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मेरे बाद गर हो जाऊँ मैं जब रूख़सत-ए-ज़िन्दग़ी ।

मेरे बाद

गर हो जाऊँ मैं जब रूख़सत-ए-ज़िन्दग़ी ।

तुम जन्नत सा अपना जहाँ इक बसाना ।।

सुनें होंगे घरौंदे, दिल की गलियाँ सभी ।

उन गलियों में इक आशियाँ तुम बनाना ।।

गर हो जाऊँ मैं जब रूख़सत-ए-ज़िन्दग़ी ।

तुम जन्नत सा अपना जहाँ इक बसाना ।।

चूने-चूने जो लाना तुम बागों से फूल ।

उन फूलों से ख़ुद को बख़ूबी सजाना ।।

सजना तुम सँवारना, चाँदनी बनके रहना ।

मेरे चाँद के टुकड़े, को यूँ जगमगाये तुम रखना ।।

गर हो जाऊँ मैं जब रूख़सत-ए-ज़िन्दग़ी ।

तुमजन्नत सा अपना जहाँ इक बसाना ।।

राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी 
(भाग-1) मेरे बाद
मेरे बाद

गर हो जाऊँ मैं जब रूख़सत-ए-ज़िन्दग़ी ।

तुम जन्नत सा अपना जहाँ इक बसाना ।।

सुनें होंगे घरौंदे, दिल की गलियाँ सभी ।

उन गलियों में इक आशियाँ तुम बनाना ।।

गर हो जाऊँ मैं जब रूख़सत-ए-ज़िन्दग़ी ।

तुम जन्नत सा अपना जहाँ इक बसाना ।।

चूने-चूने जो लाना तुम बागों से फूल ।

उन फूलों से ख़ुद को बख़ूबी सजाना ।।

सजना तुम सँवारना, चाँदनी बनके रहना ।

मेरे चाँद के टुकड़े, को यूँ जगमगाये तुम रखना ।।

गर हो जाऊँ मैं जब रूख़सत-ए-ज़िन्दग़ी ।

तुमजन्नत सा अपना जहाँ इक बसाना ।।

राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी 
(भाग-1) मेरे बाद
nojotouser6137488637

Raone

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मेरे बाद #संगीत