Nojoto: Largest Storytelling Platform

बिखरे हुए से अंधेरे हैं मुझमें, ऐसी रातों को तुम अ

बिखरे हुए से अंधेरे हैं मुझमें,
ऐसी रातों को तुम अपनाओगे क्या?
अक्सर खयालों से बेचैन रहती हूँ,
हाथ थामकर गले लगाओगे क्या?

©amrit #endure_rhythm
बिखरे हुए से अंधेरे हैं मुझमें,
ऐसी रातों को तुम अपनाओगे क्या?
अक्सर खयालों से बेचैन रहती हूँ,
हाथ थामकर गले लगाओगे क्या?

©amrit #endure_rhythm
amritagupta4527

amrit

New Creator