषित, दबा प्लास्टिक ले रहा जान।

जल ही जीवन है,मत जाने दो व्यर्थ बोलते सब विद्वान,
दुरुपयोग इसका आम हो गया,जीवन हो गया निष्प्राण।

अग्नि मानी जाती रही है वर्षों से शुद्धिकरण का पर्याय,
जला जला कर प्लास्टिक हो रहा इस का भी अपमान।

वायु को बनाया था हमारी साँसों को बढ़ाने का ज़रिया,
प्रदूषित कर मानव ने धुएं से कमाया मौत का सामान।

नभ के सूरज, चाँद, सितारों ने छिपा रखा अथाह ज्ञान,
भूमंडलीय ऊष्मीकरण से है ओज़ोन परत का नुकसान।

प्रकृति के तत्वों को खुद ही अभिशाप बना रहा इन्सान,
जीवन के मूल्यों को निराधार ही बस बना रहा इन्सान।

कीमत चुकानी पड़ेगी जब इस विनाश की प्रत्येक को, 
पतन हो रहा धीरे-धीरे सृष्टि का, अलोप हो रहा प्राण।

ज्ञान ज़रूरी है अपने ही प्राणों के अब संरक्षण के लिए,
बचाना है जीवन को, जागरूकता का ज़रूरी अभियान। पृथ्वी,जल,अग्नि,वायु, नभ सब ज़िन्दगी का आह्वान, 
प्रकृति के पांचों मूल तत्व,भगवान् का अद्भुत वरदान।

जीवन की हर ज़रूरत का प्रकृति ने मिटाया व्यवधान,
मग़र प्रकृति के विनाश का भी मानव ही बना सामान।

पृथ्वी रैन बसेरा है मानव, जानवर, जीव-जन्तु सबका, 
कर देता मानव ही दूषित, दबा प्लास्टिक ले रहा जान।

Maneesh Divakar

#आह्वान.. 🙏 दिवाकर.. ✍️✍️

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🙏'आह्वान '🙏

धर्म-जाति का बाहरी आवरण..मत ओढ़ो तो अच्छा है 
नाम पे इसके प्रीत दिलों की..मत तोड़ो तो अच्छा है, 

क्या देंगी कट्टरता तुमको..क्या हासिल कर पाओगे 
सर को अपने नाम पे इसके..मत फोड़ो तो अच्छा है,  

इंसान बनो इंसान से अच्छा..धर्म नहीं है कोई भी 
इंसानियत से नाता अपना..तुम जोड़ो तो अच्छा है,  

हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई..सब जन्मे हैं हमसे ही 
हैं एक वृक्ष की कई शाखाएँ..तुम समझों तो अच्छा है,  

मिल जायेंगे ख़ाक मे इक दिन..अंतिम सत्य हमारा है 
कर्म सभी का रह जायेगा..ये समझों तो अच्छा है..!!

                                                     'दिवाकर'..✍️✍️

©Divakar #आह्वान.. 🙏

दिवाकर.. ✍️✍️

स्मृति.... Monika

nojoto #आह्वान गीत

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मानव का तुम रूप धरो, 
जग -जीवन का कल्याण करो, 
तुम ही नारी की लाज धरो, 
आओ पधारो धरती पर ||
                             जग जीवन का कल्याण करो 
                           शुभ्र, मंजुल कीर्ति विस्तार करो, 
                        अबला में शक्ति प्राण भरो, 
                           आओ पधारो धरती पर ||
तुम नई सृष्टि का सृजन करो 
नव पुनीत कर्म शुभारंभ करो, 
कलयुग को द्वापर में परिणत करो , 
आओ पधारो धरती पर ||
                           कर्णो में मधुर मुरली तान भरो 
                           जित गोपियाँ उतने श्याम बनो, 
                            बृज -धरणि को पावन करो, 
                            आओ पधारो धरती पर ||
पूर्ण सृष्टि का भ्रमण करो, 
हे महीपति !मही का वहन करो, 
 आ, वसुधा को कंस रहित करो, 
                    आओ पधारो धरती पर ||   "स्मृति "..... #nojoto #आह्वान गीत

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 7 - निष्ठा की विजय 'मैं महाशिल्पी को बलात्‌ अवरुद्ध करने का साहस नहीं कर सकता।' स्वरों में नम्रता थी और वह दीर्घकाय सुगठित शरीर भव्य पुरुष सैनिक वेश में भी सौजन्य की मूर्ति प्रतीत हो रहा था। वह समभ नहीं पा रहा था कि आज इस कलाकार को कैसे समभावें। 'मेरे अन्वेषक पोतों ने समाचार दिया है कि प्रवाल द्वीपों के समीप दस्यु-नौकाओं के समूह एकत्र हो रहे हैं। ये आरब्य म्लेच्छ दस्यु कितने नृशंस हैं, यह श्रीमान से अविदित नहीं है और महाशिल्पी सौराष्ट्र के

