माँ ही हैं जो शुद्ध मन से खाना पकाती हैं,
प्यार का तड़का लगाती हैं,
ममता का मसाला छिड़काती हैं,
समर्पण भाव का नमक डालती हैं,
पवित्रता का ज़रा छोंका लगाती हैं,
ममत्व से परोसती हैं,
स्नेह का टुकड़ा प्यार से खिलाती हैं,
बस यही कारण हैं कि माँ तेरे जैसे खाने का स्वाद , #Mother#yqbaba#hkkhindipoetry#मातृभाषादिवस#यकदीदी