सिया राम का मिलन होगा । तभी वध रावण का होगा ।। सिया राम को तभी मिलेगी। जब राम सा कोई पुरुष मिलेगा।। विदेहराज ने वैदेही का स्वयंवर जो रखवाया एक शर्त को पूरा करने परमवीरो को बुलाया उठाकर धनुष शिव का जो भी प्रत्यंचा चढ़ाएगा वहीं परमवीर प्रतापी सिया संग ब्याह रचाएगा स्वयंवर की शोभा बढ़ाने विश्वामित्र बुलवाए वैदैही संग ब्याह रचाने राम जनकपुरी आए