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Prakash Shukla

प्रकाश

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2 Years of Nojoto अरे...................... किस्मत की लकीरें मेंटने वालों जाकर किस्मत निर्माण करो
कुछ अपने अपने कर्मों को बदलो या दीन दुखियों का परित्राण करो
किस्मत की लकीरें मेंटने वालों तुम लगे रहो मजधारों में
क्या पश्चिम कोई सूर्य निकलता या पागल बिकते बाजारों मे
या चन्द्र कभी पूरब मे उगकर ढलता जाकर पश्चिम मे
या सागर की लहरें उत्तर मे उठकर जा कर गिरती दक्षिण में
सागर मे मोती सा बनकर देखो कहीं शीप न बन जाओ तुम
या छोड़ दो सारी पीड़ाओं को या आप विदित हो जाओ तुम
अरे .............................किस्मत की लकीरें मेंटने वालों जाकर किस्मत निर्माण करो
कुछ अपने अपने कर्मों को बदलो या दीन दुखियों का परित्राण करो
ताप की तपिश मे तपकर लोहा सुन्दर सुयश सुडौल बना
सरस जल पीने हेतु धरती मे अद्भूत उत्कृष्ट भूगोल बना
जलते अंगारों ने भी जगह बनाई उपजे धरती माँ की कोख से
तुम भी कुछ ऐसे कदम बढ़ाओ सब दुःखों को जाओ सोख से
अरे किस्मत की लकीरे मेंटने वालों जाकर जीवन मे प्राण भरो
अपने जीवन मे प्राण भरो या दीन दुखियों का कल्याण करो
अरे ............................किस्मत की लकीरें मेंटने वालों जाकर किस्मत निर्माण करो
कुछ अपने अपने कर्मों को बदलो या दीन दुखियों का परित्राण करो
प्रकाश प्रकाश

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 10 – अनुगमन 'ठहरो!' जैसे किसी ने बलात्‌ पीछे से खींच लिया हो। सचमुच दो पग पीछे हट गया अपने आप। मुख फेरकर पीछे देखना चाहा उसने इस प्रकार पुकारने वाले को, जिसकी वाणी में उसके समान कृतनिश्चयी को भी पीछे खींच लेने की शक्ति थी। थोड़ी दूर शिखर की ओर उस टेढ़े-मेढ़े घुमावदार पथ से चढ़कर आते उसने एक पुरुष को देख लिया। मुण्डित मस्तक पर तनिक-तनिक उग गये पके बालों ने चूना पोत दिया था। यही दशा नासिका और उसके समीप के कपाल के कुछ भागों कों छोड़कर शेष मु

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
10 – अनुगमन

'ठहरो!' जैसे किसी ने बलात्‌ पीछे से खींच लिया हो। सचमुच दो पग पीछे हट गया अपने आप। मुख फेरकर पीछे देखना चाहा उसने इस प्रकार पुकारने वाले को, जिसकी वाणी में उसके समान कृतनिश्चयी को भी पीछे खींच लेने की शक्ति थी।

थोड़ी दूर शिखर की ओर उस टेढ़े-मेढ़े घुमावदार पथ से चढ़कर आते उसने एक पुरुष को देख लिया। मुण्डित मस्तक पर तनिक-तनिक उग गये पके बालों ने चूना पोत दिया था। यही दशा नासिका और उसके समीप के कपाल के कुछ भागों कों छोड़कर शेष मु


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