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जब भी मै कोई गाना सुनती हू पसंद आते ही अपने पसंदी


जब भी मै कोई गाना सुनती हू
पसंद आते ही अपने पसंदीदा प्लेलिस्ट मे
सेव कर लेती हू

ये पता होते हुए भी की दोबारा शायद ही
मै कभी अपने पसंदीदा प्लेलिस्ट को
 खोल पाऊ
 पर ना सेव करने का मलाल
ना रह  जाए

भले ही वो गाने जेहन मे सैदव 
बजते रहेंगे पर प्लेलिस्ट झरोखों
 मे कैद रहेगा

ठीक वैसे ही जैसे हमे जो इंसान पसंद आता है
हम उसकी यादें सहेज कर रख लेते है

तब भी हमे पता होता है की आगे की जिंदगी
 मे इन यादों को शायद ही हम इत्मिनान
 से खोल पाए
फिर भी उन यादों का कतरा कतरा हम स्मृति
 मे कैद कर लेना चाहते है

फिर वो यादें हमारे रूह पर अमिट हो जाती है
और हमेशा इस तरह रहती है की जैसे जिस्म के बिना
रूह अधूरा होता है

ऐसा है की कुछ चीजे 
कुछ संगीत
कुछ बातें
कुछ यादें
और कुछ इंसान
हमारे स्मृति के प्लेलिस्ट मे 
हमेशा हमेशा के लिए कैद हो जाते है
कुछ सैड सोंग की तरह
तो कुछ लव सोंग की तरह

©चाँदनी
  #MusicIsHealing