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Shalini Nigam

रिश्ता खून का था, 
खून ने ही रिश्तों का खून कर दिया__ यह कह कर, "मॉं को तू रख लें पापा को मैं"__

©Shalini Nigam #माँ #पापा #​मैं #Nojoto #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine

Ashutosh Mishra

#​मैं NojotoHindi NojotoEnglish NojotoNews Nojotothought

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pramod malakar

#​मैं प्रमोद मालाकार #शायरी

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मैं प्रमोद मालाकार
वक्त का पावन्द , और वक्त का दानी हूं
वक्त से बड़ा कोई दान नहीं
मैं आप का भाई,मुझे थोड़ा भी अभिमान नहीं
मैं सेवक हूं हर घर का,मेरी है पहचान यही
******************************
प्रमोद मालाकार , कार्यसमिति सदस्य
झारखंड प्रदेश , भाजपा , ओबीसी मोर्चा
मानगो , जमशेदपुर,डीमना ,हिलव्यू कालोनी 
""""""""""""""""""""""*******************

©pramod malakar #​मैं प्रमोद मालाकार

Rajshree Das

#​मैं #bollywoodfan #कविता

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meri kalam

#​मैं #walkingalone #विचार

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ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ,
बस अपने आप को मंज़ूर हो जाऊँ..

न बोलूँ सच तो कैसा आईना मैं,
जो बोलूँ सच तो चकना-चूर हो जाऊँ..

बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे,
कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ..

मेरे अंदर से गर दुनिया निकल जाए,
मैं अपने-आप में भरपूर हो जाऊँ।

©meri kalam #​मैं 
#walkingalone

ख़ाकसार

​तकलीफ कागज़ पर मेरी बिकती रही​ ​मैं बैचैन था रातभर लिखता रहा !​ ​छू रहे थे सब बुलंदियाँ आसमान की​ ​मैं सितारों के बीच, चाँद की तरह छिपता रहा!!​ ​दरख़्त होता तो, कब का टूट गया होता​ ​मैं था नाज़ुक डाली, जो सबके आगे झुकता रहा !!​ #Poetry

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​तकलीफ कागज़ पर मेरी बिकती रही​
​मैं बैचैन था रातभर लिखता रहा !​

​छू रहे थे सब बुलंदियाँ आसमान की​
​मैं सितारों के बीच, चाँद की तरह छिपता रहा!!​

​दरख़्त होता तो, कब का टूट गया होता​
​मैं था नाज़ुक डाली, जो सबके आगे झुकता रहा !!​

​बदले यहाँ लोगों ने, रंग अपने-अपने ढंग से​
​रंग मेरा भी निखरा पर, मैं मेहँदी की तरह पिसता रहा!!​

​जिनको जल्दी थी, वो बढ़ चले मंज़िल की ओर​
​मैं समन्दर से राज गहराई के सीखता रहा!!​ ​तकलीफ कागज़ पर मेरी बिकती रही​
​मैं बैचैन था रातभर लिखता रहा !​

​छू रहे थे सब बुलंदियाँ आसमान की​
​मैं सितारों के बीच, चाँद की तरह छिपता रहा!!​

​दरख़्त होता तो, कब का टूट गया होता​
​मैं था नाज़ुक डाली, जो सबके आगे झुकता रहा !!​


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