Nojoto: Largest Storytelling Platform
rakeshsoni5187
  • 701Stories
  • 3.2LacFollowers
  • 2.1LacLove
    17.4LacViews

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

  • Popular
  • Latest
  • Video
d7a593bfbca4b0dec4495bec89e9d8f8

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

White चले आओ ज़ानिब, घड़ी दो घड़ी को 
उदासी का आलम गुजरता नहीं है..!!

खताओं को दिल से लगाये ना रखना 
हमारी वफायें भुलाये ना रखना 
तुम्हारे बिना दिल धड़कता नहीं है..!!
उदासी का आलम गुजरता नहीं है..!!

तुम्हारे बिना अब जिया भी न जाये 
न रूठो कि दिल ये सम्भल भी न पाये 
तुम्हें क्या ख़बर दिल सम्भलता नहीं है..!!
उदासी का आलम गुजरता नहीं है..!!

मिले दिल को राहत नज़र भर जो देखो 
ख़ुदा की कसम ये दिल-ओ-जान ले लो 
घड़ी भर में कुछ भी बिगड़ता नहीं है..!!
उदासी का आलम गुजरता नहीं है..!!

मुझे इल्म है ये वफ़ा कम ना होगी 
कहीं ना कहीं तो जगह दिल में होगी 
यही सोचकर दिल बिखरता नहीं है  
उदासी का आलम गुजरता नहीं है..!!
 
चले आओ ज़ानिब, घड़ी दो घड़ी को 
उदासी का आलम गुजरता नहीं है..!!

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #Sad_Status
d7a593bfbca4b0dec4495bec89e9d8f8

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

Village Life जन्नत है गाँव की आब ओ हवा 
और तुम्हें जहन्नुम-ए-शहर लुभा रहा है 

अमृत को ठुकराके विष पी रहे 
और कहते हो तनाव ज़िंदगी खा रहा है

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #villagelife
d7a593bfbca4b0dec4495bec89e9d8f8

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

White आदत कैसी भी हो इक रोज छूट जाना है 
लुटेरा आयेगा जिस दिन सब लूट जाना है 

मैं गुनाह अपने छुपा तो लूँ जहाँ से ए ख़ुदा 
तेरी निगाह में आते ही भांडा फूट जाना है 

है नाजुक तासीर उसकी न ज़ख्म दिया कर उसे 
शीशा कहूँ या दिल उसे फिर टूट जाना है 

बनाकर काठ का पुतला नचा ले ज़िंदगी 
तिरे इशारे हमें इस खूट से उस खूट जाना है 

न जाऊँगा कभी उस गली उस मकाँ उसके 
कहीं नज़र में आया तो फिर रूठ जाना है

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #Sad_Status
d7a593bfbca4b0dec4495bec89e9d8f8

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

White रोक ले वक्त,किसी में बल नहीं 
मौत सवाल तो है, पर हल नहीं 
है किसकी तलाश और क्यूँ तुझे 
यहाँ जो आज है वो कल नहीं

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #Sad_Status
d7a593bfbca4b0dec4495bec89e9d8f8

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

White सुनता कोई नहीं कहे सब जा रहे हैं 
लौटना फिर वहीं है जहाँ से चले आ रहे हैं

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #Sad_Status
d7a593bfbca4b0dec4495bec89e9d8f8

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

White भावनात्मक अंतरद्वन्द के चलते अचानक मेरे अंतर से मानो कोई रणचंडी बाहर प्रगट हो गई.. मैं सम्भल पाता इससे पहले ही मानो मुझ पर अपनी कृपाण वाणी से प्रहार पर प्रहार कर दिये हों।
धधकती ज्वाला सी मुझे झकझोर कर बोली.. 
-" आज ख़ुद आई हूँ निकल कर.. तंग आ गई हूँ तुझसे.. ये क्या किया रे...??
हर किसी में मुझे इमेजिन करता रहता है.. निर्लज्ज एक साथ कितनी कश्तियों में सवार होगा तू... !! कितनी बार कहा मैं अदृश्य हूँ..एक भाव हूँ..तेरे अंतर का..!
तेरी खोपड़ी में बात घुसती नहीं क्या.. कहाँ तुझे ले जाना चाहती थी मैं..और कहाँ उलझकर रह गया तू.. मूढ़ कहीं का... कब सुधरेगा तू..! प्रेम प्रेम प्रेम..!एक ही रट लगा रख्खी है..!
यथार्थ में जीना क्यूँ नहीं सीखता.. तू.. !!
हर जगह मुझे उपहास का पात्र बना डाला.. इसलिये तेरे चित्त से निकलकर मुझे जाना होगा.. अब तू कैसे जियेगा ये तू समझ..
हे भगवान क्या सोचा था क्या हो गया.. तुझे क्या बनता देखना चाहती थी और तू क्या बन गया..? 
कलमरानी मेरे बगल में चुपचाप ये तमाशा देख रही थी... मगर रौद्र रूप के समक्ष सौम्य रूप कहाँ टिक पाया है..?
कुछ कह पाती इससे पहले ही एक जोरदार खिसियाहट निकली.. 
-"तू तो चुप ही रह कलमरानी.. इसके इशारों पर नाचते रहती है बस...! कोई सफाई नहीं सुननी मुझे तेरी..!
फिर भी कलमरानी ने हिम्मत करके कहा -शांत हो जाइये इसकी बिडंबना भी तो समझिये ना..! ऐसे आप इसके अंतर से निकल जायेंगे तो अंधकार हो जायेगा
इसके जीवन में..! 
चेतना- ये इसी योग्य है.. इसे इसी अग्नि में जलना होगा... मैं चली...? 
और इतना कहकर वो चली गई....
कलमरानी मुझसे लिपट गई...
रो पड़ी और बोली
ख़ुद को संभाले रखनामैं हूँ ना तुम्हारे पास..!
दुनिया छोड़ भी दे तुझे मैं न छोडूंगी तेरा साथ..!

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #Sad_Status
d7a593bfbca4b0dec4495bec89e9d8f8

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

White सुनो,
स्वयं को उस मुकाम पर
स्थापित करो जहाँ
मेरे मिलन की आस न हो
स्पर्श की प्यास न हो 
बिछोह की दाह न हो..
मैं रहूँ न रहूँ जमीं पे
मेरे अभाव पर विश्वास न हो..
तब समझ लेना
तुम परम् को पा गये
प्रेम को पूरा समा गये...!

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #love_shayari
d7a593bfbca4b0dec4495bec89e9d8f8

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

दया की मूरत पे वारी जाऊं
         सदा भगत के जो वश रही है..!

अनादिकाले नयनकमल से  
        अथाह करुणा परस रही है..!

कृपा की गंगा चरणकमल से 
        दसों दिशा में निकस रही है..!

जिन्हें थी पाने को प्यासी अँखियाँ
          उन्हें ही पाकर बरस रही है..!

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #NojotoRamleela
d7a593bfbca4b0dec4495bec89e9d8f8

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

White जहाँ के मालिक जहाँ तुम्हारा
उसी जहाँ में मेरी बसर है..!

हे राम मेरे दया के सागर
मैं दीन मुझ पर कृपा अगर है..!

भटक न जाऊं नज़र में रखना
तेरी बदौलत ही रहगुजर है..!

तेरी ही माया का जोर तुझसे 
छुड़ा न ले बस उसी का डर है..!

ना कुछ है मेरा न मैं ही कुछ हूँ
मेरा ठिकाना तो तेरा दर है..!

कभी जो डूबूँ तो थाम लेना
जो मुझपे करुणा भरी नज़र है..!

ना मागूं तुझसे कोई खजाना
मेरा ठिकाना तो तेरा दर है..!

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #ramnavmi
d7a593bfbca4b0dec4495bec89e9d8f8

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

White जिस तरह धर्म पथ पर 
अवरोध बहुत हैं..! 
उसी तरह प्रेम पथ पर 
विरोध बहुत हैं.. !
संभलकर नहीं चले तो
ठोकर खाओगे और 
गिर भी जाओगे..!
स्वयं कलंकित होकर 
प्रेम को भी कलंकित कर जाओगे..!
फिर क्या होगा..? 
ये पवित्र पंथ 
मलिन और भयावह हो जायेगा..!
इसमें चलने का साहस
कौन जुटा पायेगा..?  
तब ख़ुद ही सोचो 
प्रेम पंथ पर कौन चलेगा..? 
और जब 
प्रेम पंथ ही सुनसान रह जायेगा 
तो ये संसार भी शमसान हो जायेगा..?  
हो सके तो वासना से 
सुभावना की ओर बढ़ो..!
ये प्रेम परमात्मा है 
उपासना की ओर बढ़ो..!

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #prem.. 
#The power of God

#Prem.. The power of God #विचार

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile