Find the Best किं Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about अमित्रस्य किं न भवति, अधनस्य किं न अस्ति, कूर्मस्य किं नाम आसीत्, कवि वाणी किं कथयति, सततं किं करणीयम् 1 point,
sudhanshu
|अथ देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम् || devi apradh kshama stotram :- न मन्त्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहो न चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथाः | न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनं परं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ||१|| विधेरज्ञानेन द्रविणविरहेणालसतया विधेयाशक्यत्वात्तव चरणयोर्या च्युतिरभूत् | तदेतत् क्षन्तव्यं जननि सकलोद्धारिणि शिवे कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ||२|| पृथिव्यां पुत्रास्ते जननि बहवः सन्ति सरलाः परं तेषां मध्ये विरलतरलोऽहं तव सुतः | मदीयोऽयं त्यागः समुचितमिदं नो तव शिवे कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ||३|| जगन्मातर्मातस्तव चरणसेवा न रचिता न वा दत्तं देवि द्रविणमपि भूयस्तव मया | तथापि त्वं स्नेहं मयि निरुपमं यत्प्रकुरुषे कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ||४|| परित्यक्ता देवा विविधविधसेवाकुलतया मया पञ्चा शीतेरधिकमपनीते तु वयसि | इदानीं चेन्मातस्तव यदि कृपा नापि भविता निरालम्बो लम्बोदरजननि कं यामि शरणम् ||५|| श्वपाको जल्पाको भवति मधुपाकोपमगिरा निरातङ्को रङ्को विहरति चिरं कोटिकनकैः | तवापर्णे कर्णे विशति मनु वर्णे फलमिदं जनः को जानीते जननि जननीयं जपविधौ ||६|| चिताभस्मालेपो गरलमशनं दिक्पटधरो जटाधारी कण्ठे भुजगपतिहारी पशुपतिः | कपाली भूतेशो भजति जगदीशैकपदवीं भवानि त्वत्पाणिग्रहणपरिपाटीफलमिदम् ||७|| न मोक्षस्याकांक्षा भवविभववाञ्छापि च न मे न विज्ञानापेक्षा शशिमुखि सुखेच्छापि न पुनः | अतस्त्वां संयाचे जननि जननं यातु मम वै मृडानी रुद्राणी शिव शिव भवानीति जपतः ||८|| नाराधितासि विधिना विविधोपचारैः किं रुक्षचिन्तनपरैर्न कृतं वचोभिः | श्यामे त्वमेव यदि किञ्चन मय्यनाथे धत्से कृपामुचितमम्ब परं तवैव ||९|| आपत्सु मग्नः स्मरणं त्वदीयं करोमि दुर्गे करुणार्णवेशि | नैतच्छठत्वं मम भावयेथाः क्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ||१०|| जगदम्ब विचित्र मत्र किं परिपूर्णा करुणास्ति चेन्मयि | अपराधपरम्परापरं न हि माता समुपेक्षते सुतम् ||११|| मत्समः पातकी नास्ति पापघ्नी त्वत्समा न हि | एवं ज्ञात्वा महादेवि यथायोग्यं तथा कुरु ||१२|| ॐ ||
suru
समझो प्यार है। जब लब्ज़ तो हो पर ज़ुबा ना हो तो समझो प्यार है । जब धडकन उसकी चले और धक धक तुम्हे सुनाई दे । तो समझो प्यार है। जब देख वो रहा हो तुम्हे और तुम्हे लगे किं पुरी कायनात निहार रही है तुम्हे तो समझो प्यार है। तुम तो सोचते रहते हो सारा दिन उसे पर उसके एक बार याद कर लेने पर तुम्हे दुनिया किं सारि खुसी मिल जाती है,तो समझो कि प्यार है। हा लिखते थे ना तुम हर कॉपी के लास्ट पनने पर नाम खुद का , पर अब लिखते हो साथ मे उसका भी नाम , तो समझो कि प्यार है। सुनने वाले तो कही है तुम्हे ,पर जबरदस्ती से सुनाना चाहते हो उसी को अपनी हर एक बात ,तो समझो कि प्यार है। उसके रुट जाने पर मनाते नही ,पर खुद से खुद भी रूट जाते हो , वो चलता नही साथ सफर में ,तो तुम भी ठहर जाते हो, और वो फिर भी उठा के देख ले बस एक नज़र तो तुम भी सवार जाते हो । उसके लिए दोस्तो को छोड़ दिया और उसके साथ खुद को भी भूल जाते हो । तो समझो प्यार हैं। हा सच्चा प्यार है तुम्हे😢 प्यार है तुम्हे #mann#suru
sanskritwala {Ankit mishra}
।।लेखकः।। भवति लेखकः सैव यः चिन्तयति। सर्वदा सर्वकार्ये स्व मतं द्योतयति। बोधयति किं ऋतमनृतमस्ति किं। सः सदास्मान् च राष्ट्रं पथं दर्शयति।। #NojotoQuote #defination_of_writer
no writings
हाँ मैं सुकून की तलाश में टूटी कलम भी चला जाती हूँ टूटी चीजों में भी एक दिल बेजोड़ रखा है ये तो ठीक उसी प्रकार एक परिवार का हिस्सा है पुरानी चीज़ों को कैसे जज़्बात जोड़ रखा है वो कुर्सी को भी युगों तक संभाल रखा है किं किं बेजान सी ध्वनि फिर हिलती ढुलती एक पुरानी कुर्सी से आज फिर बुज़ुर्ग ने दिल से जुड़वा रखा है हाँ सुकून की तलाश में टूटी कुर्सी भी झूल जाती हूँ hittika #NojotoQuote #oldthings #memories #hindipoetry #hindi #hindiwriters #nojoto
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