Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best ख़ून Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best ख़ून Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about

  • 8 Followers
  • 109 Stories

Anupam Tiwari

#नज़र जमी है #तारों पर, चलना है #अंगारों पर.. #ज़ख़्म दिए सब #फूलों ने, #तोहमत आई ख़ारों पर.. #घर, घरवालों ने लूटा, #शक है पहरेदारों पर.. गुम-सुम #पँछी बैठे हैं, सब #बिजली के तारों पर..

read more

Satyaprem Upadhyay

read more
जब तक ख़ून का एक भी कतरा 
है मेरे शरीर में
मैं लड़ता रहूँगा

और जब ख़ून खत्म हो जाएगा
तो हड्डियों को पिघलाक़े
ख़ून बनाऊंगा

और फ़िर लड़ता रहूँगा

 #NojotoQuote

Vijay Kumar Sharma

आखिर ऐसा क्यों होता है? Satyaprem Mukesh Poonia Dalchand Neha Mittal Rajat Singh

read more
आखिर ऐसा क्यों होता है?
कि मच्छर के एक बाइट में थोड़ा सा ख़ून पीने से बचे हुए में ख़ून इतना उबाल आता है कि वह मच्छर को हाथ से कुचलकर या ऑल आउट लगाकर ही ठंडा हो पाता है।
मेरे संदर्भ में दूसरा पहलू यह भी है कि कुछ लिख कर भड़ास निकालने से भी कुछ हद तक ठंडा किया जा सकता है लेकिन कुछ हद तक पूर्णतया नहीं ।

सुबह सुबह भी मच्छर अनछुआ न छोड़ते मुझे,
जबकी कहते आये हैं लोग थोड़ा कड़वा मुझे,
मच्छरों ने जब भी काटा पहले चेताया मुझे,
उनकी ये अदा ही है जिसने थोड़ा भरमाया मुझे,
ख़तरे का पता होने पर भी कर्म किया बताकर,
अभी हमने देखें हैं ऐसे, जो कुछ नहीं बताते ख़ता कर। आखिर ऐसा क्यों होता है?
Satyaprem Mukesh Poonia Dalchand Neha Mittal Rajat Singh

Vijay Kumar Sharma

आखिर ऐसा क्यों होता है? आखिर ऐसा क्यों होता है? कि मच्छर के एक बाइट में थोड़ा सा ख़ून पीने से बचे हुए में ख़ून इतना उबाल आता है कि वह मच्छर को हाथ से कुचलकर या ऑल आउट लगाकर ही ठंडा हो पाता है। मेरे संदर्भ में दूसरा पहलू यह भी है कि कुछ लिख कर भड़ास निकालने से भी कुछ हद तक ठंडा किया जा सकता है लेकिन कुछ हद तक पूर्णतया नहीं । सुबह सुबह भी मच्छर अनछुआ न छोड़ते मुझे, जबकी कहते आये हैं लोग थोड़ा कड़वा मुझे, मच्छरों ने जब भी काटा पहले चेताया मुझे,

read more
आखिर ऐसा क्यों होता है?
आखिर ऐसा क्यों होता है?
कि मच्छर के एक बाइट में थोड़ा सा ख़ून पीने से बचे हुए में ख़ून इतना उबाल आता है कि वह मच्छर को हाथ से कुचलकर या ऑल आउट लगाकर ही ठंडा हो पाता है।
मेरे संदर्भ में दूसरा पहलू यह भी है कि कुछ लिख कर भड़ास निकालने से भी कुछ हद तक ठंडा किया जा सकता है लेकिन कुछ हद तक पूर्णतया नहीं ।

सुबह सुबह भी मच्छर अनछुआ न छोड़ते मुझे,
जबकी कहते आये हैं लोग थोड़ा कड़वा मुझे,
मच्छरों ने जब भी काटा पहले चेताया मुझे,

Shahid Arman khanabadosh

अभी कुछ काम करने हैं, अभी वादे अधूरे हैं!
अभी मंज़िल भी राही है, अभी रस्ते ही मेरे हैं!
अभी कुछ दिन मैं अपनी शोखियों को ताक पे रख के, चला जाता हूँ सबसे दूर ऐसी राह पे चलके, के जिसपे कम ही चलते हैं वो जो कलियों के आशिक़ हैं! वो जो ग़ज़लों में अपने, हुस्न का दीदार करते हैं!!
मेरा रस्ता नही है वो! मेरी तो रूह ज़ख़्मी है!
मैं काँटो की कहानी ख़ून से लिखने का क़ायल हूँ!!
मेरी नज़रों में अब भी घूमती हैं वो तेरी नज़रें, वो उम्मीदों भरी नज़रें, जो मुझसे कह रही थीं कुछ!
जो मुझसे दर्दे दिल के वास्ते मरहम की तालिब थीं!!
के कैसे इन नज़ारों में बहारों में मैं खो जाऊँ!
तेरी उम्मीदों के दरिया में मैंने ग़र्क कर दी है वो खिलते फूल की शोखी, बड़ी प्यारी थी मुझको जो!!
मेरा रस्ता नही है वो!
मैं काँटो की कहानी ख़ून से लिखने का क़ायल हूँ!!
 #mylastb4IAS #CUinDPF #WRITE2INSPIRE #LIVE2LEAD #DPF #DUA4MEINCOMMENTS 😇

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile