एक झलक' ~~~~~ कवियों और लेखकों के लिए ~~~~~ आज जो तेरी एक झलक पाने के लिए बेताब हुए बैठें है ! उन्हें क्या पता है वो ख़ुद के चेहरे नक़ाब में छुपाये बैठे है !! जो कहते है अब वक्त की कमी है "राहुल "मेरे लिए आज, कभी लेखको को देख लो तेरा अक्स भी खुद में समाए बैठें है !१! तेरी मधु कविताओं के पन्नो के आगोश में दिल आज भी है , तू शब्द है या शब्द समूह है तू, इस खोज में मन आज भी है ! मैं ढूढ़ता हूँ जिन भाव को इन गुल की पंक्तियों में आज कहीं , इन मधुपों की गलियों में वो छंद कलियाँ रसदार आज भी है !२! सभी साथी मित्रों और हिंदी साहित्य प्रेमियों को समर्पित #jhalak ~~~~~ कवियों और लेखकों के लिए ~~~~~ आज जो तेरी एक झलक पाने के लिए बेताब हुए बैठें है ! उन्हें क्या पता है वो ख़ुद के चेहरे नक़ाब में छुपाये बैठे है !! जो कहते है अब वक्त की कमी है "राहुल "मेरे लिए आज, कभी लेखको को देख लो तेरा अक्स भी खुद में समाए बैठें है !१!