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Pranay Bhuyar
मिल ही जायेगा कभी दिल को यकीं रहता है, पंछी लाख उड़े हवाओं में मगर ठिकाना जमीं रहता है... मिलता ही नहीं ताल्लुक उसके और मेरे दर्मियां कभी, इस जंग में मैं कहीं तो वो कहीं रहता है... बहुत चुभता है लहज़ा उसका हसरत-ए-दिल को मेरे, फिर भी इन आंखों में ख़्वाब बस वहीं रहता है... सूखते ही नहीं अश्क जुदाई से उसके कभी, बस इस आंख का आसू उसके खातिर हसीं रहता है... और प्यार में हरदम फैसला बस एक ही रहता है, मैं गलत मतलब गलत बस वोहीं सहीं रहता है...!! ये दुःख मुझे मेरे सुखों से भी प्यारा दुःख है, क्यूंकि इस बार ए दुःख 💚तुम्हारा💚 दुःख है...!! . . . . . .
Pranay Bhuyar
नाजाने वो 💚शख़्स💚 क्यूं प्यारा लगता है, सितम ढातें हुए भी बेचारा लगता है...!! .....[Full Poetry In Caption]..... 🔥🔥🔥🔥🔥 👇👇👇👇 की,,, नाजाने वो "शख़्स" क्यूं प्यारा लगता है, सितम ढातें हुए भी बेचारा लगता है... जैसे लाख शैतानियों के बाद भी मां को, वो नालायक बच्चा दुलारा लगता है... मैं जानबूझ के भी "तुमसे" झगड़ा नहीं करता,
Pranay Bhuyar
💚तेरे💚 याद का पंछी आए जब-जब, तब-तब ए इश्क़ मेरा "तेरे" प्यार में घुमा है... की,,, 💚तेरे💚 याद का पंछी आए जब-जब, तब-तब ए इश्क़ मेरा "तेरे" प्यार में घुमा है... मलाल नहीं की माथे को "तेरे" नसीब ही नहीं इन लबों के घेरे, पर गुरुर है की इन लबों ने "तेरे" नाम को चूमा है...!! 💚💚💚 मुझे गुरुर है की मेरे लबों ने "तेरे" नाम को चूमा है...!! 💚💚💚 . . . .
Pranay Bhuyar
💚वो💚 क्यूं वक्त मांगती है मैं समझा नहीं, हर वक्त बेवक्त मांगती है मैं समझा नहीं...!! .....[Full Poetry In Caption]..... 🔥🔥🔥🔥🔥 👇👇👇👇 की,,,, "वो" क्यूं वक्त मांगती है मैं समझा नहीं, हर वक्त बेवक्त मांगती है मैं समझा नहीं... अफ़सुर्दा हवाओं से कुछ यूं रिश्ता है मेरा, कतरे को उठा कर वो दर मांगती है मैं समझा नहीं... कुछ खुशनुमा इशारे आते है "महबूब" के हवाले से भी,
Pranay Bhuyar
जो मेरे साथ "मोहब्बत" में हुआ वो शायद कुछ भी नहीं, या तो मुझे सिर्फ 💚वो💚 चाहिए; या "उसके" सिवा कुछ भी नहीं...!! ....[Full Poetry In Caption].... 🔥🔥🔥🔥🔥 👇👇👇👇 जो मेरे साथ "मोहब्बत" में हुआ वो शायद कुछ भी नहीं, या तो मुझे सिर्फ "वो" चाहिए; या "उसके" सिवा कुछ भी नहीं... तमाम अज़ाब रातें झेलता हूं मैं इस "राह-ए-इश्क़" में, पर इस दर्दों सुखन में; अज़िय्यत के सिवा कुछ भी नहीं...
Pranay Bhuyar
"देखो कैसे उस 💚हसीन💚 ने इस खूबसूरत चिराग़ को धर रखा है...!!" ...[Full Poetry In Caption]... 🔥🔥🔥🔥🔥 👇👇👇👇 देखो कैसे उस 💚हसीन💚 ने इस खूबसूरत चिराग़ को धर रखा है, जैसे "अपने" जुल्फों के हवाओं के आगोश में इसे भर रखा है... बहुत शांत सा मालूम पड़ता है "उसका" लहज़ा उसके हाथों से, नजाने क्यों मुझे ही उसने उसके प्यार में अशांत सा कर रखा है... हरएक वो ख़त जो मैने "रोशनी" को अंधेरे में लिखे है, हर एक वो ख़त मैने संभाल के अपने घर रखा है...
Pranay Bhuyar
प्यार कुछ इस कदर हुआ, की मेरे इरादों ने हरएक वो बात बोल दी... की 💚जान💚 तुमसे प्यार कुछ इस कदर हुआ, की मेरे इरादों ने हरएक वो बात बोल दी... जैसे सुखों के उजालों में, मैने मेरे दुखों की हर-एक वो रात तोल ली... और पता था कि मैदान-ए-इश्क़ जीत ना होंगी फिर भी खेलके मैंने, "तेरे" हाथों खुशी खुशी मात मोल ली... -----(2x) और फिर ए मेरे मां के दुआओं का असर ही था की "तेरे" सफ़र के राह पे मैने,,,, "तेरे" नाम की अच्छी सी एक, दुकान खोल ली...!! कुछ इस तरह मैं, 💚तुम्हारे💚 मेरे इश्क़ की दास्तां कह जाऊंगा... "तुम" सुनते सुनते हस पड़ोंगी, और फिर मैं "तुम्हारे" आंखों से बह जाऊंगा...!! . . .
Pranay Bhuyar
"ख़ामोशी अच्छी नहीं अब सीधा इंकार होना चाहिए...!!" ....[Full Poetry In Caption].... 🔥🔥🔥🔥🔥 👇👇👇👇 ख़ामोशी अच्छी नहीं इंकार होना चाहिए... की,,,, ख़ामोशी अच्छी नहीं सीधा इंकार होना चाहिए... बात ना हों फिर भी यादों का कारोबार होना चाहिए... "तू" मेरी कोन मैं "तेरा" कोन ये तो मंजिल-ए-अंत की बात है मगर, सफर में "मेरा" साया बनके 💚तू💚 हरवक्त मेरे पास होना चाहिए...
Pranay Bhuyar
जमाने के दिए ज़ख्म लेकर, मैं 💚दवा💚 के खातिर जमाने मेही दरबदर घूमूं... की,,, जमाने के दिए ज़ख्म लेकर, मैं 💚दवा💚 के खातिर लहूलुहान हुआ जमाने मेही दरबदर घूमूं... और फिर अगर रास्ते में दिख जाए मैखाना, तो फिर मैं "शराब" कोही दवा समझ के चुमूं...!! 💚💚💚 आज भी आसान है तुमसे बचके दूर चले जाना... मानो "जान" की,,, आज भी बेहद आसान है तुमसे बचके दूर चले जाना... पर रोके रखता है वो बचपन का एक लम्हा मुझे, जब मैं पहली दफां तुम्हारी आंखों में डूब चुका था...!! 💚💚💚
Pranay Bhuyar
💚ख़्वाब💚 आधे अधूरे हीं सही, मैं जीना चाहता हूं... की,,, 💚ख़्वाब💚 मेरे आधे अधूरे हीं सही, मैं जीना चाहता हूं... हाथों की लकीरें भी मैं, तेरे वास्ते इकठ्ठा सीना चाहता हूं... पलकें झपकना भूल जाए अगर एक दफा देख लूं तुझे, ये कैसा "प्यार" है जिसमे मैं आँखें खोलके सोना चाहता हूं... और बावजूद मेरे अंजाम-ए-सफ़र ना हो सकी "तुम" मेरी जानिब,,, मैं तो फिर भी दुनियां की, सबसे अच्छी मोहब्बत "तुम्हें" देना चाहता हूं...!! 💚💚💚 तेरी सूरत जैसे मेरी आदत... और,,, तेरी सीरत जैसे उस आदत के पीछे की इबादत...!! 💚💚💚 . .