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Ek villain
भारतीय संस्कृति के पर्याप्त श्रीराम शीर्षक से आलेख में ग्रीवर में सजीव रामगढ़ का जिक्र किया है वह अत्यंत ही सुखद और साथ-साथ व्यक्ति को चिंता मुक्त सुकून देने वाला रामायण में गठित हर प्रसंग कोई न कोई संदेश अवश्य देता है बस यही मनुष्य पर निर्भर करता है कि हमें राम कथा को किस भाव से ग्रहण करता है देश की प्रेरणा सोत्र अब्दुल कलाम ने भी कहा था कि रामायण सच्ची है रामायण अच्छी है हर दुनिया को गर्व होना चाहिए कि वह उस मृत्य भूमि में पैदा हुए जहां स्वयं जगदीश ने जन्म श्री राम जी नारायण के अवतार थे और बारहवीं कलाओं को धारण करने वाले थे उन्होंने कभी अपनी शक्ति का प्रचार नहीं किया सदैव एक सामान्य मनुष्य बन कर जीवन जी तेरा ही इसका ही मुख्य कारण था कि वह समाज को मानव शक्ति से अवगत कराना चाहते थे पुराने दौर में बनी रामायण आज भी लोगों को केवल इसलिए पसंद आ रहे हैं क्योंकि रामकथा का रस उसमें झलकता है यह रामायण गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस को लेकर खासकर बनाई गई थी ©Ek villain #प्राणियों को संतुष्टि देता है राम का नाम #patience
Anil Siwach
POONARAM CHOUDHARY
मन और मंज़िल लोगों के साथ सलूक करते वक्त याद रखिये कि आप तर्कशील प्राणियों के साथ नहीं, बल्कि भावनात्मक प्राणियों के साथ काम कर रहे हैं । #ManAurManzil
DASS BITTU KUMAR
"बकरीद मनाना अल्लाह का आदेश नहीं" #stopeatersaresinners जी हां, बकरीद मनाना अल्लाह का आदेश नहीं है। ये वर्तमान के मुल्ला काज़ियों द्वारा अपने जीभ के स्वाद के लिए भोले मुसलमान समाज से किया धोखा है। इसका प्रमाण इस प्रकार है:- हज़रत मुहम्मद जी की जीवनी में प्रमाण है कि उन्होंने तथा उनके एक लाख अस्सी हज़ार सीधे अनुयायियों ने कभी मांस को हाथ तक नहीं लगाया, उन्होंने कभी किसी पशु को हलाल नहीं किया। एक हदीस पुस्तक में हज़रत मुहम्मद जी कहते हैं,
DASS BITTU KUMAR
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DASS BITTU KUMAR
DASS BITTU KUMAR
"बकरीद मनाना अल्लाह का आदेश नहीं" #stopeatersaresinners जी हां, बकरीद मनाना अल्लाह का आदेश नहीं है। ये वर्तमान के मुल्ला काज़ियों द्वारा अपने जीभ के स्वाद के लिए भोले मुसलमान समाज से किया धोखा है। इसका प्रमाण इस प्रकार है:- हज़रत मुहम्मद जी की जीवनी में प्रमाण है कि उन्होंने तथा उनके एक लाख अस्सी हज़ार सीधे अनुयायियों ने कभी मांस को हाथ तक नहीं लगाया, उन्होंने कभी किसी पशु को हलाल नहीं किया। एक हदीस पुस्तक में हज़रत मुहम्मद जी कहते हैं,
DASS BITTU KUMAR
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DASS BITTU KUMAR
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DASS BITTU KUMAR
"बकरीद मनाना अल्लाह का आदेश नहीं" #stopeatersaresinners जी हां, बकरीद मनाना अल्लाह का आदेश नहीं है। ये वर्तमान के मुल्ला काज़ियों द्वारा अपने जीभ के स्वाद के लिए भोले मुसलमान समाज से किया धोखा है। इसका प्रमाण इस प्रकार है:- हज़रत मुहम्मद जी की जीवनी में प्रमाण है कि उन्होंने तथा उनके एक लाख अस्सी हज़ार सीधे अनुयायियों ने कभी मांस को हाथ तक नहीं लगाया, उन्होंने कभी किसी पशु को हलाल नहीं किया। एक हदीस पुस्तक में हज़रत मुहम्मद जी कहते हैं,