Nojoto: Largest Storytelling Platform
priyanshibhatt4194
  • 728Stories
  • 188Followers
  • 1.3KLove
    11.0KViews

शब्दिता

देशभक्त, मानवतावादी

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
e23778da5a787933513216f833737b79

शब्दिता

अब हार - जीत 
किस्मत से नहीं सौदे से हासिल हो रही है।

©शब्दिता #Chess 
#हार-जीत
e23778da5a787933513216f833737b79

शब्दिता

मैं ढूंढता रहा तूझे
 मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में
 कभी झांक कर नहीं देखा था 
तुझे अपने मन के अंधियारे में
जब देखने बैठा खुद को भीतर से
रोशन किया हृदय मेरा तूने...

©शब्दिता
  #shiva #medition
e23778da5a787933513216f833737b79

शब्दिता

जिसके तात मात बंधु भ्राता सखा कृष्ण हो,
उसकी आंखों में भला अश्रु कैसे हो।
जिनकी करुणामई आंखों से करुणा छलकती हो,
भला उसका दास उदास कैसे हो।
बंसी मनोहर अधरो पर धरी हो,
छवि देख ऐसी मीरा भौतिक सुख छोड़ चली  हो।
मंद मंद मुस्कान अधरों पर देख कर मुरलीधर की
व्याकुल द्रौपदी भी परिस्थितियों से बच निकली हो।
जिसके तात मात बंधु भ्राता सखा कृष्ण हो,
उसकी आंखों में भला अश्रु कैसे हो।

©शब्दिता
e23778da5a787933513216f833737b79

शब्दिता

देखो
 इन वृक्षों ने दी है,
धूप में तप्त मनुष्य को 
छांव , फल‌‌ , शुद्ध वायु आदि 
फिर भी अपने भौतिक सुख हित 
इन वृक्षों को काट स्वयं के लिए
उत्पन्न करता बर्बादी... 
तो बताओ कहां सम्मान होगा नारी का भी
जो देती है ममता की छाया,
 पुत्र - पुत्री की माया
जो घर आंगन की शोभा बढ़ाती है।
अज्ञान में रहेगी नारी
तो सब कुछ देकर भी वृक्ष सम काटी जाएगी
ज्ञान में रहेगी
तो आंच स्वयं पर ना आएगी।
करेगी हर प्रकार के शोषण का
उन्मूलन स्वयं के साथ-साथ नारी जाति के लिए उदाहरण बन जाएगी

©शब्दिता
  #WinterSunset 
देखो
 इन वृक्षों ने दी है,
धूप में तप्त मनुष्य को 
छांव , फल‌‌ , शुद्ध वायु आदि 
फिर भी अपने #भौतिक सुख हित 
इन वृक्षों को काट स्वयं के लिए
उत्पन्न करता बर्बादी...

#WinterSunset देखो इन वृक्षों ने दी है, धूप में तप्त मनुष्य को छांव , फल‌‌ , शुद्ध वायु आदि फिर भी अपने #भौतिक सुख हित इन वृक्षों को काट स्वयं के लिए उत्पन्न करता बर्बादी... #नारी #ममता #कविता #जाति #शोषण #उदाहरण #शोभा #उन्मूलन

46 Views

e23778da5a787933513216f833737b79

शब्दिता

अंधेरा तब है जब मान लिया अंधेरा है
रोशनी तब है जब ठान
 लिया ढूंढनी रोशनी है।
हार तब है जब मान लिया
 हार को
जीत तब है जब मान लिया और 
पा लिया जीत को...!

©शब्दिता #Light
e23778da5a787933513216f833737b79

शब्दिता

#self_respect 
#respact
e23778da5a787933513216f833737b79

शब्दिता

127 Views

e23778da5a787933513216f833737b79

शब्दिता

#Sadmusic 
#Ramcharitmanasakhandpath
e23778da5a787933513216f833737b79

शब्दिता

माना अभी अकेला हूं मैं 
पर हूं नहीं हताश मैं
 जिस दिन उम्मीदें टूटेंगी
 उस दिन दुनिया के नहीं
       खुदा के आगे रो दूंगा मैं.....

©शब्दिता
e23778da5a787933513216f833737b79

शब्दिता

जैसे कुदरत के बीच
 हम आजाद महसूस करते हैं।
वैसे ही जब तक 
कुदरत की आजादी देने
 वाला न मिले तब किसी
इंसान को तवज्जो न देना।

©शब्दिता
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile