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शुभम सोनी (बुंदेला)

#बुंदेला की कलम से

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वो हाथों में मंजीरे लिए आतुर है 
बुंदेला के गिरने पर बजाने के लिए
इस बात का बस अफसोस रहेगा
की उसका आंगन खामोश रहेगा #बुंदेला की कलम से

शुभम सोनी (बुंदेला)

#बुंदेला की कलम से

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मैं जो चल पड़ूं तो रहमतें तेरी हों
जो ठहर जाऊं तो सोहबतें तेरी हों
हर वक्त तेरा साया आदतें मेरी हों
तुझमे समा जाना फितरतें मेरी हों
साथ में जो तू हो तो कीमतें मेरी हों
खुद को तू लिख दे किस्मतें मेरी हों #बुंदेला की कलम से

शुभम सोनी (बुंदेला)

#बुंदेला की कलम से

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महबूब से मिलकर बिछड़ना बस मस्ताना जानता है
आग से आग बुझाने का हुनर बस दीवाना जानता है
यूं तो मर जाते है बुंदेला आशिक कई मोहब्बत में
शम्मा के साथ जलने का मजा बस परवाना जानता है #बुंदेला की कलम से

शुभम सोनी (बुंदेला)

#बुंदेला की कलम से

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ये जिंदगी किसी तन्हा शाम सी गुजर रही है
बैचेन रात की आंधी में उदासी सिहर रही है
सन्नाटे में डूबा है शहर और अरमान शोर का है
बुंदेला अकेला खड़ा है बस इंतजार भोर का है #बुंदेला की कलम से

शुभम सोनी (बुंदेला)

चलो मान लेते है की हर वक्त बुंदेला ही गलत था
कभी गिरेवान में झांकना की तुम कितने सही थे #बुंदेला

शुभम सोनी (बुंदेला)

कोरा ही रखा है बुंदेला ने 
किताब ऐ जिंदगी का पन्ना
तू अपने इश्क से रंग भर दे
बस इतनी सी है तम्मन्ना #बुंदेला

शुभम सोनी (बुंदेला)

आज़ादी
लाखों सर लिए है बलि इसने
रक्त के इसने दरिया बहाए हैं
ये आज़ादी कोई खैरात नही
इसे लाने लोग रक्त से नहाए है
उत्सव है जश्न ऐ आज़ादी का 
हर बार जोश से इसको मनाए है 
गर्व है की जन्मे भारत भूमि पर
बुंदेला की ओर से शुभकामनाएं है #independenceday #बुंदेला

शुभम सोनी (बुंदेला)

#बुंदेला की कलम से

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डूब जाना तो तकदीर है मेरी
तू तो बस जरिया बन जा
ये बुंदेला एक किश्ती की तरह है
हो सके तो तू दरिया बन जा #बुंदेला की कलम से

शुभम सोनी (बुंदेला)

#बुंदेला की कलम से

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ना जाने कितने अरसों से दफ्न है
यहां हजारों गम और सब्र
और बुंदेला सोच में है की 
इसे दिल कहें या कब्र #बुंदेला की कलम से

शुभम सोनी (बुंदेला)

माना की तू दूर है मिलने से मजबूर है
यादों से बैचेन है पर दिल के राज़ तो खोल दे
बहुत तलब लगी है तुझे सुनने की हो सके
तो मेरे कानों में अपनी आवाज तो घोल दे #बुंदेला
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