ज्वाला का दाह तू, तू ही शीतल छांव है। जो देख तुझे ना मुड़े तेरी ओर उसमे कुछ ना कुछ अभाव है। तेरी कोमल सी हसी भी प्यारी, तेरा प्यारा सा स्वभाव है। तेरी छवि देख कर तेरे पास होने का अनुभव हो, हां ऐसा तेरा प्रभाव है। #ज्वाला का दाह तू, तू ही शीतल #छांव है। जो देख तुझे ना मुड़े तेरी और उसमे कुछ ना कुछ #अभाव है।तेरी कोमल सी हसी भी प्यारी, तेरा प्यारा सा #स्वभाव है। तेरी छवि देख कर तेरे पास होने का अनुभव हो, हां ऐसा तेरा #प्रभाव है।