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मीनाक्षी मनहर
लोकप्रिय लेखिका मीनाक्षी मनहर का नया कहानी संग्रह ‘ मन के मोती’ प्रकाशित हुआ. पुस्तक का मूल्य 150 रू डाक खर्च 20 रू क्या कहते है मन ये धरती के सितारें ‘‘मन के मोती पढ़ने का सौभाग्य मिला। मीनाक्षी का कथा संकलन वेदनामयी होकर दिल की गहराईयों को छूकर एक विरहन सी उत्पन्न करता है। चाहे वो बेटी के लिए हो या माॅं के लिए या फिर किसी भी मन पर गहराये रिश्ते के लिए।’’ सरोज चावला/कवित्री, एक दोस्त ‘‘मीनाक्षी की कहानियाॅं ,मन की पीड़ भरे पलांें से ऊपर उठ कर,बल्कि असुरक्षित समाज की ज्यादतियों की पीड़ झलकती हैं। दर्द से तार तार हुये अलफ़ाज जब इसकी कलम सें उत्वन्न होते है तो जीवन के तुच्छ व्यवहार को भी अपने कथाओं में तिलसम से धड़कन लगा देते है। उम्मीद की जा सकती है कि इस कलम से और रचनाएॅं फूल रूपी खिले।’’ संतोख सिह भाणा ;साहित्यकार
लोकप्रिय लेखिका मीनाक्षी मनहर का नया कहानी संग्रह ‘ मन के मोती’ प्रकाशित हुआ. पुस्तक का मूल्य 150 रू डाक खर्च 20 रू क्या कहते है मन ये धरती के सितारें ‘‘मन के मोती पढ़ने का सौभाग्य मिला। मीनाक्षी का कथा संकलन वेदनामयी होकर दिल की गहराईयों को छूकर एक विरहन सी उत्पन्न करता है। चाहे वो बेटी के लिए हो या माॅं के लिए या फिर किसी भी मन पर गहराये रिश्ते के लिए।’’ सरोज चावला/कवित्री, एक दोस्त ‘‘मीनाक्षी की कहानियाॅं ,मन की पीड़ भरे पलांें से ऊपर उठ कर,बल्कि असुरक्षित समाज की ज्यादतियों की पीड़ झलकती हैं। दर्द से तार तार हुये अलफ़ाज जब इसकी कलम सें उत्वन्न होते है तो जीवन के तुच्छ व्यवहार को भी अपने कथाओं में तिलसम से धड़कन लगा देते है। उम्मीद की जा सकती है कि इस कलम से और रचनाएॅं फूल रूपी खिले।’’ संतोख सिह भाणा ;साहित्यकार #nojotophoto
read moreआयुष पंचोली
ब्राह्मण क्या हैं? ब्राह्मण क्या हैं? क्या ब्राह्मण कोई जाती हैं, या वर्ण हैं, या कुछ और हैं। और हैं तो क्या हैं, जो उसे शास्त्रो मे इतना ऊंचा स्थान दिया गया..!!! ब्राह्मण जिसका अर्थ सीधे ब्रम्ह से जुडा हैं। अगर देखा जाये तो ब्राह्मण अर्थात् "ब्रह्म जानाती, इति ब्राह्मण" ऐसा कहां गया हैं, मतलब "जो ब्रम्ह को जान चुका हैं, वह ब्राह्मण हैं। जिसे ब्रह्म का ज्ञान, तत्व का ज्ञान हो चुका हैं वही ब्राह्मण हैं। पर क्या सच मे ऐसा हैं। जब सृष्टि की रचना हुई, तब सबसे पहले सप्तऋषियो को जन्म दिया गया। जिन्होने कठोर तपस्या से
