बाहर कि दुनिया देखने के लिए दरवाजे में एक छेद ही काफी है,, खुद को खुद की कैद से आजाद करने के लिए एक नजरिया ही काफी है, बंधन में बंधे हो झूठे किरदारों में जकड़े हो, आजाद होने के लिए शिद्दत से एक उड़ान ही काफी है, जो खुद के लिए अब तक बनाई धारणाएं नियम संस्कार सब मिथ्या ही तो है जिंदगी एक कड़वी हकीकत है जिसमें हर हाल में खुद को खुश रखना है। #जीवनधारा