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TARUN KUMAR VIMAL

#SRK&Katrina किसी को भी 5 से 6 साल के लिये lic #जीवन #बीमा चाहिए तो #संपर्क करें पर ईयर 40000 रूपये. नोट - एक भी किस्त दी है, तो #बोनस और #ब्याज के साथ वो भी वापस मिलेगी धन्यवाद तरुण कुमार विमल 9873955764 #News

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किसी को भी 5 से 6 साल के लिये lic जीवन बीमा चाहिए तो संपर्क करें
पर ईयर 40000 रूपये.

नोट - एक भी किस्त दी है, तो बोनस और ब्याज के साथ वो भी वापस मिलेगी

धन्यवाद
तरुण कुमार विमल
9873955764

©TARUN KUMAR VIMAL #Srk&Katrina किसी को भी 5 से 6 साल के लिये lic #जीवन #बीमा चाहिए तो #संपर्क करें
पर ईयर 40000 रूपये.

नोट - एक भी किस्त दी है, तो #बोनस और #ब्याज के साथ वो भी वापस मिलेगी

धन्यवाद
तरुण कुमार विमल
9873955764

Sumit Pandey

इश्क़ से बड़ा काम क्या! इश्क़ तेरे मजदूर हम उजरत हमे नहीं चाहिए ! तेरी मजदुरी करते है हम, इश्क़ का प्रचार करते है ! #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #मज़दूर #बोनस #sumitpandey #thesptales

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उजरत हमे नहीं चाहिए !

तेरी मजदुरी करते है हम,
इश्क़ का प्रचार करते है !

( अनुशीर्षक में पढ़े 🙏 जरूर ) इश्क़ से बड़ा काम क्या!

इश्क़ तेरे मजदूर हम
उजरत हमे नहीं चाहिए !

तेरी मजदुरी करते है हम,
इश्क़ का प्रचार करते है !

गोर्खे बुबु

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खोई जे•बी•??
अस्ति त बोनस 20% देखि दिलाउँछु भन्दै थियो त अहिले बोनस 8•24%पो सुन्दैछु। 
कता हरायो जे•बी•
जे•बी• खोई??

Gokul Tapadiya

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पत्नी ने कहा - आज धोने के लिए ज्यादा कपड़े मत निकालना…   पति- क्यों??

उसने कहा..- अपनी काम वाली बाई दो दिन नहीं आएगी….   पति- क्यों??

पत्नी- गणपति के लिए अपने नाती से मिलने बेटी के यहाँ जा रही है, बोली थी…

पति- ठीक है, अधिक कपड़े नहीं निकालता…

पत्नी- और हाँ!!! गणपति के लिए पाँच सौ रूपए दे दूँ उसे? त्यौहार का बोनस..

पति- क्यों? अभी दिवाली आ ही रही है, तब दे देंगे…

पत्नी- अरे नहीं बाबा!! गरीब है बेचारी, बेटी-नाती के यहाँ जा रही है, तो उसे भी अच्छा लगेगा… 
और इस महँगाई के दौर में उसकी पगार से त्यौहार कैसे मनाएगी बेचारी!!

पति- तुम भी ना… जरूरत से ज्यादा ही भावुक हो जाती हो…

पत्नी- अरे नहीं… चिंता मत करो… मैं आज का पिज्जा खाने का कार्यक्रम रद्द कर देती हूँ…
 खामख्वाहपाँच सौ रूपए उड़ जाएँगे, बासी पाव के उन आठ टुकड़ों के पीछे…

पति- वा, वा… क्या कहने!! हमारे मुँह से पिज्जा छीनकर बाई की थाली में??
तीन दिन बाद… पोंछा लगाती हुई कामवाली बाई से पति ने पूछा...

पति- क्या बाई?, कैसी रही छुट्टी?

बाई- बहुत बढ़िया हुई साहब… दीदी ने पाँच सौ रूपए दिए थे ना.. त्यौहार का बोनस..

पति- तो जा आई बेटी के यहाँ…मिल ली अपने नाती से…?

बाई- हाँ साब… मजा आया, दो दिन में 500 रूपए खर्च कर दिए…

पति- अच्छा!! मतलब क्या किया 500 रूपए का??

बाई- नाती के लिए 150 रूपए का शर्ट, 40 रूपए की गुड़िया, बेटी को 50 रूपए के पेढे लिए, 
50 रूपए के पेढे मंदिर में प्रसाद चढ़ाया, 60 रूपए किराए के लग गए.. 25 रूपए की चूड़ियाँ बेटी के लिए और 
जमाई के लिए 50 रूपए का बेल्ट लिया अच्छा सा… बचे हुए 75 रूपए नाती को दे दिए कॉपी-पेन्सिल खरीदने के लिए… 
झाड़ू-पोंछा करते हुए पूरा हिसाब उसकी ज़बान पर रटा हुआ था…

पति- 500 रूपए में इतना कुछ???

वह आश्चर्य से मन ही मन विचार करने लगा...उसकी आँखों के सामने आठ टुकड़े किया हुआ बड़ा सा पिज्ज़ा घूमने लगा, एक-एक टुकड़ा उसके दिमाग में हथौड़ा मारने लगा… अपने एक पिज्जा के खर्च की तुलना वह कामवाली बाई के त्यौहारी खर्च से करने लगा… पहला टुकड़ा बच्चे की ड्रेस का, दूसरा टुकड़ा पेढे का, तीसरा टुकड़ा मंदिर का प्रसाद, चौथा किराए का, पाँचवाँ गुड़िया का, छठवां टुकड़ा चूडियों का, सातवाँ जमाई के बेल्ट का और आठवाँ टुकड़ा बच्चे की कॉपी-पेन्सिल का..आज तक उसने हमेशा पिज्जा की एक ही बाजू देखी थी, कभी पलटाकर नहीं देखा था कि पिज्जा पीछे से कैसा दिखता है… लेकिन आज कामवाली बाई ने उसे पिज्जा की दूसरी बाजू दिखा दी थी… पिज्जा के आठ टुकड़े उसे जीवन का अर्थ समझा गए थे… 
“जीवन के लिए खर्च” या “खर्च के लिए  जीवन” का नवीन अर्थ एक झटके में उसे समझ आ गया…💐👏

Ajay Amitabh Suman

नमक बेईमानी का अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्री में कपड़ों को बनवा कर चीन भेज देते। इस काम में अरोड़ा साहब को बहुत मुनाफा होता था। उनकी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट में बहुत बड़ी पहुंच थी। अरोड़ा साहब इस बात का बराबर ख्याल रखते कि दिवाली या नए वर्ष के समय एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के सरकारी कर्मचारियों के पास बख्शीश समय पर पहुंच जाए। ये अरोड़ा साहब #kahani #katha #nojotophoto #Corruption #dishonesty #laghu_katha

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 नमक बेईमानी का


अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्री में कपड़ों को बनवा कर चीन भेज देते। इस काम में अरोड़ा साहब को बहुत मुनाफा होता था। उनकी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट में बहुत बड़ी पहुंच थी। अरोड़ा साहब इस बात का बराबर ख्याल रखते कि दिवाली या नए वर्ष के समय एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के सरकारी कर्मचारियों के पास बख्शीश समय पर पहुंच जाए। ये अरोड़ा साहब


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