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saumya

खुशी का बर्थडे आने वाला था मैने सोचा बर्थडे पर खुशी को प्रपोज कर दूंगा आज खुशी का बर्थडे था मैने उसके लिए सबसे छुप के एक सरप्राइज प्लान किया था वहीं हमारे गार्डन में ..सब लोग खुशी को विश कर चुके थे एक मुझे छोड़ कर खुशी मुझसे नाराज थी क्युकी सुबह से उसे मिला तक नहीं था ना उसके बर्थडे पार्टी में गया था मैने उसका एक भी फोन नहीं रिसीव नी किया था शाम में 5 बजे मैने खुशी को msg गार्डन में आ जाओ nhi aayugi उसने कहा tumhe meri Kasam hai मैने कहा खुशी गार्डन में अाई देखते ही सरप्राइज हो गई ब्यूटीफुल

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इत्तेफ़ाक ए इश्क़ 
love story
last part खुशी का बर्थडे आने वाला था मैने सोचा बर्थडे पर खुशी को प्रपोज कर दूंगा 
आज खुशी का बर्थडे था मैने उसके लिए सबसे छुप के एक सरप्राइज प्लान किया था वहीं हमारे गार्डन में ..सब लोग खुशी को विश कर चुके थे एक मुझे छोड़ कर खुशी मुझसे नाराज थी क्युकी सुबह से उसे मिला तक नहीं था ना उसके बर्थडे पार्टी में गया था मैने उसका एक भी फोन नहीं रिसीव नी किया था शाम में 5 बजे मैने खुशी को msg गार्डन में आ जाओ nhi aayugi उसने कहा 
 tumhe meri Kasam hai मैने कहा खुशी गार्डन में अाई 
देखते ही सरप्राइज हो गई  ब्यूटीफुल

खामोशी और दस्तक

राज ये भूल गया उसे अभी पढ़ने का वक्त मिला था ... वो बस अपनी ही दुनिया मे खोया था , और उस वक्त उसकी दुनिया थी archu ...... ' ' सब अपनी शीट सब्मिट कर दो और अपने ग्रूप के हिसाब से जाना ' ' सर ने kha ग्रूप A आशा .....और सर ने नाम लेना शुरू किया । एक ग्रुप मे 8students थे और राज का ग्रूप था D , सर ने सबसे शीट ले ली , और टेबल पर रख दी फिर कुछ याद आया उन्हें, कुछ ढूंढने लगे वो ,सारी class पर नज़र दौड़ाई उन्होने फ़िर थोड़े परेशान हो गए सारी class एकदम शांत हो चुकी थी सब सर की ओर देख रहे थे और इंतज़ार कर

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ishq hai tumse he #NojotoQuote राज ये भूल गया उसे अभी पढ़ने का वक्त मिला था ...
वो बस अपनी ही दुनिया मे खोया था , और उस वक्त उसकी दुनिया थी archu ......
' ' सब अपनी शीट सब्मिट कर दो और अपने ग्रूप के हिसाब से जाना ' ' सर ने kha 
ग्रूप A आशा .....और सर ने नाम लेना शुरू किया । एक ग्रुप मे 8students थे और राज का ग्रूप था D , 
सर ने सबसे शीट ले ली , और टेबल पर रख दी फिर कुछ याद आया उन्हें, कुछ ढूंढने लगे वो ,सारी class पर नज़र दौड़ाई उन्होने फ़िर थोड़े परेशान हो गए सारी class एकदम शांत हो चुकी थी सब सर की ओर देख रहे थे और इंतज़ार कर

Ajay Amitabh Suman

हिप हिप हुर्रे पिछले एक घंटे से उसके हाथ मोबाइल पर जमे हुए थे। पबजी गेम में उसकी शिकारी निगाहें दुश्मनों को बड़ी मुश्तैदी से साफ कर रहीं थी। तकरीबन आधे घंटे की मशक्कत के बाद वो जोर जोर से चिल्लाने लगा। हुर्रे, हुर्रे, हिप हिप हुर्रे। आखिकार लेबल 30 पार कर हीं लिया। डेढ़ घंटे की जद्दोजहद के बाद उसने पबजी गेम का 30 वां लेबल पार कर लिया था। उसी जीत का जश्न मना रहा था। हुर्रे, हुर्रे, हिप हिप हुर्रे। कड़ी मेहनत के बाद फ्लैट की बॉलकोनी में जाकर आती जाती कारों को निहारने लगा। एक कार, फिर दूसरी, फिर त

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हिप हिप हुर्रे
पिछले एक घंटे से उसके हाथ मोबाइल पर जमे हुए थे। पबजी गेम में उसकी शिकारी निगाहें दुश्मनों को बड़ी मुश्तैदी से साफ कर रहीं थी। तकरीबन आधे घंटे की मशक्कत के बाद वो जोर जोर से चिल्लाने लगा। हुर्रे, हुर्रे, हिप हिप हुर्रे। आखिकार लेबल 30 पार कर हीं लिया।  डेढ़ घंटे की जद्दोजहद के बाद उसने पबजी गेम का 30 वां लेबल पार कर लिया था। उसी जीत का जश्न मना रहा था। हुर्रे, हुर्रे, हिप हिप हुर्रे।
 
कड़ी मेहनत के बाद फ्लैट की बॉलकोनी में जाकर आती जाती कारों को निहारने लगा। एक कार, फिर दूसरी, फिर त

Ajay Amitabh Suman

नमक बेईमानी का अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्री में कपड़ों को बनवा कर चीन भेज देते। इस काम में अरोड़ा साहब को बहुत मुनाफा होता था। उनकी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट में बहुत बड़ी पहुंच थी। अरोड़ा साहब इस बात का बराबर ख्याल रखते कि दिवाली या नए वर्ष के समय एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के सरकारी कर्मचारियों के पास बख्शीश समय पर पहुंच जाए। ये अरोड़ा साहब

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 नमक बेईमानी का


अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्री में कपड़ों को बनवा कर चीन भेज देते। इस काम में अरोड़ा साहब को बहुत मुनाफा होता था। उनकी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट में बहुत बड़ी पहुंच थी। अरोड़ा साहब इस बात का बराबर ख्याल रखते कि दिवाली या नए वर्ष के समय एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के सरकारी कर्मचारियों के पास बख्शीश समय पर पहुंच जाए। ये अरोड़ा साहब

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