Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best पकड Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best पकड Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about तेवढी पकड के चला, पकड के तुने, पकड कशाला म्हणतात,

  • 3 Followers
  • 26 Stories

ASH WRITES (AMIT)

मैं दुर रहता हूँ उससे तो चैन से वो भी कहा रहती है... भुखा मैं रहता हूँ तो नींद उसे भी कहाँ आती है.. ... एक माँ ही तो है जो मेरी हर बात समझ जाती हैं.. वो गुस्से में हो तो दो चाँटे भी लगाती है.. जब प्यार आता है तो अपने हाथो से खाना भी खिलाती है. एक माँ ही तो है जो मेरी हर बात जान जाती है.. मैं स्कुल जाते वक्त रो देता था उसकी साडी पकड कर.. वो भीगी पलको से फ़िर भी स्कुल छोड आती थी..

read more
कुछ लिखा है माँ ओर बेटे के लिए जो बच्चे अपनी माँ से दुर रहते हैं उनके लिए तो caption पढिए ओर बताए केसी लगी 💖😊 मैं दुर रहता हूँ उससे तो चैन से वो भी कहा रहती है... 
भुखा मैं रहता हूँ तो नींद उसे भी कहाँ आती है.. ... 
एक माँ ही तो है जो मेरी हर बात समझ जाती हैं.. 
वो गुस्से में हो तो दो चाँटे भी लगाती है.. 
जब प्यार आता है तो अपने हाथो से खाना भी खिलाती है. 
एक माँ ही तो है जो मेरी हर बात जान जाती है.. 
मैं स्कुल जाते वक्त रो देता था उसकी साडी पकड कर.. 
वो भीगी पलको से फ़िर भी स्कुल छोड आती थी..

Dr.Supriya

#poem

read more
गोफनेतून दगडाची पकड सुटावी 
तशी कवी मनासमोर शब्द नाचावी...
शब्दं ते कदाचित अवघडलेलेे असावी 
आणि शब्दानिही पावलोपावली चपळाई करावी ...
मेघमालेतून वीजही लखलखावी
अन् कल्पनामय काव्य कागदावरती  नकळत उत२ावी 
दिवस-रात्र् आशयाने बोलावी 
बासरीचे सुमधुर सुर दाटावी...
तत्परतेने मनाचे शब्दकवाडे उघडावी 
मंतरलेल्या ओळीत क्षण मोहरावी...
सावरलेल्या त्या क्षणात कोडी पडावी  
आभासातील कल्पनांना पाझर फुटावी...
शब्दाची पकड जुळवत मन मिश्रणाची संबळी बांधावी 
लेखणीने  भन्नाट काव्य टिपत जावी 
दोनाच्या चार ओळीत पंक्ती भासावी .......

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 26 - सेवा इस कन्हाई की सेवा ही सबसे अटपटा काम है। इसने तो जैसे छठी में से सीखा है कि सेवा इसी को करनी है - सबकी करनी है और इसकी सेवा करने का प्रयत्न करो तो ऐसे टरका देता है कि मत पूछो बात। धर-पकड कर इसकी सेवा करनी पड़ती है। नन्हा था तब से बाबा के कहने से पूर्व उनके वस्त्र लोटा या लकुट अथवा दोहनी सिर पर रख कर उसके पास पहुंचता था - 'बाबा! तुम स्नान करोगे? पूजा करोगे? गोचारण को जाओगे। गाय दुहोगे?' जब इसे जो सूझ जाय तब मानो बाबा को वही करना है। कोई ऋषि-मुनि या ब्राह्माण भवन में पध

read more
|| श्री हरि: ||
26 - सेवा

इस कन्हाई की सेवा ही सबसे अटपटा काम है। इसने तो जैसे छठी में से सीखा है कि सेवा इसी को करनी है - सबकी करनी है और इसकी सेवा करने का प्रयत्न करो तो ऐसे टरका देता है कि मत पूछो बात। धर-पकड कर इसकी सेवा करनी पड़ती है।

नन्हा था तब से बाबा के कहने से पूर्व उनके वस्त्र लोटा या लकुट अथवा दोहनी सिर पर रख कर उसके पास पहुंचता था - 'बाबा! तुम स्नान करोगे? पूजा करोगे? गोचारण को जाओगे। गाय दुहोगे?' जब इसे जो सूझ जाय तब मानो बाबा को वही करना है।

कोई ऋषि-मुनि या ब्राह्माण भवन में पध


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile