Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best पत्रिका Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best पत्रिका Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about विनय पत्रिका क्या है, फोर्ब्स पत्रिका क्या है, गृहशोभा पत्रिका की कहानी, भित्ति पत्रिका संस्कृत में, विनय पत्रिका की भाषा,

  • 5 Followers
  • 24 Stories
    PopularLatestVideo

Rajeev namdeo "Rana lidhori"

मेरी मातृभाषा 'हिंदी' मेरी मातृ भाषा हिंदी है।
मैने एम.ए. हिंदी से किया है।
मेरी पांच पुस्तकें हिंदी मे प्रकाशित हो चुकी है।
मैने हिंदी मे लगभग तीन हजार कवितायें लिखी हैं।
मैं हिंदी में प्रकाशित पत्रिका "आकांक्षा " का विगत पंद्रह बर्षों से संपादक एवं प्रकाशन कर रहा हूं।
स्मरणीय हो कि आकांक्षा पत्रिका टीकमगढ़ जिले से प्रकाशित होने वाली एकमात्र साहित्यिक पत्रिका है।
मैंने अब तक २५३ कवि गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन
सफलता पूर्वक आयोजित कराये हैं।
मुझे अपनी हिंदी पर गर्व है।
&&&
@#राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
टीकमगढ़ (म.प्र.)
मोबाइल ९८९३५२०९६५ #हिंदी #मातृभाषा #मातृभाषा_हिंदी #राज_भाषा #राजीव_नामदेव #राना_लिधौरी #टीकमगढ़ #कवि #हिंदी_कवि #rajeev_namdeo #rana_lidhori

kashish

#नेमप्लेट . कितनी देर से कॉलबेल बज रही थी. आरोही अंदर बाथरूम में थी. दौड़कर उसने दरवाज़ा खोला. पोस्टमैन खड़ा था बाहर. “आरोही शर्मा का घर यही है?” उसने पूछा. “जी हां, यही है. मैं ही आरोही हूं.” “अच्छा-अच्छा, नमन शर्मा का नेमप्लेट देखा था बाहर. आप उनकी मिसेज़ होंगी. अगली बार से भेजनेवाले को बोलना पते में नमनजी का नाम अवश्य लिखें. ढूंढ़ने में परेशानी होती है. अब सब उन्हीं को जानते हैं न.” आज फिर आरोही को काम करते-करते देर हो गई थी. कितना भी जल्दी करो, काम बारह बजे के पहले ख़त्म ही नहीं होता. अभी थोड़ी देर

read more
 #नेमप्लेट
.
कितनी देर से कॉलबेल बज रही थी. आरोही अंदर बाथरूम में थी. दौड़कर उसने दरवाज़ा खोला. पोस्टमैन खड़ा था बाहर.
“आरोही शर्मा का घर यही है?” उसने पूछा.
“जी हां, यही है. मैं ही आरोही हूं.”
“अच्छा-अच्छा, नमन शर्मा का नेमप्लेट देखा था बाहर. आप उनकी मिसेज़ होंगी. अगली बार से भेजनेवाले को बोलना पते में नमनजी का नाम अवश्य लिखें. ढूंढ़ने में परेशानी होती है. अब सब उन्हीं को जानते हैं न.”
आज फिर आरोही को काम करते-करते देर हो गई थी. कितना भी जल्दी करो, काम बारह बजे के पहले ख़त्म ही नहीं होता. अभी थोड़ी देर

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11 ।।श्री हरिः।। 10 - नाम का मोह 'मुझे कोई आराधना बताइये! कोई भी अनुष्ठान बता दीजिये। मैं कठिन-से-कठिन अनुष्ठान भी कर लूंगा। महेश आज एक संत के पैर पकड़कर बैठ गया था। आस-पास के लोग कहते हैं कि मुनीश्वर महाराज सिद्ध संत हैं। वे जिसे जो बात कह देते हैं, वही हो जाती है। किसी को वे सीधे तो आशीर्वाद देते नहीं, कोई पूजा कोई पाठ, कोई अनुष्ठान बता देते हैं। लेकिन जिसे वे कुछ बता देते हैं, वह ठीक-ठीक उनकी आज्ञा का पालन करे तो उसका काम हो जाता है।

read more
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11

।।श्री हरिः।।
10 - नाम का मोह

'मुझे कोई आराधना बताइये! कोई भी अनुष्ठान बता दीजिये। मैं कठिन-से-कठिन अनुष्ठान भी कर लूंगा। महेश आज एक संत के पैर पकड़कर बैठ गया था।

आस-पास के लोग कहते हैं कि मुनीश्वर महाराज सिद्ध संत हैं। वे जिसे जो बात कह देते हैं, वही हो जाती है। किसी को वे सीधे तो आशीर्वाद देते नहीं, कोई पूजा कोई पाठ, कोई अनुष्ठान बता देते हैं। लेकिन जिसे वे कुछ बता देते हैं, वह ठीक-ठीक उनकी आज्ञा का पालन करे तो उसका काम हो जाता है।

Khushboo Jain ( मेरी कलम से )

नुक्कड़ की चाए भी क्या कमाल करती है
किसी की ठंड
किसी की तलव
तो किसी के बिछडे यार मिलाती है #NojotoQuote #सर्दी #nojoto #hindi #हिंदी #पत्रिका #चाए #नुक्कड़ #newspaper #quote #thought


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile