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तू चली गयी आश्चर्य कैसा तुझे तो जाना ही था तू मेर

तू चली गयी 
आश्चर्य कैसा तुझे तो जाना ही था
तू मेरी थी
अब नही हो न तो दर्द आखिर कैसा
सुनी खबर तो
लगा कि बताती नही तो असर कैसा
कोई बात नही
बिन बताये चली गयी खुश हो न
रहना ठीक से
मेरी दुआओ में सदा तुम्हारी होगी
यादों के पल
मेरी जीवन की पुरानी थाती होगी
तेरा जाना 
फिर से हमें रुला गया दुबारा हा
भला वो कैसे
पिछली बार छोड़ आये थे हम ही
तब था थोड़ा
इस बार सदा के लिए चली गयी
रोना था मुझे
इस बार जम कर तुझे गले लगा
लेकिन बेईमान
बिन बोले और को गले लगा गयी
वादे तो थे
बहुत मगर वादा गैरो से निबाह गयी
अच्छा ही है
एक वहम हमे हुआ था वो सच दिखा गयी
उम्मीद फिर भी
आएगी एक दिन नियति लाएगी तुझे
भरोसा है मुझे
हा मुझ पर क्योंकि वो मिलाएगा एक दिन
हा एक दिन
***16जून***

©ranjit Kumar rathour
  चली गयी न

चली गयी न #लव

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