मैं कर सकूं बया... जो लफ्जों को अपनी कलम से... तुम समझ लेना! दर्द उठता है सीने में... दर्द का एक हिस्सा.. तुम महसूस कर लेना! मोहब्बत में बेइंतहाई का आलम क्या है... रखकर हाथ सीने में अपने... मेरी धड़कनों को सुन लेना! बंद पलको मे भी.. जो अश्क भिगोने लगे चेहरा तुम्हारा... मैं हूं वही...तुम में ही... मुझे वही रोक लेना! ©deepti #WithU