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vibrant.writer

अम्बेडकर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। #vibrant_writer स्वतंत्र भारत के प्रथम न्याय व क़ानून मंत्री डॉ भीमराव अम्बेडकर (14 अप्रैल 1891 - 6 दिसम्बर 1956) विलक्षण व्यक्तित्व के स्वामी थे। भारत को उसकी मूल आत्मा प्रदान करने में अर्थात भारत का लोकतांत्रिक ढाँचा जो कि उसके संविधान से संचालित है के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाई। उनका सम्पूर्ण जीवन अछूत व हाशिये पर धकेले जा चुके समाज को न्याय व समानता का अधिकार दिलाने में गुज़रा। उनका व्यक्तित्व हमें अभाव से ऊपर उठ कर संघर्ष की राह पर चलने की प्रेरणा #Woman #YourQuoteAndMine #Dalit #मूलनिवासी #संविधानदिवस #भीमरावअम्बेडकर #अम्बेडकरजयंती

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छोटी सी जिंदगी में बड़े कारनामे कर गए,
हे महामानव! तुम सब को हक-मान दे गए।

सदियों से मूर्खों की भेंट चढ़ते आए दलित,
हे महामानव! तुम उनको जीवनदान दे गए।

जन्मों से प्रतीक्षारत उन स्त्रियों की आशा, 
हे महामानव! तुम  उनको  वरदान  दे गए।
                          ©Vibrant writer
जिन मूल निवासियों के हक चले गए थे,
हे महामानव! तुम  उनको  सम्मान दे गए।

जो धर्माडंबर और जात पात के रोगि है,
हे महामानव! तुम उनको आंख-कान दे गए।

अपने बच्चों में अंतर देख रोती मा भारती,
हे महामानव! तुम उनको संविधान दे गए। अम्बेडकर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ।
#vibrant_writer 
स्वतंत्र भारत के प्रथम न्याय व क़ानून मंत्री डॉ भीमराव अम्बेडकर (14 अप्रैल 1891 - 6 दिसम्बर 1956) विलक्षण व्यक्तित्व के स्वामी थे। भारत को उसकी मूल आत्मा प्रदान करने में अर्थात भारत का लोकतांत्रिक ढाँचा जो कि उसके संविधान से संचालित है के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाई। उनका सम्पूर्ण जीवन अछूत व हाशिये पर धकेले जा चुके समाज को न्याय व समानता का अधिकार दिलाने में गुज़रा। उनका व्यक्तित्व हमें अभाव से ऊपर उठ कर संघर्ष की राह पर चलने की प्रेरणा

manoj solanki boddhy

#शिक्षक_दिवस किसके #जन्मदिन को #मनाना_चाहिए #तर्क_संगत जवाब दीजिए ? 

आज मै #ब्राह्मण जात का ''सर्वपल्ली राधाकृष्णन'' और #मूलनिवासी
बहुजन ''राष्ट्रपिता #ज्योतिराव फुले''
दोनो के ''एजुकेशन'' के लिए किये गए कार्यो
को बताउंगा।
फिर फैसला आपलोग ही करना की किसका
जन्मदिन ''राष्ट्र गुरु'' / टीचर दिवस के रूप में
मनाना चाहिए ,
1)ब्राह्मण जात सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पैदा
होने के 40 साल पहले से ही ''राष्ट्रपिता
#ज्योतिराव_फुले'' ने #आधुनिक भारत में एजुकेशन के
फिल्ड में क्रांति सुरु कर दी थी (सबूत =
''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' का जन्म 11
अप्रैल 1827 में हुआ और उन्होंने #क्रांति की
सुरुवात 1848 को कर ही दिया जबकि
विदेशी ब्राह्मण जात ''सर्वपल्ली_राधाकृष्णन'' का जन्म 5 sep 1888 को हुआ मतलब
फुले की क्रांति के 40 साल बाद )!
2)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने 1848 से
शुरू कर 4 साल के अन्दर ही करीब 20 स्कूल खोल
डाले ,जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने एक भी स्कूल
नहीं खोला !
3)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने #पिछड़ी
जाति के लोगो को बिना पैसे लिए #एजुकेशन
दिया ,जब की ब्राह्मण जात सर्वपल्ली ने
जिंदगी भर पैसे की #लालच में लोगो को
पढ़ाया !
4)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने खुद की
जेब से पैसे खर्च कर लोगो को education दी
,जबकि ब्राह्मण जात सर्वपल्ली ने एजुकेशन देने के
नाम पर खूब पैसा कमाया !
5)गाव देहातो में ''राष्ट्रपिता
ज्योतिराव फुले'' ने 20 स्कूल खोले ,जब की
ब्राह्मण जात सर्वपल्ली गाँव में स्कूल खोलने
गया ही नहीं
6)सबको #बैज्ञानिक सोच वाली #एजुकेशन
''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने दिया ,जब
की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने ''ब्राह्मण
धर्म'' (हिन्दू धर्म) की गैर बराबरी और
अंधविश्वास वाली एजुकेशन का कट्टर समर्थक
था !
7)''बालविवाह'' का विरोध और ''विधवा
विवाह'' को बढ़ावा दिया "'राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने जबकि
ब्राह्मण जात सर्वपल्ली बाल विवाह का
समर्थक था ,और विधवा विवाह का
विरोधी !
8)#महिलाओं के लिए #पहला_स्कूल अगस्त 1848 को
''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने खोला जब
की ब्राह्मण जात सर्वपल्ली स्त्री एजुकेशन का
#विरोधी था
9)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने अपनी
पत्नी को सबसे पकले एजुकेशन दी ,ब्राह्मण जात
सर्वपल्ली ने अपनी औरत को ही अनपढ़ बनाए
रख्खा !
10)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने अपना
गुरु ''छत्रपति शिवाजी महाराज'' को
माना ,ब्राह्मण सर्वपल्ली ने अपना गुरु
ब्राह्मण भगौड़ा ''सावरकर'' को माना !
11)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने
''गुलामगिरी'' नमक ग्रन्थ लिख पिछड़ी
जातियों को गुलामी का एहसास कराया
,जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने ब्राह्मण धर्म
का कट्टर समर्थन कर #बहुजनो के #दिमाग की
नसबंदी कर उनके दिमाग को बाँझ बनाया !
12)किसानो को जगाने के लिए
''#राष्ट्रपिता_ज्योतिराव फुले'' ने किताबे
लिखी जैसे ''किसान का कोड़ा'', आज से 150
साल पहले 'कृषि विद्यालय' की बात की, जब
की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने जीतनी भी
किताबे लिखी सब की सब ब्राह्मण धर्म को
महिमामंडित करने को लिखी !
13) सभी को एजुकेशन मुफ्त और सख्ख्ती से दिया
जाय इसके लिए ''हंटर कमिसन'' (उस समय का
भारतीय एजुकेशन आयोग) के आगे अपनी मांग
''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने रख्खी ,जब
की ब्राह्मण सर्वपल्ली #बहुजनो को #एजुकेशन देने
का विरोधी था
14)लोगो ने ''#राष्ट्रपिता_ज्योतिराव फुले''
को ''#राष्ट्रपिता'' की #उपाधि दी
,ब्राह्मण सरकार ने ब्राह्मण सर्वपल्ली की
चोरी की थीसिस पर उन्हें डॉ की उपाधि
दी !
15) '#राष्ट्रपिता_ज्योतिराव फुले'' ने
ब्राह्मणों को विदेशी कहा ब्राह्मण
सर्वपल्ली ने भी खुद को विदेशी आर्य ब्राह्मण
कहा (बस केवल एक जगह दोनों सामान थे )
https://www.facebook.com/groups/592086901429285/?ref=share # चक दिवस महात्मा ज्योतिबा फुले

bhavnish

क्यो है तू सोया रे पगले, क्यों घर मे खोया है पगले।
बुद्ध से लेकर कांसीराम तक महापुरुष है कितने अपने।

थोड़ा सा इनको तू पढले, उसमे से सब कुछ समझ ले।
मूलनिवासी मिशन पे चलके, मनुवाद की जड़ को रगडें।

बाबा साहबने दिया जो हक है, उसपे चलके दुनिया बदले।
आजा तू अब हाथ पकड़ले, बामसेफ के साथ तू चलदे।

दुश्मन हमारा ३ प्रतिशत, थर थर काँपे नाम को सुनके।
बामसेफ का देख तू जादू, दुश्मन से ना जाए संभले।

विदेशियो से लेकर पंगा उनको अपने देश भगाए।
विचारधारा पे चलके तू मूलनिवासी देश बनाले। #jay_mulnivasi

Badal Ragg

जय भीम #मूलनिवासी

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जय भीम का नारा है भारत वर्ष हमारा है
#मूलनिवासी जय हो जय हो भारतवासी जय हो जय हो ।
भीम ने जब क़लम उठाया धरा हिली जर्रा-ज़र्रा सह्माया ।
बोलो जय भीम बोलो जय भीम ।।
सम्मान दिया निम्न वर्गों को नया आह्वान दिया ।
उच्च सामंतवादियों को एक फ़रमान दिया ।
एक अकेला नहीं है भीम पूरा भारत है जिसमें लीन ।
लिखकर उन्होंने संविधान हमारा दलित-पिछड़ों का सम्मान बचाया उम्मीदों का नया परचम लहराया ।
आदिम युगों  से करते आ रहे उच्चसामन्ती गरीब-असहाय पर अत्याचार ।
भीम को आ गया था यह पहले ही विचार ।
उच्चस्वर्ण हैं हरामियों की पैदावार ।
बोलो जय भीम बोलो जय भीम ।।
गाँधी-नेहरू थे सबके साथ भीम ने न किया विश्वास ।
लिखकर एक नई कहानी दलित-पिछड़ों का किया उद्धार ।
नक़्शे कदम पर चलेंगे हम भी फेकेंगे उठाके हरामियों को चलाएंगे कलम की गोली ।
दबे हुए आदिम युगों से उठेंगे औऱ ऐलान करेंगे सुनामी सा तूफ़ान करेंगे ।
तोड़ेंगे घमंड हरामियों को गुमनाम करेंगे ।
बोलो जय भीम बोलो जय भीम ।। जय भीम


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