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M C Yogi

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Namita Chauhan

मैं #बंधना चाहती हूं..
हमारे प्रेम को रक्षा #कवच से..
बिलकुल वैसे ही... 
जैसे सुहागन स्त्रियां बांधती है.. 
#रक्षासूत्र को...
अपने सुहाग की सलामती के लिए 
#वटवृक्ष में....
इसलिए कि जब कोई बुरी नजर
आपकी और मुड़े.. 
तो उस रास्ते में खड़ी #मैं मिलूं..
और वो मुझसे वैसे ही हारकर
उल्टे पैर लौट जाए..
जैसे देवी #सावित्री से यमराज... 
और भेंट में हमारे इस प्रेम को 
दे जाए #वरदान
#अमरत्व का..
#जान..❤️

©Namita Chauhan

deshraj deshmukh

#AdhureVakya #कृष्ण #श्री #हनुमान #कर्ण #कवच Jyoti Gupta india bhart Paawan Dixit Sri Radhy sharma ji #कविता

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साथ रहकर पता पड़ा  
किस्सा क्या है,
साथ जिंदगी जीने में हिस्सा क्या है,
चांद का सितारों से
नदी का किनारों से
साथ रहकर पता पड़ा किस्सा क्या है
साथ जिंदगी जीने में हिस्सा क्या है
धूप का छांव से
लहरों का नाव से
साथ रहकर पता पड़ा किस्सा क्या है
साथ जिंदगी जीने में हिस्सा क्या है
कर्ण का कवच से
अर्जुन का ध्वज से
साथ रहकर पता पड़ा किस्सा क्या है
साथ जिंदगी जीने में हिस्सा क्या है
द्रोपति का अपमान से
कोरवो का अभिमान से
साथ रहकर पता पड़ा किस्सा क्या है
साथ जिंदगी जीने में हिस्सा क्या है
कृष्ण का बलराम से
लक्ष्मण का श्रीराम से
साथ रहकर पता पड़ा किस्सा क्या है
साथ जिंदगी जीने में हिस्सा क्या है
(कवि देशराज देशमुख)
9571633753

©deshraj deshmukh #AdhureVakya 
#कृष्ण 
#श्री 
#हनुमान 
#कर्ण 
#कवच  Jyoti Gupta india bhart  Paawan Dixit Sri Radhy sharma ji

Satya Prakash Upadhyay

हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते? कोई भी जीव अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के हितों के रक्षार्थ एक आवरण या यों कहें एक सुरक्षा कवच तैयार करता जाता है इस कवच के सारे अवयव तब तक उसके अपने होते हैं जब तक उनसे किसी प्रकार का भय न हो,जब उसे किसी भी अंग से डर का अनुभव होता है ,उसे वो तुरत "अपने" से पराये बना देता है,चाहे सांसारिक बंधनों के अनुसार वो उसका सबसे क़रीबी हीं क्यों ना हो। अब जब अपने के बारे में जानकारी हो चुकी तो यह भी स्पष्ट हो जाता है कि हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते। #विचार

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हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते?

कोई भी जीव अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के हितों के रक्षार्थ एक आवरण या यों कहें एक सुरक्षा कवच तैयार करता जाता है इस कवच के सारे अवयव तब तक उसके अपने होते हैं जब तक उनसे किसी प्रकार का भय न हो,जब उसे किसी भी अंग से डर का अनुभव होता है ,उसे वो तुरत "अपने" से पराये बना देता है,चाहे सांसारिक बंधनों के अनुसार वो उसका सबसे क़रीबी हीं क्यों ना हो।

अब जब अपने के बारे में जानकारी हो चुकी तो यह भी स्पष्ट हो जाता है कि हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते। हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते?

कोई भी जीव अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के हितों के रक्षार्थ एक आवरण या यों कहें एक सुरक्षा कवच तैयार करता जाता है इस कवच के सारे अवयव तब तक उसके अपने होते हैं जब तक उनसे किसी प्रकार का भय न हो,जब उसे किसी भी अंग से डर का अनुभव होता है ,उसे वो तुरत "अपने" से पराये बना देता है,चाहे सांसारिक बंधनों के अनुसार वो उसका सबसे क़रीबी हीं क्यों ना हो।

अब जब अपने के बारे में जानकारी हो चुकी तो यह भी स्पष्ट हो जाता है कि हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते।

Aniruddha Soni

#RDV19

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काल  की  कला  भला  किसे  समझ में आई क्या
कि काल पर भी काली सी घटा कभी है छाई क्या

काल   के   कपाल  पर  जो  जाल  बाँधने  चला
कि  कालपथ  पे  काल  आया काल बाँधने चला
काल  को  भी  बांध  ले  वो  लंका का प्रधान था
कि  काल  प्रतिकार  ले  ये  काल का विधान था
काल   कह   रहा  करोगे  काल  से  लड़ाई  क्या
रे काल की कला भला किसे समझ में आई क्या

काल   का   कटु   कटाक्ष   कृष्ण  करे  कंस  से
कि  कंस  को  तो कृष्ण के वचन भी लगे दंश से
तो  कंस की काया भी तब कहन से काँपने लगी
वो  काया  कुकरम से  खुद की मौत नापने लगी
कंस  की  चिता  कहीं  भी  कृष्ण ने जलाई क्या
रे काल की कला भला किसे समझ में आई क्या

कौरवों  पे  हो  कहर  कि  काल  की ये सृष्टि  है
रे  काल  कर्ण  पर  कसी  शनि  की वक्रदृष्टि  है
काल   देखो   कौरवों   को   कैसी  हार  देता  है
कि  कालखंड   कालजयी    कर्ण  मार  देता  है
काल ही कवच भी ले कवच ही सब कमाई क्या
रे काल की कला भला किसे समझ में आई क्या

काल  की  कला भला किसे समझ में आई क्या
रे काल पर भी काली सी घटा कभी है छाई क्या #RDV19

Diwani uski... (Riya)

#WorldOzoneDay plz 🙏🙏

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World Ozone Day   So do you think?? 
Is it the thing for saying that save Ozone layer???  

No yrr... it's not for saying.. 
 Obviously We must save Ozone layer from its decay

Being a science  student I saidto all of uh plz do least use of the things that produces harmful gasses which works for The ozone layer decay... so that Uv rays can't harm us, animals, plants and all the living things on the earth 🌍 

But being a human  I requested to uh plz stop... 
And plz do more plantation as much as possible 🙏

 कवच को कवच ही रहने दो... 
न उतारो इसे कर्ण के जिस्म से.. 
कर्ण का कवच तो उतर गया.... 
न हाल हो कर्ण जैसा इस वसुंधरा का 
न उतारना इस धरा के कवच को... 
रहने दो ओजोन परत को |🙏 #WorldOzoneDay plz 🙏🙏

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 9 - सेवा का प्रभाव 'या खुदा, अब आगे को रास्ता भी नहीं है।' सवार घोड़े से कूद पड़ा। प्यास के मारे कण्ठ सूख रहा था। गौर मुख भी अरुण हो गया था। पसीने की बूदें नहीं थी, प्रवाह था। उसके जरी के रेशमी वस्त्र गीले हो गये थे। ज्येष्ठ की प्रचण्ड दोपहरी में जरी एवं आभूषणों की चमक नेत्रों में चकाचौंध उत्पन्न कर रही थी। वे उष्ण हो गये थे और कष्ट दे रहे थे। भाला उसने पेड़ में टिकाया, तरकश एवं म्यान खोल दी। कवच जलने लगा था और उसे उतार देना आवश्यक हो गया

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
9 - सेवा का प्रभाव

'या खुदा, अब आगे को रास्ता भी नहीं है।' सवार घोड़े से कूद पड़ा। प्यास के मारे कण्ठ सूख रहा था। गौर मुख भी अरुण हो गया था। पसीने की बूदें नहीं थी, प्रवाह था। उसके जरी के रेशमी वस्त्र गीले हो गये थे। ज्येष्ठ की प्रचण्ड दोपहरी में जरी एवं आभूषणों की चमक नेत्रों में चकाचौंध उत्पन्न कर रही थी। वे उष्ण हो गये थे और कष्ट दे रहे थे। भाला उसने पेड़ में टिकाया, तरकश एवं म्यान खोल दी। कवच जलने लगा था और उसे उतार देना आवश्यक हो गया

WildSudhirAarya

#Life

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नवअंकुर नवसृजजन के बीज
तुम छुपे किस कवच के बीच
कैसे सहा तुमने तीब्र ताप 
ये कवच कितना है कोमल
              -yaduvanshsudhir #Life

Gagandeep Singh

#परिवार वह #सुरछा #कवच है जिस में रह कर #व्यक्ति #शान्ति का #अनुभव करता है।

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परिवार वह सुरछा कवच है 
जिस में रह कर व्यक्ति शान्ति का अनुभव करता है। #परिवार वह #सुरछा #कवच है जिस में रह कर #व्यक्ति #शान्ति का #अनुभव करता है।


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