कितनी बार ऐसा होता है आप कोई कार्य करने के लिए किसी को सौंप देते हैं अब वो व्यक्ति उस कार्य को पूर्ण नहीं कर पाता अधूरा छोड़ देता है या ठीक से नहीं कर पाता अब इस परिस्थिती में होता क्या है आप क्रोधित हो जाते हैं उस व्यक्ति से रूष्ट हो जाते हैं उसे डांट लगाते हैं उसके पश्चात उस कार्य को संपन्न करने के लिए आप स्वयं जुट जाते हैं और अंततः वो कार्य पूर्ण हो ही जाता हैं। अब इसमें समस्या उस व्यक्ति के प्रयास की नहीं थी, समस्या आपने झो उस व्यक्ति के प्रति आस रखी उसकी थी, हम दूसरो के प्रति अपनी आस को प्रथम सीडी बना लेते हैं और स्वयं पर विश्वास को अंतिम सहारा इसके स्थान पर होना ये चाहिए कि स्वयं पर विश्वास को हमें प्रथम सीडी बनानी होगी उसे अपना सहायक मानना होगा यदि ऐसा करोगे तो परिणाम और भी सुख और भी आनंददायी होंगे स्मरण रखिएगा इस संसार में आपका सबसे बड़ा सहायक और कोई नहीं इस संसार में आपका सबसे बड़ा तारणहार और कोई नहीं स्वयं आप हैं। राधे राधे ©Karan Mehra #krishnvani