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
7 - निष्ठा की विजय

'मैं महाशिल्पी को बलात्‌ अवरुद्ध करने का साहस नहीं कर सकता।' स्वरों में नम्रता थी और वह दीर्घकाय सुगठित शरीर भव्य पुरुष सैनिक वेश में भी सौजन्य की मूर्ति प्रतीत हो रहा था। वह समभ नहीं पा रहा था कि आज इस कलाकार को कैसे समभावें। 'मेरे अन्वेषक पोतों ने समाचार दिया है कि प्रवाल द्वीपों के समीप दस्यु-नौकाओं के समूह एकत्र हो रहे हैं। ये आरब्य म्लेच्छ दस्यु कितने नृशंस हैं, यह श्रीमान से अविदित नहीं है और महाशिल्पी सौराष्ट्र के

डॉ जे सी सोनी

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 🕉🙏💎💎💎💎🙏🕉 *श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के कुछ अचूक सफलता प्राप्त करने के उपाय।* *डाॅ.जे.सी.सोनी* *💎एस्ट्रो &पामिसट💎* *9039130324📲*

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 *श्री  हनुमान जी को प्रसन्न करने  के कुछ अचूक सफलता प्राप्त करने  के उपाय।*

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Dadhich Praveen Sharma

*आह्वान हिंदुस्तान का...* पूरे देश की यही पुकार... भेड़ियों को घर में घुस के मारो इस बार... आतंक की यह चरम सीमा है... आगे इसके लेखनी की गरिमा है... क्या उन मांओं पर बीती होगी... #Indian #army #hindustan #salute #tribute #bharat #jai #Mata #Jindabad

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पूरे देश की यही पुकार...
भेड़ियों को घर में घुस के मारो इस बार...
आतंक की यह चरम सीमा है...
आगे इसके लेखनी की गरिमा है...
क्या उन मांओं पर बीती होगी...
कैसे उनकी बहनें अब जीती होंगी...
कितनी सुहागनों का सुहाग उजड़ा होगा...
कितने बेटों के सिर से हाथ पिता का उठा होगा...
बूढ़े बापों की लाठी टूटी होगी...
बेख़ौफ़ सोती सरकारों की नींदें टूटी होगी...
हुक्मरानों अब तो कुछ कर दिखलाओ...
इन कायर हिजड़ों को सबक सिखलाओ...
इस बार माफी की मुर्गी मत ले आना...
इस बार शहादत को बेकार मत जाने देना...
हर कतरे का हिसाब कर जाना...
हैवानों को कुत्ते की मौत मार गिराना...
पापियों के पाप से मैली यह धरा हो गयी...
क्यों शस्य श्यामला भारत माँ अब जरा हो गयी...?
पूरे देश में एक ही गान उठा है...
एक स्वर में आह्वान उठा है...
इतिहास दोहराने की नौबत ना आने देना...
इस बार नक्शे से इसका नाम-ओ-निशाँ मिटा देना...

*दाधीच प्रवीण शर्मा*
*नागौर, राजस्थान*
©dadhichpraveensharma #NojotoQuote *आह्वान हिंदुस्तान का...*


पूरे देश की यही पुकार...
भेड़ियों को घर में घुस के मारो इस बार...
आतंक की यह चरम सीमा है...
आगे इसके लेखनी की गरिमा है...
क्या उन मांओं पर बीती होगी...

Rakesh Kumar Dogra

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आज का विचारः श्मशान से कब्रिस्तान के बीच 
आबादी में वोटो का आह्वान*।

मरना है तो श्मशान या क़ब्रिस्तान में थोड़े मरना है 
कितनी बार कहां-२ मरा था बस इकट्ठा कर
“अबकी बार मेरी सरकार”इसी वैन्यू पर बस आखिरीबार मिलजाना है।

जिसको जाना है मृत पड़ा है, वक्त नहीं है सब कामों को शाम से पहले निबटाना है,
मैयत पर भीड़ कितनी है रैली देखकर बोला प्रचार 
“इसे कहते हैं जग जीतकर जाना है।”

आह्वान*=पुकारना या
पूजन, यज्ञ आदि के समय देवताओं से यह कहना कि आप यहाँ आकर अपना भाग और हमारी सेवा पूजा ग्रहण करें।

 

Rवाणी

पराक्रम अपना तौलेंगे जब युवा हो या बुढ़ी आशा ।
संसद भी तब बोल उठेगी अन्तरमन की परिभाषा ।।
बिगुल बजा अब पार्थ उठो तुम खुद की रणकौशल पहचानो ।
युगों युगों तक गाऐगी इतिहास तुम्हारी परिभाषा ।।
-- रवि शंकर कुमार  #आह्वान #युवा #love #poetry #quotes #kavishala #Nojoto #time #nojotokhabri


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