ब्राह्मण क्या हैं? क्या ब्राह्मण कोई जाती हैं, या वर्ण हैं, या कुछ और हैं। और हैं तो क्या हैं, जो उसे शास्त्रो मे इतना ऊंचा स्थान दिया गया..!!! ब्राह्मण जिसका अर्थ सीधे ब्रम्ह से जुडा हैं। अगर देखा जाये तो ब्राह्मण अर्थात् "ब्रह्म जानाती, इति ब्राह्मण" ऐसा कहां गया हैं, मतलब "जो ब्रम्ह को जान चुका हैं, वह ब्राह्मण हैं। जिसे ब्रह्म का ज्ञान, तत्व का ज्ञान हो चुका हैं वही ब्राह्मण हैं। पर क्या सच मे ऐसा हैं। जब सृष्टि की रचना हुई, तब सबसे पहले सप्तऋषियो को जन्म दिया गया। जिन्होने कठोर तपस्या से #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual
read morePnkj Dixit
#OpenPoetry 🚩ॐ सुप्रभात 💐🙏🚩 यो यस्य प्रतिभूस्तिष्ठेद्देर्शनायेह मानव: । अदर्शयन् सतं तस्य प्रयच्छेत्स्वधानादृणम् ।। .. जो व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को प्रस्तुत करने का उत्तरदायित्व लेता है , पर उसे प्रस्तुत नहीं कर पाता , उसे उस दूसरे व्यक्ति का ऋण स्वंय चुकाना चाहिए । ।। 🚩ॐ वन्दे वेद प्रकाशम्🚩 🚩जय वैदिक सनातन धर्म संस्कृति🚩 🚩जय श्री राम🚩 🚩ॐ सुप्रभात 💐🙏🚩 यो यस्य प्रतिभूस्तिष्ठेद्देर्शनायेह मानव: । अदर्शयन् सतं तस्य प्रयच्छेत्स्वधानादृणम् ।। .. जो व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को प्रस्तुत करने का उत्तरदायित्व लेता है , पर उसे प्रस्तुत नहीं कर पाता ,
🚩ॐ सुप्रभात 💐🙏🚩 यो यस्य प्रतिभूस्तिष्ठेद्देर्शनायेह मानव: । अदर्शयन् सतं तस्य प्रयच्छेत्स्वधानादृणम् ।। .. जो व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को प्रस्तुत करने का उत्तरदायित्व लेता है , पर उसे प्रस्तुत नहीं कर पाता ,
read moreशब्दांचेअवजार
*निमंत्रक पत्रिका* *अभिनिर्मित आर्ट्स फाऊंडेशन प्रस्तुत "अस्तित्व"साथ तुमची प्रेरणा आमची पर्व तिसरे "शब्द कवींचे" या कार्यक्रमात आम्ही सर्व कवींचे स्वागत करत आहोत.कवींनी कुठे तरी चांगलं व्यासपीठ निर्माण व्हावं आणि कवींची लेखणी सतत उत्तम लेखन शैली बनावी हेच आमचं उद्दिष्ट.येत्या १४ जुलै २०१९ ला सकाळी ११ ते सायं ४ वाजेपर्यंत "शब्द कवींचे" कार्यक्रम बांद्रा मुंबई येथे *QTUBE कॅफे येथे घेत आहोत.तरी सर्व कवी आणि कविता प्रेमींनी या कार्यक्रमात नक्की सहभागी व्हा,आणि या कार्यक्रमात स्वतः कवी आणि प्रमुख अतिथी म्हणून अॅड.निलेश पावसकर साहेब उपस्थित राहणार आहे,तरी या कार्यक्रमात सर्वानी उस्थितीत राहून कार्यक्रमाची शोभा वाढवावी.* *अभिनिर्मित आर्ट्स फाउंडेशन प्रस्तुत* *"अस्तित्व "* *साथ तुमची प्रेरणा आमची-पर्व ३* *"शब्द कवींचे"* *प्रमुख अतिथी* *अॅड.निलेश पावसकर* *सहभागी कवी* *१) सोमनाथ चौधरी* *२)वैभव कर्डक (मुंबई )* *३)ज्ञानेश्वर ढाकरे (प्रेमऋतु )* *४) प्रमोद भुजबळ (मुंबई )* *५)निता अभयजी नहार (पालघर)* *६)गणेश अंबिके* *७)मुक्ता भुजबळ (पुणे)* *८)गणेश पाटील (पुणे )* *९)सिद्धेश शिंदे (मुंबई )* *१०)सिद्धेश सूर्यवंशी (मुंबई )* *१२)गुणवंत पाटील (पनवेल)* *अजून कोणाला या कार्यक्रमात सहभागी व्हायचं असेल तर 8104480885 या नंबरवर कॉल करून नाव नोंदवावं.* #अस्तित्व #कविप्रेमी #कवितेचामी #कवितेचालाडका #वेडाफक्तकवितेसाठी *निमंत्रक पत्रिका* *अभिनिर्मित आर्ट्स फाऊंडेशन प्रस्तुत "अस्तित्व"साथ तुमची प्रेरणा आमची पर्व तिसरे "शब्द कवींचे" या कार्यक्रमात आम्ही सर्व कवींचे स्वागत करत आहोत.कवींनी कुठे तरी चांगलं व्यासपीठ निर्माण व्हावं आणि कवींची लेखणी सतत उत्तम लेखन शैली बनावी हेच आमचं उद्दिष्ट.येत्या १४ जुलै २०१९ ला सकाळी ११ ते सायं ४ वाजेपर्यंत "शब्द कवींचे" कार्यक्रम बांद्रा मुंबई येथे *QTUBE कॅफे येथे घेत आहोत.तरी सर्व कवी आणि कविता प्रेमींनी या कार्यक्रमात नक्की सहभागी व्हा,आणि या कार्यक्रमात स्वतः कवी आणि प्रमुख
*निमंत्रक पत्रिका* *अभिनिर्मित आर्ट्स फाऊंडेशन प्रस्तुत "अस्तित्व"साथ तुमची प्रेरणा आमची पर्व तिसरे "शब्द कवींचे" या कार्यक्रमात आम्ही सर्व कवींचे स्वागत करत आहोत.कवींनी कुठे तरी चांगलं व्यासपीठ निर्माण व्हावं आणि कवींची लेखणी सतत उत्तम लेखन शैली बनावी हेच आमचं उद्दिष्ट.येत्या १४ जुलै २०१९ ला सकाळी ११ ते सायं ४ वाजेपर्यंत "शब्द कवींचे" कार्यक्रम बांद्रा मुंबई येथे *QTUBE कॅफे येथे घेत आहोत.तरी सर्व कवी आणि कविता प्रेमींनी या कार्यक्रमात नक्की सहभागी व्हा,आणि या कार्यक्रमात स्वतः कवी आणि प्रमुख #कविप्रेमी #कवितेचामी #कवितेचालाडका #वेडाफक्तकवितेसाठी
read moreशब्दांचेअवजार
*निमंत्रक पत्रिका* *अभिनिर्मित आर्ट्स फाऊंडेशन प्रस्तुत "अस्तित्व"साथ तुमची प्रेरणा आमची पर्व तिसरे "शब्द कवींचे" या कार्यक्रमात आम्ही सर्व कवींचे स्वागत करत आहोत.कवींनी कुठे तरी चांगलं व्यासपीठ निर्माण व्हावं आणि कवींची लेखणी सतत उत्तम लेखन शैली बनावी हेच आमचं उद्दिष्ट.येत्या १४ जुलै २०१९ ला सकाळी ११ ते सायं ४ वाजेपर्यंत "शब्द कवींचे" कार्यक्रम बांद्रा मुंबई येथे *QTUBE कॅफे येथे घेत आहोत.तरी सर्व कवी आणि कविता प्रेमींनी या कार्यक्रमात नक्की सहभागी व्हा,आणि या कार्यक्रमात स्वतः कवी आणि प्रमुख अतिथी म्हणून अॅड.निलेश पावसकर साहेब उपस्थित राहणार आहे,तरी या कार्यक्रमात सर्वानी उस्थितीत राहून कार्यक्रमाची शोभा वाढवावी.* *अभिनिर्मित आर्ट्स फाउंडेशन प्रस्तुत* *"अस्तित्व "* *साथ तुमची प्रेरणा आमची-पर्व ३* *"शब्द कवींचे"* *प्रमुख अतिथी* *अॅड.निलेश पावसकर* *सहभागी कवी* *१) सोमनाथ चौधरी* *२)वैभव कर्डक (मुंबई )* *३)ज्ञानेश्वर ढाकरे (प्रेमऋतु )* *४) प्रमोद भुजबळ (मुंबई )* *५)निता अभयजी नहार (पालघर)* *६)गणेश अंबिके* *७)मुक्ता भुजबळ (पुणे)* *८)गणेश पाटील (पुणे )* *९)सिद्धेश शिंदे (मुंबई )* *१०)सिद्धेश सूर्यवंशी (मुंबई )* *१२)गुणवंत पाटील (पनवेल)* *अजून कोणाला या कार्यक्रमात सहभागी व्हायचं असेल तर 8104480885 या नंबरवर कॉल करून नाव नोंदवावं.* #अस्तित्व #कविप्रेमी #कवितेचामी #कवितेचालाडका #वेडाफक्तकवितेसाठी *निमंत्रक पत्रिका* *अभिनिर्मित आर्ट्स फाऊंडेशन प्रस्तुत "अस्तित्व"साथ तुमची प्रेरणा आमची पर्व तिसरे "शब्द कवींचे" या कार्यक्रमात आम्ही सर्व कवींचे स्वागत करत आहोत.कवींनी कुठे तरी चांगलं व्यासपीठ निर्माण व्हावं आणि कवींची लेखणी सतत उत्तम लेखन शैली बनावी हेच आमचं उद्दिष्ट.येत्या १४ जुलै २०१९ ला सकाळी ११ ते सायं ४ वाजेपर्यंत "शब्द कवींचे" कार्यक्रम बांद्रा मुंबई येथे *QTUBE कॅफे येथे घेत आहोत.तरी सर्व कवी आणि कविता प्रेमींनी या कार्यक्रमात नक्की सहभागी व्हा,आणि या कार्यक्रमात स्वतः कवी आणि प्रमुख
*निमंत्रक पत्रिका* *अभिनिर्मित आर्ट्स फाऊंडेशन प्रस्तुत "अस्तित्व"साथ तुमची प्रेरणा आमची पर्व तिसरे "शब्द कवींचे" या कार्यक्रमात आम्ही सर्व कवींचे स्वागत करत आहोत.कवींनी कुठे तरी चांगलं व्यासपीठ निर्माण व्हावं आणि कवींची लेखणी सतत उत्तम लेखन शैली बनावी हेच आमचं उद्दिष्ट.येत्या १४ जुलै २०१९ ला सकाळी ११ ते सायं ४ वाजेपर्यंत "शब्द कवींचे" कार्यक्रम बांद्रा मुंबई येथे *QTUBE कॅफे येथे घेत आहोत.तरी सर्व कवी आणि कविता प्रेमींनी या कार्यक्रमात नक्की सहभागी व्हा,आणि या कार्यक्रमात स्वतः कवी आणि प्रमुख #कविप्रेमी #कवितेचामी #कवितेचालाडका #वेडाफक्तकवितेसाठी
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 17 - सात्विक त्याग कार्यमित्येव यत्कर्म नियतं क्रियतेर्जुन। संगत्यक्त्वा फलं चैव स त्याग: सात्विको मत:।। (गीता 18।9)
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 ।।श्री हरिः।। 14 - कर्मण्येवाधिकारस्ते 'हमारा काम बहुत र्शीघ्र प्रगति करेगा।' बात यह है की कार्यारम्भ में ही आशा से अधिक सफलता मिली थी और इस सफलता ने श्री बद्रीप्रसादजी को उल्लसित कर दिया था। 'ग्राम-संगठन की ओर कोई ध्यान नहीं देता।' आज से एक सप्ताह पूर्व बद्रीप्रसादजी ने अपने एक मित्र के साथ मिलकर योजना बनायी। 'हम दोनों इस ओर लग जायें तो कार्य बहुत बड़ा नहीं है।'
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 2 - शरण या कृपा? 'मेरा लडका शरण चाहता है महाराणा।' गोस्वामी श्रीगोविन्दरायजी के नेत्र भर आये थे। उनका स्वागत- सत्कार हुआ था, उनके प्रति सम्मान अर्पित करनेमें महाराणाने कोई संकोच नहीं किया था, किंतु गोस्वामीजी को तो यह स्वागत-सम्मान नहीं चाहिय। उनके ह्रदय में जो दारुण वेदना है उसे शान्त करनेवाला आश्वासन चाहिय उन्हे। 'आज़ एक वर्षसे अधिक हो गया मेरे पुत्रको भटकते। यवन सत्ताधारी चमत्कार देखना चाहता है। चमत्कार कहाँ धरा है मेरे पास और मेरा नन्ह
read morePramod Thathola..
।। ग़लत कोई भी नहीं होता ।। हम अपने आप को जिस कीसी व्यक्ती के सामने जैसै प्रस्तुत करते हैं सामने वाला व्यक्ति उसी नजर से हमे देखता है और वैसे ही काम करना चाहता है अब हमें किस प्रकार किसी के सामने कैसे प्रस्तुत होना है ये हम पे निर्भर करता है....कीसी की अच्छाई का फायदा नहीं उठाना चाहिए।। कीसी की गरीबी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए ।। देर से ही सही मगर ।। याद रहे वक्त सबका बदलता है।। गलत को गलत कहना गलत नहीं होता।। वक्त पै वक्त के साथ सब बदलते है ।। गर दिखावे की मोहब्बत करना ही इश्क है ।। तो फिर ये गुण मुझमे भी क्यो नही आ जाते।। और नहीं कम्बकत उसे उसी की भाषा मे जवाब देना क्यु नहीं आ जाता मुझे।।। वो खेल जाती है feeling से मेरी और कर देती है।। ignore मुझे फिर जब मन करे खेलने का चली आती है ।। अब कैसे कहूं गलत वो है ।। लगता है गलत मै खुद ही हु।। जो उसे हर बार ये मौका देता हु।। सोचता हु वो खुश रहे इसी वास्ते हर बार उसके झुठ को सच समझने का झुठा नाटक करना पढता है #NojotoQuote ग़लत कोई भी नहीं होता #nojoto#love#story#life#masti#dil#hate#family Satyaprem Divya Jain Neha Mittal Sanjna Aarya Aliyå Ansari
Anil Siwach
।।श्री हरिः।। 15 - नहीं करेगा 'तू लाठी चलाना सीख ले।' वरूथप ने कहा। ब्रजराजकुमार को ही लाठी चलाना न आवे, यह कोई अच्छी बात है? गोपबालक को मल्लयुद्ध और लाठी चलाने में निपुण होना ही चाहिये। 'सिखायेगा तू?' कन्हाई प्रस्तुत हो गया है। इसका वेत्र-लकुट इस काम का नहीं है तो क्या हो गया। वरूथप ने ही इसे भद्रका लकुट ले लेने को कह दिया। भद्र, वरूथप, विशाल गोपकुमारों में सबसे अच्छी लाठी चलाते हैं। वैसे तो नन्हा तोक भी अब वेत्र-लकुट घुमाने लगा है; किन्तु कन्हाई इस आवश्यक कला की शिक्षा के लिये प्रस्तुत ही न #Books
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