Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best थिरक Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best थिरक Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about थिरकना का समानार्थी शब्द, थिरकना का अर्थ, थिरकी का अर्थ, थिरकना का मतलब, थिरकना का इंग्लिश मीनिंग,

  • 3 Followers
  • 30 Stories

Mo k sh K an

जाने कौन ये बदरा काले क्या क्या ले कर आए हैं 
उम्मीदों के पैर हवा हैं पानी के फाहे हैं 

जाने कौन ये करवट बदलें और तूफ़ाँ बन जाएँ 
थिरक थिरक कर आसमान पर ऐसे ही छन जाएँ 

मुट्ठी में हैं जब तक पासे, तब तक ही हमसाये हैं 
जाने कौन ये बदरा काले क्या क्या ले कर आए हैं #बदरा #tassavuf #skand #mera_aks_paraya_tha #मेरा_अक्स_पराया_था

S Ram Verma (इश्क)

#OpenPoetry गवाह बनना चाहता हूँ !

मैं चाहता हूँ बनना गवाह 
हमारे उन्मुक्त देह-संगम का 
मैं चाहता हूँ बनना गवाह 
उस परिवर्तन का जिसमे 
परिवर्तित होते देख सकूँ  
एक हिरणी को सिंघनी होते 
मैं चाहता हूँ बनना गवाह
प्रथम छुवन के स्पंदन का 
जो अभिव्यक्त कर सके 
तुम्हारी इंतज़ार करती 
धड़कनो की गति को 
मैं चाहता हूँ बनना गवाह
तुम्हारी तपती देह की से 
उठती उस तपन का जो 
पिघला दे लौह स्वरुप मेरे 
मैं को अपनी उस तपन से 
मैं चाहता हूँ बनना गवाह 
तुम्हारे होठों को थिरक थिरक 
कर यु बार बार लरजते देखने का 
मैं चाहता हु बनना गवाह
तुम्हारी उष्ण देह से निकलती 
कराहों को अपने कानो से सुनकर 
अपनी आँखों से देख सकूँ  
ठन्डे होते उसी तुम्हारे उष्ण 
देह को जिससे निकले तृप्ति 
का वो कम्पन जिसे पाकर 
तुम हो जाओ पूर्ण ! #मैं #चाहता #हूं #गवाह #बनना

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 13 - ज्ञानी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।। कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।।

read more
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9

|| श्री हरि: ||
13 - ज्ञानी

आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।।
कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।।

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 13 - ज्ञानी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।। कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।। 'तुम काश्मीर से स्वास्थ्य सुधार आये?' श्रीस्वामीजी ने समीप बैठे एक हृष्ट-पुष्ट संम्भ्रान्त नवयुवक से पूछा। 'जी, अभी परसों ही घर लौटा हूँ। लगभग छ: महीने लग गये वहाँ। बड़ा रमणीक प्रदेश है।' युवक संभवत: बहुत कुछ कहना चाहता था। #Books

read more
|| श्री हरि: ||
13 - ज्ञानी

आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।।
कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।।

'तुम काश्मीर से स्वास्थ्य सुधार आये?' श्रीस्वामीजी ने समीप बैठे एक हृष्ट-पुष्ट संम्भ्रान्त नवयुवक से पूछा।
'जी, अभी परसों ही घर लौटा हूँ। लगभग छ: महीने लग गये वहाँ। बड़ा रमणीक प्रदेश है।' युवक संभवत: बहुत कुछ कहना चाहता था।


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile