ram lalla मेरे राम तुम कहां हो घनश्याम तुम कहां हो.. आ जाओ फिर धरा पे सुखधाम तुम कहाँ हो..! आकर तो देखो धरती असहाय हो रही है पापों को सहते सहते सामर्थ्य खो रही है अबकी करो न देरी डूबे धरम यहां हो आ जाओ फिर धरा पे सुखधाम तुम कहाँ हो..! जो हैं तेरे सहारे तुझको पुकारते हैं जुल्मो सितम से आहत रस्ता निहारते हैं सुन लो पुकार सबकी अविराम तुम कहां हो.. आ जाओ फिर धरा पे सुखधाम तुम कहाँ हो..! जीना हुआ है मुश्किल तेरे नाम के सहारे मझधार में है नैया आकर लगा किनारे बर्बाद हो ना जाए निर्बल का आशियाँ हो आ जाओ फिर धरा पे सुखधाम तुम कहां हो.. पूछे न कोई हमसे कैसी गुजर हमारी लेते ही नाम तेरा तन पे चले कटारी ऐसा न हो भगत का नामों निशान न हो आ जाओ फिर धरा पे सुखधाम तुम कहां हो.. ©अज्ञात #ramlalla