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Anupam Tiwari
Prashant Yaduvanshi
वो सगे भाई नहीं होते, फिर भी भाई कहलाते हैं। उनसे ख़ून का रिश्ता भी नहीं होता, फिर भी ख़ून जैसा रिश्ता निभाते हैं। एक दिन भी अच्छा नहीं लगता, बिना बात किये हुए जिनसे। वो रिश्ते में हमारे "दोस्त" कहलाते हैं।
✍️ रोहित
भारत के जवान देशभक्ति वाली आग सीने में समेट कर, पत्थरों को तोड़ चूर-चूर कर आते हैं। देश को ज़रूरत जो पड़ती है ख़ून की तो, वक्ष चीर कर ख़ून अपना बहाते हैं। देश के जवान कभी मरने से डरते न, सीना तान यमराज से भी टकराते हैं। माता भारती के स्वाभिमान को बचाने हेतु, शत्रुओं का भी कपाल फ़ाड़ कर लाते हैं।।
उनकी याद में
Night sms quotes messages in hindi जो अल्फ़ाज़ तुमने हैं पढ़े है वो फ़साना-ए-दिल मेरा कभी ख़ून में सना हुआ कभी ख़ून से लिखा हुआ। #NojotoQuote
Satyaprem Upadhyay
जब तक ख़ून का एक भी कतरा है मेरे शरीर में मैं लड़ता रहूँगा और जब ख़ून खत्म हो जाएगा तो हड्डियों को पिघलाक़े ख़ून बनाऊंगा और फ़िर लड़ता रहूँगा #NojotoQuote
Shivam Nahar
हिस्सों से, हर किस्सों से, आती है बू अब गंदी सी, कहाँ गयी तस्वीर बनी थी, अहिंसा के संधि की, नंगे भूखे आज भी हैं, इस देश के बच्चे सड़को पर, गांगा माँ को आज शर्म है, देखो अपने लड़कों पर, अब तो बस है ख़ून खौलता, पाकिस्तान के नारों पर, पूरा जोश दिखाते हैं हम, सोशल मीडिया की दीवारों पर, ये कैसा है राष्ट्रप्रेम और कैसी ये कहानी है, कन्हैया हुआ है राष्ट्रद्रोही और खालिद पाकिस्तानी है...!!! (full poetry in caption 👇👇🙂) भारत #RDV18 #nojoto full poetry.....👇 आर्यावर्त की इस धरती पर, कुछ तो फूल चमन के थे, शौर्य-शक्ति के, वीर-भक्ति के, कुछ तो गीत अमन के थे, बारह सौ सालों में, ना जाने कहाँ-से-कहाँ आ गए हम,
Vijay Kumar Sharma
आखिर ऐसा क्यों होता है? कि मच्छर के एक बाइट में थोड़ा सा ख़ून पीने से बचे हुए में ख़ून इतना उबाल आता है कि वह मच्छर को हाथ से कुचलकर या ऑल आउट लगाकर ही ठंडा हो पाता है। मेरे संदर्भ में दूसरा पहलू यह भी है कि कुछ लिख कर भड़ास निकालने से भी कुछ हद तक ठंडा किया जा सकता है लेकिन कुछ हद तक पूर्णतया नहीं । सुबह सुबह भी मच्छर अनछुआ न छोड़ते मुझे, जबकी कहते आये हैं लोग थोड़ा कड़वा मुझे, मच्छरों ने जब भी काटा पहले चेताया मुझे, उनकी ये अदा ही है जिसने थोड़ा भरमाया मुझे, ख़तरे का पता होने पर भी कर्म किया बताकर, अभी हमने देखें हैं ऐसे, जो कुछ नहीं बताते ख़ता कर। आखिर ऐसा क्यों होता है? Satyaprem Mukesh Poonia Dalchand Neha Mittal Rajat Singh
Vijay Kumar Sharma
Shivam Nahar
Shahid Arman khanabadosh
अभी कुछ काम करने हैं, अभी वादे अधूरे हैं! अभी मंज़िल भी राही है, अभी रस्ते ही मेरे हैं! अभी कुछ दिन मैं अपनी शोखियों को ताक पे रख के, चला जाता हूँ सबसे दूर ऐसी राह पे चलके, के जिसपे कम ही चलते हैं वो जो कलियों के आशिक़ हैं! वो जो ग़ज़लों में अपने, हुस्न का दीदार करते हैं!! मेरा रस्ता नही है वो! मेरी तो रूह ज़ख़्मी है! मैं काँटो की कहानी ख़ून से लिखने का क़ायल हूँ!! मेरी नज़रों में अब भी घूमती हैं वो तेरी नज़रें, वो उम्मीदों भरी नज़रें, जो मुझसे कह रही थीं कुछ! जो मुझसे दर्दे दिल के वास्ते मरहम की तालिब थीं!! के कैसे इन नज़ारों में बहारों में मैं खो जाऊँ! तेरी उम्मीदों के दरिया में मैंने ग़र्क कर दी है वो खिलते फूल की शोखी, बड़ी प्यारी थी मुझको जो!! मेरा रस्ता नही है वो! मैं काँटो की कहानी ख़ून से लिखने का क़ायल हूँ!! #mylastb4IAS #CUinDPF #WRITE2INSPIRE #LIVE2LEAD #DPF #DUA4MEINCOMMENTS 😇