Find the Best premshanker Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about ajab prem ki ghazab kahani full movie with english subtitles, pre bridal packages list with price in india, pre styling spray with heat protection, how to make props for pre wedding shoot, hindi poem for pre nursery class,
Amit premshanker
हे धरती माँ,हे धरती माँ लौटा दे मेरी सीता को।। छिन्न भिन्न मैं कर डालूंगा तेरी सारी सृष्टि को टुकड़े टुकड़े कर डालूंगा नभ,जल थल संग वृष्टि को लेकर ऐसे जा नहीं सकती मेरे प्राण प्रीता को हे धरती माँ,हे धरती माँ लौटा दे मेरी सीता को।। क्या करेगा राम अकेला कैसे ए जी पाएगा कैसे अपने सीता के बिन अश्रू को पी पाएगा। मुझसे-अलग तू ना कर माते् मेरे कंत वनिता को हे धरती माँ,हे धरती माँ लौटा दे मेरी सीता को।। मैं भी अपने प्राण तजुंगा दशा मेरी कुछ ऐसी है मन की पीड़ा मन की व्यथा सुन माँ मेरी कैसी है तड़प तड़प कर मर जाते हैं जैसे मीन सरिता को हे धरती माँ हे धरती माँ लौटा दे मेरी सीता को हे धरती माँ हे धरती माँ लौटा दे मेरी सीता को।। कवि:- अमित प्रेमशंकर एदला,सिमरिया,चतरा(झारखण्ड) दूरभाष:- ९९८७५६३१०८ ©Amit premshanker हे धरती माँ हे धरती माँ लौटा दे मेरी सीता को हे धरती माँ हे धरती माँ लौटा दे मेरी सीता को #अमित #प्रेमशंकर #अमित #प्रेमशंकर #Amit #premshanker #Amit #premshanker #worldpostday
हे धरती माँ हे धरती माँ लौटा दे मेरी सीता को हे धरती माँ हे धरती माँ लौटा दे मेरी सीता को #अमित #प्रेमशंकर #अमित #प्रेमशंकर #Amit #premshanker #Amit #premshanker #worldpostday #कविता
read moreAmit premshanker
नैना ये रोग लगाए हर दिल को यही रुलाए अब ना रोए दिल किसी का दिलदार के लिए इल्तेज़ा है उस खुदा से अपने यार के लिए... बेकरारी के जमाने में एक शहर ढुंढ लेंगे मेरे मौला मेरे साकी ऐसा सफ़र ढुंढ लेंगे बेकरारी के जमाने में एक शहर ढुंढ लेंगे मेरे मौला मेरे साकी ऐसा सफ़र ढुंढ लेंगे दे दे मोहल्लत मेरे रब्बा तू एक बार के लिए इल्तज़ा है उस खुदा से अपने यार के लिए।। इश्क़ है क्या? इस जहां में मुझको इतना बता शायरों की हर ग़ज़ल क्यूं है इतनी खफ़ा इश्क़ है क्या? इस जहां में मुझको इतना बता शायरों की हर ग़ज़ल क्यूं है इतनी खफ़ा कोई घुट घुट के जिए ना एक दीदार के लिए इल्तज़ा है उस खुदा से अपने यार के लिए।। कवि अमित प्रेमशंकर एदला,सिमरिया,चतरा(झारखण्ड) ©Amit premshanker #अमित #प्रेमशंकर #अमित #प्रेमशंकर #Amit #premshanker #Amit #premshanker #Hopeless
Amit premshanker
मैं कुछ दिन का मेहमान प्रिये। अब पूछ मेरा ना हाल प्रिये मैं कुछ दिन का मेहमान प्रिये रख लेने दे सिर दामन में फिर तो अपना श्मशान प्रिये।। द्वारपाल सब यम लगते हैं दासी सब बेईमान प्रिये खंडहर लगता राजमहल सारी नगरी बेजान प्रिये अब पूछ मेरा ना हाल प्रिये मैं कुछ दिन का मेहमान प्रिये।। कैसे होंगे मेरे राम सिया कैसा वो हठिया लखन प्रिये ये दृश्य देखने से पहले क्यों निकले ना मेरे प्राण प्रिये। अब पूछ मेरा ना हाल प्रिये मैं कुछ दिन का मेहमान प्रिये।। ये वैद्य औषधि निरस्त हुए अब ना बन तू अनजान प्रिये ये राजभोग लगते हैं मुझको सब विष के समान प्रिये अब पूछ मेरा ना हाल प्रिये मैं कुछ दिन का मेहमान प्रिये।। कवि:- अमित प्रेमशंकर एदला,सिमरिया,चतरा(झारखण्ड) दूरभाष:- ९९८७५६३१०८ ©Amit premshanker #Amit #premshanker #ramayan #Rajadashrath #ayodhya #अमित #प्रेमशंकर #Lights
Amit premshanker
नैना ये रोग लगाए हर दिल को यही रुलाए अब ना रोए दिल किसी का दिलदार के लिए इल्तेज़ा है उस खुदा से अपने यार के लिए... बेकरारी के जमाने में एक शहर ढुंढ लेंगे मेरे मौला मेरे साकी ऐसा सफ़र ढुंढ लेंगे बेकरारी के जमाने में एक शहर ढुंढ लेंगे मेरे मौला मेरे साकी ऐसा सफ़र ढुंढ लेंगे दे दे मोहल्लत मेरे रब्बा तू एक बार के लिए इल्तज़ा है उस खुदा से अपने यार के लिए।। इश्क़ है क्या? इस जहां में मुझको इतना बता शायरों की हर ग़ज़ल क्यूं है इतनी खफ़ा इश्क़ है क्या? इस जहां में मुझको इतना बता शायरों की हर ग़ज़ल क्यूं है इतनी खफ़ा कोई घुट घुट के जिए ना एक दीदार के लिए इल्तज़ा है उस खुदा से अपने यार के लिए।। ©Amit premshanker #Amit #premshanker #Amit #premshanker #Amit #Amitpremshankerअमितप्रेमशंकर #LostInNature
Amit premshanker
31.पाँच पाँच पान के पतईया से पाँच पाँच पान के पतईया से पाँच सुप सजाईब हो....२ पाँच बेरी गईया के गोबरा से घंटिया लिपाईब हो..२ रोज़े रोज़े आवे माई राऊरे सपनवा चिहुंकी के जाग जालीं,डर जाले मनवा भोरे भोरे कुम्हरा के घरवा से कलशा मंगाईब हो..२ पांच बेरी गईया के गोबरा से घंटिया लिपाईब हो। पांच पांच पान के पतईया से.................. ।।।। सबका से माई तहरा महिमा हऽ सांच हो पांच बेर भूख सहे,परवैतिन पांच हो।। भैय्या अमित जी से पांच पांच गितीया लिखाईब हो...२ सैयां कुंदन माई के भगतिया से गितीया गवाईब हो पांच पांच पान पतईया से...... पाँच पाँच पान के पतईया से पाँच सुप सजाईब हो....२ पांच बेर गईया के गोबरा से घंटिया लिपाईब हो.. भैय्या अमित जी से पांच पांच गितीया लिखाईब हो... सैयां कुंदन माई के भगतिया से गितीया गवाईब हो पाँच पाँच पान के पतईया से पाँच सुप सजाईब हो....... कवि:- अमित प्रेमशंकर एदला,सिमरिया,चतरा(झारखण्ड) ©Amit premshanker #अमित#प्रेमशंकर #अमित#प्रेमशंकर #Amit #premshanker #Amit #premshanker #SardarPatel
Amit premshanker
#अमित#प्रेमशंकर#Amit#premshanker
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited