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Best नीची Shayari, Status, Quotes, Stories

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Faham

haya

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या ईलाही रंग लाए जब मेरी बेबाकीया।
ऊनकी नीची नीची नजरो की हया का साथ हो। haya

Jeet Verma

यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। 
मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे॥ 

ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली। 
किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली॥ 

तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं चुपके-चुपके आता। 
उस नीची डाली से अम्मा ऊँचे पर चढ़ जाता॥ 

वहीं बैठ फिर बड़े मजे से मैं बांसुरी बजाता। 
अम्मा-अम्मा कह वंशी के स्वर में तुम्हे बुलाता॥ 

बहुत बुलाने पर भी माँ जब नहीं उतर कर आता। 
माँ, तब माँ का हृदय तुम्हारा बहुत विकल हो जाता॥ 

तुम आँचल फैला कर अम्मां वहीं पेड़ के नीचे। 
ईश्वर से कुछ विनती करतीं बैठी आँखें मीचे॥ 

तुम्हें ध्यान में लगी देख मैं धीरे-धीरे आता। 
और तुम्हारे फैले आँचल के नीचे छिप जाता॥ 

तुम घबरा कर आँख खोलतीं, पर माँ खुश हो जाती। 
जब अपने मुन्ना राजा को गोदी में ही पातीं॥ 

इसी तरह कुछ खेला करते हम-तुम धीरे-धीरे। 
यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे॥ #NojotoQuote #mhadeviverma#nojotohindi#motherlove#maa#love

Ravikant Raut

कासानोवा Casanova मेरे पास बहाने हैं कई आसान सी...पर जटिल किरदारों वाली कहानियां भी कई... उन्हें शब्दों के मजबूत जाल में उलझा कर कहने का कौशल भी है लोमड़ सी चालाकी अविराम अनर्गल बातों को

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कासानोवा Casanova

मेरे पास बहाने हैं कई 
आसान सी...पर जटिल किरदारों वाली
कहानियां भी कई... 
उन्हें शब्दों के मजबूत जाल में उलझा कर कहने का कौशल भी है 
लोमड़ सी चालाकी
अविराम अनर्गल बातों को

Mohammad Najim

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पर्दा करो क्योंकि तुम किसी बाप का ग़ुरूर हो,

पर्दा करो क्योंकि तुम किसी भाई की ग़ैरत हो,

पर्दा करो क्योंकि तुम किसी शौहर की इज़्ज़त हो,

पर्दा करो क्योंकि तुम किसी घर की ज़ीनत हो,

पर्दा करो क्योंकि पर्दा हया का ज़ेवर है,

पर्दा करो क्योंकि पर्दे मे औरत की शान है,

पर्दा करो क्योंकि तुम कोई मामूली सामान नही हो,
 
बल्कि इस्लाम की शहज़ादी हो 
और कोई शहज़ादी इस तरह मामूली नही
ज़िसके उपर हर किसी की निगाह उठ जाये..

👌👌👌👌👌👌👌
मर्दो के लिए.....
निगाह नीची रखो - कि तुमसे तुम्हारी माँ की तरबियत की पहचान होगी, वही माँ जिसके क़दमों में जन्नत है।

निगाह नीची रखो - कि वो भी किसी की बहन है तुम्हारी बहन की तरह।

निगाह नीची रखो - कि तुम अपनी बीवी का एतबार, वफ़ा और ग़ुरूर हो, उसकी नज़रें नीची हो जाती है जब कोई उसे ताना देता है कि "हाँ पता है,तुम्हारे शौहर तुम्हें कितना चाहते हैं ?"

निगाह नीची रखो - कि तुम्हें अल्लाह ने औरतों पर क़व्वाम( संरक्षक,यानि अच्छी तरह रक्षा करने वाला ) बनाया है।

निगाह नीची रखो - कि ये शराफ़त की अलामत है।

निगाह नीची रखो - कि हुज़ूर, खलीफ़ा और सहाबा निगाह नीची रखते थे।

निगाह नीची रखो - क्योंकि तुम कोई मामूली इंसान नहीं, मुसलमान हो, इमानवाले हो, सबसे बेहतरीन उम्मह के पैरोकार हो।

निगाह नीची रखो - कि तुम इस्लाम के शहज़ादे हो, क़ुरआन में अल्लाह ने पहले मर्दों को निगाह नीची रखने को कहा है।

निगाह नीची रखो - ताकि ग़ैर मज़हब की औरतें कहें कि ईमानवाले मर्द कितने शरीफ होते हैं। मुसलमानों के मोहल्ले, गली,गाँव में हर औरत सुरक्षित है।
https://nojoto.com/post/2ca04e341d50ef352a46536523a36768/kal-naha-va-aaja-bha-ha-ma-jhasa-tha-ugdha-na-ra-j
निगाह नीची रखो - ताकि दंगों के बाद ग़ैर मजहब की औरतें इस बात की गवाही दें कि ईमानवाले मर्द, लड़ाई झगड़ों और दंगों में भी औरतों की इज़्ज़त का ख़याल करते ह

Mayank Chunnu Singh

✍🏻 नालायक देर रात अचानक ही पिता जी की तबियत बिगड़ गयी। आहट पाते ही उनका नालायक बेटा उनके सामने था। माँ ड्राईवर बुलाने की बात कह रही थी, पर उसने सोचा अब इतनी रात को इतना जल्दी ड्राईवर कहाँ आ पायेगा ????? यह कहते हुये उसने सहज जिद और अपने मजबूत कंधो के सहारे बाऊजी को कार में बिठाया और तेज़ी से हॉस्पिटल की ओर भागा। #Poetry

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नालायक. ✍🏻  नालायक

देर रात अचानक ही पिता जी की तबियत बिगड़ गयी। 
आहट पाते ही उनका नालायक बेटा उनके सामने था।
माँ ड्राईवर बुलाने की बात कह रही थी, पर उसने सोचा अब इतनी रात को इतना जल्दी ड्राईवर कहाँ आ पायेगा ?????

यह कहते हुये उसने सहज जिद और अपने मजबूत कंधो के सहारे बाऊजी को कार में बिठाया और तेज़ी से हॉस्पिटल की ओर भागा।

Satyaprem Upadhyay

#EkMulaqat #AmritaPritam ( एक मुलाक़ात : अमृता प्रीतम ) एक मुलाक़ात : अमृता प्रीतम  मैं चुप शान्त और अडोल खड़ी थी सिर्फ पास बहते समुन्द्र में तूफान था……फिर समुन्द्र को खुदा जाने क्या ख्याल आया उसने तूफान की एक पोटली सी बांधी मेरे हाथों में थमाई #Poetry

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 #EkMulaqat #AmritaPritam ( एक मुलाक़ात : अमृता प्रीतम ) 
 एक मुलाक़ात : अमृता प्रीतम 

मैं चुप शान्त और अडोल खड़ी थी
सिर्फ पास बहते समुन्द्र में तूफान था……फिर समुन्द्र को खुदा जाने
क्या ख्याल आया
उसने तूफान की एक पोटली सी बांधी
मेरे हाथों में थमाई


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